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माली में मोप्ती धर्मप्रांत के पुरोहित एवं 4 लोगों का अपहरण

माली में 21 जून को 5 लोगों का हथियार बंद लोगों ने अपहरण कर लिया। मोप्ती धर्मप्रांत के ग्रामीण शहर सेगुए पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर लियोन ड्यूयन के साथ अन्य चार लोग अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सेगुए से सैन की यात्रा कर रहे थे।

माग्रेट सुनीता मिंज- वाटिकन सिटी

माली, बुधवार 23 जून 2021 (वीएनएस) : माली में 21 जून को मोप्ती धर्मप्रांत के ग्रामीण शहर सेगुए पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर लियोन ड्यूयन के साथ अन्य चार लोगों का अपहरण किया गया। राष्ट्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीईएम) के एक सदस्य फादर एलेक्सिस डेम्बेले ने कहा, "हथियारबंद लोगों ने इनका अपहरण कर लिया था जब वे अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सेगुए से सैन की यात्रा कर रहे थे।" फादर डयूयन के अलावा, सेग्यू के मेयर थिमोथे सोम्बोरो, उप-महापौर पास्कल सोम्बोरो और समुदाय के दो अन्य सदस्य, इम्मानुएल सोम्बोरो और बुटी टोलोफौडी का अपहरण कर लिया गया था। फिलहाल, अधिक विवरण ज्ञात नहीं है।

माली में कलीसिया की चिंता

यह पहली बार नहीं है कि माली में कलीसिया के पुरोहितों, धर्मबहनों और लोकधर्मियों को अपहरण का सामना करना पड़ा है। दो नाटकीय उदाहरणों का उल्लेख करना पर्याप्त है: फादर पियरलुइगी मैककल्ली, जो कि अफ्रीकी मिशन सोसाइटी के सदस्य मिशनरी है, जिसे 2018 में पास के नाइजर में अपहरण कर लिया गया था और अक्टूबर 2020 में माली में रिहा कर दिया गया था और सिस्टर ग्लोरिया सेसिलिया नरवाज़ अर्गोट, जो मरिया इम्माकोलाता की फ्रांसिस्कन धर्मसमाज की सदस्य हैं, उन्हें 2017 में दक्षिणी माली के सिकासो धर्मप्रांत में अगवा किया गया और अभी भी  वे अपहर्ताओं के हाथों में है।

माली की चुनौतियां

हिंसा के मूल में, स्वतंत्रता का तनाव है जो 2012 से देश को भड़का है, साथ ही अल-कायदा और तथाकथित "इस्लामिक स्टेट" के करीब जिहादी समूहों की उपस्थिति भी है। राष्ट्रीय राजनीतिक अस्थिरता भी इतनी मजबूत है कि नौ महीने के अंतराल में दो तख्तापलट हुए हैं, जिसका उद्देश्य राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता की जगह लेना है। आखिरी तख्तापलट 24 मई को हुआ और कर्नल असिमी गोटा को सत्ता में लाया गया, जो अगले चुनावों तक अंतरिम राष्ट्रपति बने।

एक घटना जिसकी राष्ट्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने कड़ी आलोचना की है, एक नोट में इसे "कानून के बाहर सत्ता की जब्ती" के रूप में परिभाषित किया और "बड़ी चिंता एवं दुख" व्यक्त किया। धर्माध्यक्षों ने दोहराया, "हम लोगों की चिंताओं और माली के हितों से दूर व्यक्तिगत गणना से उत्पन्न मौजूदा संकट की कड़ी निंदा करते हैं", अंत में "तनाव को समाप्त करने और एक सामाजिक संघर्ष का सुझाव देने के लिए एक रचनात्मक संवाद" को आमंत्रित किया।

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23 June 2021, 15:04