गर्भपात का विरोध करती एक कार्यकर्ता गर्भपात का विरोध करती एक कार्यकर्ता 

कार्डिनल ग्रेसियस ˸ गर्भपात कानून के खिलाफ शोक दिवस

भारत का गर्भपात कानून 10 अगस्त को 50 साल पुराना हो जाएगा। भारतीय धर्माध्यक्षों से भारतीय समाज में जीवन समर्थक मानसिकता को बढ़ावा देने का आग्रह किया जाता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, शनिवार, 7 अगस्त 2021 (एशियान्यूज)- भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष एवं मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने भारत के सभी धर्माध्यक्षों से अपील की है कि देश में गर्भपात कानून की 50वीं वर्षगांठ पर 10 अगस्त को राष्ट्रीय "शोक दिवस" मनाया जाए।  

भारत के धर्माध्यक्षों को प्रेषित एक पत्र में कार्डिनल ग्रेसियस ने बतलाया है कि उस कानून के बाद हमारे देश में [...] इस जीवन-विरोधी प्रवृत्ति के धीमा होने का कोई संकेत नहीं है।"

इस दिवस का उद्देश्य है " अवांछित बच्चों की हत्या पर दुःख व्यक्त करना" ताकि "हम अपने समाज में जीवन समर्थक मानसिकता को बढ़ावा दे सकते हैं।"

पत्र कुछ पहलों का सुझाव देता है जिन्हें इस शोक दिवस के दिन लागू किया जा सकता है।

कल्याण के धर्माध्यक्ष थॉमस एलवानाल ने कहा, "ईश्वर जीवन के सृष्टिकर्ता हैं। जीवन पवित्र है और ईश्वर की नजरों में मूल्यवान है अतः जीवन की रक्षा की जानी चाहिए तथा इसके अस्तित्व के प्रथम क्षण से ही इसके अधिकार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए अर्थात् गर्भ से कब्र तक रक्षा की जानी चाहिए।"

जीवन के लिए परमधर्मपीठीय अकादमी के मुम्बई डॉक्टर के सदस्य डॉ. पास्कल कार्वाल्हो ने कहा, "कोई भी मेडिकल कार्रवाई सिर्फ जीवन की रक्षा के मकसद से की जानी चाहिए"। "गर्भपात, एक चिकित्सा हस्तक्षेप द्वारा, एक रक्षाहीन व्यक्ति के प्रति एक भयानक कृत्य को छिपाने का एक सूक्ष्म तरीका है"।

डॉक्टर ने कहा, "शुरुआत में एमटीपी अधिनियम [*] ने गर्भावस्था को 20 सप्ताह तक समाप्त करने की अनुमति दी थी।" लेकिन लगभग "50 साल बाद मार्च 2021 को, अधिनियम में संशोधन ने 24 सप्ताह तक गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी है।"

डॉ. कार्वाल्हो के लिए, "गर्भधारण के क्षण से, यानी गर्भ में अपने जीवन के पहले दिन से, अजन्मा बच्चा एक व्यक्ति है और किसी भी वयस्क के समान अधिकार रखता है।"

आज भारत की काथलिक कलीसिया में शाम 8.30 से 9.30 तक कोविड-19 के कारण कठिनाइयों में पड़े लोगों के लिए एक घंटे की विशेष प्रार्थना की जाएगी।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

07 August 2021, 16:19