रोम जेसुइट कूरिया के पुरोहित फादर स्टेन स्वामी की रिहाई के लिए प्रदर्शन करते हुए रोम जेसुइट कूरिया के पुरोहित फादर स्टेन स्वामी की रिहाई के लिए प्रदर्शन करते हुए 

फादर स्टेन स्वामी कोविड -19 संक्रमित पाये गये

जेल में बंद भारतीय जेसुइट पुजारी ने मुंबई के होली फामिली काथलिक अस्पताल में कोविड जैसे लक्षणों के साथ भर्ती होने के 2 दिन बाद 30 मई को कोविड -19 परीक्षण में संक्रमित पाये गये।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

मुंबई, बुधवार 2 जून 2021 (वाटिकन न्यूज) : आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी, जिन्हें 8 अक्टूबर को पूर्वी शहर रांची में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, 9 अक्टूबर से मुंबई के पास भीड़-भाड़ वाली तलोजा सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया है। बीमार 84 वर्षीय पुरोहित ने मुंबई के एक काथलिकों द्वारा संचालित अस्पताल में भर्ती होने के 2 दिन बाद 30 मई को परीक्षण में कोरोना संक्रमित पाये गये।

मुंबई उच्च न्यायालय ने 28 मई को तलोजा जेल अधिकारियों को फादर को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। फादर स्टेन स्वामी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें 15 दिनों के लिए मुंबई के होली फामिली अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिछले कुछ हफ्तों से वे कोविड जैसे लक्षणों से पीड़ित थे, जैसे बुखार, तेज खांसी, सिरदर्द और पेट खराब होना।

प्रार्थना के लिए अपील

फादर स्वामी के मामले की निगरानी कर रहे तमिलनाडु राज्य के एक जेसुइट पुरोहित वकील फादर ए. संथानम ने कहा, "हम सभी से फादर स्वामी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करने की अपील करते हैं, जो अब अन्य बीमारियों के अलावा कोविड -19 से पीड़ित हैं।"  उन्होंने कहा, "हमें सूचित किया गया है कि फादर स्वामी अब कोविड -19 रोगी हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य के बारे में कोई अन्य विवरण नहीं दिया गया है।" उन्होंने कहा कि वे केवल उनके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।

जेल अधिकारियों का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि फादर स्वामी को 18 मई को तलोजा में एंटी-कोविड वैक्सीन की एक खुराक दी गई थी। पार्किंसंस रोग से पीड़ित, फादर स्टेन को एक गिलास से पानी पीने में भी कठिनाई होती है और अपनी मौलिक आवश्यकताओं के लिए सह-कैदियों पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा, उन्हें सुनने की दुर्बलता और उम्र से संबंधित अन्य बीमारियां भी हैं।


रिहाई के लिए कई अपीलें

हाल के महीनों में, भारत में कलीसिया के विभिन्न सदस्यों द्वारा, तथा विदेशों से भी, मानवीय कारणों से उनकी रिहाई के लिए कई अपीलें शुरू की गई हैं, ताकि वे अपने खिलाफ अन्यायपूर्ण आरोपों से खुद का बचाव कर सकें। पिछले साल जनवरी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान तीन भारतीय कार्डिनलों द्वारा की गई अपील का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

विदित हो कि आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले फादर स्वामी को 8 अक्टूबर को 15 अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था, सभी आरोपी, "गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम"(यूपा) के अनुसार, आतंकवाद और माओवादी विद्रोहियों के साथ मिलीभगत और विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य के भीमा-कोरेगांव में 2018 में हुए दंगों में कथित संलिप्तता का आरोप है जिसे फादर ने हमेशा खारिज किया है। उम्र और पार्किंसंस से जुड़ी अनिश्चित स्वास्थ्य स्थितियों के बावजूद, भारतीय अधिकारियों ने अब तक जमानत से इनकार कर दिया है।

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02 June 2021, 15:52