कार्डिनल नेपियर ने दक्षिण अफ्रीका के लिए प्रार्थना का आग्रह किया
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
दक्षिणी अफ्रीका, मंगलवार, 20 जुलाई 2021 (रेई)- दक्षिण अफ्रीका हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर दंगों और लूटपाट की चपेट में रहा है, देश ने 1994 में लोकतंत्र हासिल करने के बाद से सबसे खराब हिंसा देखी है। 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और 1000 से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं क्योंकि सुरक्षा बलों ने व्यवस्था बहाल करने के लिए संघर्ष किया है।
तनाव 8 जुलाई को शुरू हुई, जब दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति के रूप में, जैकब जुमा ने अदालत की अवमानना के लिए 15 महीने की जेल की सजा काटने के लिए खुद को अधिकारियों के हवाले कर दिया। ज़ूमा के समर्थकों ने उनके गृह प्रांत क्वाज़ुलु-नताल में सड़कों पर नाकेबंदी की और विरोध में राजमार्गों पर टायर और वाहन जलाए। विरोध गौतेंग प्रांत, जोहान्सबर्ग और प्रिटोरिया सहित अन्य क्षेत्रों में फैल गया। भीड़ ने शॉपिंग मॉल, कारखानों और गोदामों को निशाना बनाया, कुछ को जला दिया और कुछ को लूटा।
जब नागरिक व्यवस्था को फिर से स्थापित करने के लिए विरोध और अधिकारियों की लड़ाई के बाद सफाई अभियान जारी है, देश में विरोध का व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है, जिसे कोरोनोवायरस महामारी की तीन लहरों द्वारा गंभीर रूप से चुनौती दी गई है, कठिन सामाजिक-आर्थिक स्थित को बदतर कर दिया है।
संत पापा की अपील
रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान, पोप फ्रांसिस ने दक्षिण अफ्रीका के राजनेताओं, दल के नेताओं और हिंसा में शामिल लोगों से शांति बहाल करने हेतु मिलकर काम करने की अपील की थी। संत पापा ने यह भी प्रार्थना की थी कि जिस इच्छा ने दक्षिण अफ्रीका के लोगों का मार्गदर्शन किया - उसके सभी बच्चों के बीच सद्भाव के पुनर्जन्म को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
संत पापा ने कहा, "देश के धर्माध्यक्षों के साथ मैं उन सभी लोगों से अपनी हार्दिक अपील करता हूं जो इसमें शामिल हैं, कि वे शांति के लिए काम कर सकें और अधिकारियों के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों की सहायता करें।"
संत पापा की प्रार्थना के लिए कृतज्ञता
वाटिकन न्यूज की पत्रकार लिंडा बोरदोनी को दिये एक साक्षात्कार में कार्डिनल विल्फ्रेड फोक्स नेपियर ने देश में हाल के तनाव के कारण उत्पन्न स्थिति एवं शांति हेतु संत पापा की अपील पर चर्चा की।
दक्षिणी अफ्रीका के प्रति संत पापा के सामीप्य के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कार्डिनल नेपियर ने गौर किया कि संत पापा की प्रार्थना एक चिन्ह है कि विश्वव्यापी कलीसिया देश के लिए प्रार्थना कर रही है।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष पीटर वेल्स के प्रति भी अपना आभार प्रकट किया जिन्होंने दक्षिण अफ्रीकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (एसएबीसी), क्वाज़ुलु-नताल ख्रीस्तीय परिषद और दक्षिण अफ्रीकी कलीसियाई परिषद सहित विभिन्न कलीसियाई निकायों के बयानों को संकलित किया और एक रिपोर्ट बनाई जिसे रोम भेजा गया था।
भारी तबाही
विरोध के दिनों की हिंसा और लूटपाट की घटनाओं के प्रभाव पर बोलते हुए, कार्डिनल नेपियर ने कहा कि लगता है कि शांति बहाल हो गई है, लेकिन सड़कों पर अभी भी ऐसे दृश्य हैं जो विनाशकारी विरोध की कहानी बताते हैं।
उन्होंने अपने आवास से थोड़ी दूरी पर एक शॉपिंग मॉल का उदाहरण दिया जो लुटेरों की हरकतों से एक खाली घर बन गया है। कार्डिनल ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "तनाव से पहले, आपको वहां भोजन से लेकर उच्चतम तकनीक की सभी चीजें मिल सकती हैं।"
कार्डिनल नेपियर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि विरोध प्रदर्शनों ने विशेष रूप से गरीब लोगों के बीच कमी के लिए चिंताएं पैदा कर दी हैं। उन्होंने कहा, बहुत से लोग भूख का सामना कर रहे हैं।
कार्डिनल नेपियर ने गरीबों की दुर्दशा पर शोक व्यक्त की, जो नेताओं की "त्रासदी" के शिकार हैं, जिन्होंने स्वार्थी और पक्षपातपूर्ण हितों को देश के हितों से आगे निकलने की अनुमति दी है और गवर्निंग पार्टी को बनाए रखने या सत्ता हासिल करने के लिए "देश के भविष्य का बलिदान करने के लिए तैयार हैं।”
"यह अत्यन्त बुरा है कि 3 दशकों बाद भी हमारे बीच ऐसे लोग हैं जो चीजों को स्वार्थ की नजर से देखते हैं और वे दक्षिण अफ्रीका के समुदाय को सेवा की नजर से नहीं देखते बल्कि स्वार्स्थ की नजर से देखते हैं।"
गरीबों की सेवा में कलीसिया
चुनौतीपूर्ण स्थिति के बीच, कलीसिया गरीबों और कमजोर लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए प्रयत्नशील है।
कार्डिनल ने आशा व्यक्त की कि देश में हाल की घटनाएं नागरिकों को अच्छे नेतृत्व के लिए बोलने हेतु प्रेरित करेंगी और प्रार्थना की अपील की कि देश के पास गरीबों और कमजोरों की मदद करने के लिए संसाधन हों।
कोविड -19 महामारी में, दक्षिण अफ्रीका ने 60,000 से अधिक लोगों को से खो दिया है। राष्ट्र अभी भी वायरस की तीसरी लहर से जूझ रहा है, जो डेल्टा की चपेट में है।
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