पापुआ न्यू गिनी के धर्माध्यक्षों द्वारा शरणार्थियों के पुनर्वास की मांग
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
पापूआ न्यू गिनी, मंगलवार, 20 जुलाई 2021 (रेई)- अपील 'निरोध की नीति' की 8वीं वर्षगांठ पर '19 जुलाई को की गई जिसे ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 2013 में पेश किया था। इसके अनुसार बिना वीजा के आश्रय की खोज में आनेवाले लोगों के लिए देश में पुनर्वास हेतु स्थायी प्रतिबंध लगाया गया है।
ऑस्ट्रेलिया का अपतटीय प्रसंस्करण प्रणाली
ऑस्ट्रेलिया के शरणार्थी समिति के अनुसार अपतटीय प्रसंस्करण प्रणाली की शुरूआत 13 अगस्त 2012 को हुई है जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने करीब 4 हजार लोगों को पापुआ न्यू गिनी और सुदूर द्वीप नौरो में भेज दिया था। उनमें से 3,127 को 19 जुलाई 2013 से दो देशों में भेज दिया गया।
ऑस्ट्रेलियाई संसद को खुला पत्र
उनमें से अधिकांश ने अब पापुआ न्यू गिनी छोड़ दिया है और केवल 127 शरणार्थी बाकी रह गये हैं, जिनके पुनर्वास की संभावना नहीं है और उन्हें अनिश्चित काल के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। यही कारण है कि पापुआ न्यू गिनी के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन और सोलोमोन द्वीप ने एक खुले पत्र में ऑस्ट्रेलिया के संसद का आह्वान किया कि वह कानून में सुधार करे ताकि बहुत अधिक पीड़ा के बाद वे ऑस्ट्रेलिया में स्वतंत्रता एवं आश्रय पा सकें। यह तथ्य भी सही है कि उनकी लंबी अवधि की नजरबंदी ने ऑस्ट्रेलिया में अवैध अप्रवासियों के आगमन को रोकने के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद की है।
धर्माध्यक्षों ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए एक नये तरीके को अपनाने हेतु दयालु नेता की आवश्यकता है।
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