पूर्व कमलूप्स इंडियन आवासीय विद्यालय पूर्व कमलूप्स इंडियन आवासीय विद्यालय  

कनाडा के धर्माध्यक्षों ने सामूहिक कब्रस्थान की खोज पर दुःख व्यक्त किया

कनाडा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने आदिवासी बच्चों के पूर्व आवासीय स्कूल में, सामूहिक कब्रस्थान पर सैंकड़ों बच्चों के अवशेष पाये जाने पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

कनाडा, मंगलवार, 1 जून 2021 (रेई)- कनाडा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रिचार्ड गगनोन ने सोमवार को एक वक्तव्य में कहा, "कनाडा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की ओर से, मैं पहले देश तेकेमलूस एत सेकवेपेसेक में पूर्व कमलूप्स इंडियन रेजिडेंशियल स्कूल के बच्चों के हृदयविदारक क्षति के लिए गहरा दुःख व्यक्त करता हूँ।  

215 बच्चों के अवशेष, जिनमें से कुछ बच्चे 3 वर्ष की आयु के थे, पिछले सप्ताह कनाडा के सबसे बड़े आदिवासी आवासीय विद्यालय के स्थान पर पाए गए थे।

कमलूप्स इंडियन आवासीय विद्यालय 1890 से 1969 तक ज्यादातर काथलिक प्रशासन के अधीन था। 1969 में संघीय सरकार ने स्कूल का प्रशासन अपने हाथ में ले लिया और 1978 में इसे बंद कर दिया।

वैंकोवर के महाधर्माध्यक्ष ने इस खोज पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है, "हाल की खोज की खबर बहुत परेशान करनेवाली है। इससे पूरे देश के सामने वाले कई समुदायों को आघात पहुँचा है।"

महाधर्माध्यक्ष गगनोन ने कहा कि गंभीर त्रासदी विशेष रूप से आदिवासी समुदायों पर गहरा असर डाला है "जिनके साथ अब कई लोग एकजुटता में खड़े हैं।"

इस संबंध में, "इन छोटों की गरिमा का सम्मान करने की आवश्यकता है जिन्होंने अपनी जान गंवाई है उनकी सच्चाई को प्रकाश में लाया जाना चाहिए।" कनाडा के महाधर्माध्यक्ष ने "वर्तमान में, भविष्य के लिए अधिक से अधिक चंगाई और मेल-मिलाप की खोज करने हेतु" आदिवासी लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की कनाडाई धर्माध्यक्षों की प्रतिबद्धता दोहरायी।

"हम उन बच्चों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और हम आदिवासी परिवारों और समुदायों को निरंतर साथ देने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करते हैं।"

महाधर्माध्यक्ष माईकेल मिल्लर ने गौर किया कि "समय बीतने के साथ उस पीड़ा को मिटाया नहीं जा सकता है जो प्रभावित आदिवासी समुदायों को छूती है" और "उस दुःख को ठीक करने के लिए हम जो कुछ भी कर सकते हैं" करने का संकल्प लेते हैं। 

 

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01 June 2021, 16:20