ब्रिटेन और स्कॉटलैंड के धर्माध्यक्षों द्वारा आप्रवासियों के संरक्षण की अपील
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
इंगलैंड, मंगलवार, 11 मई 2021 (वीएनएस)- ब्रिटेन और स्कॉटलैंड के धर्माध्यक्षों ने गृह सचिव, प्रीति पटेल को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने धर्माध्यक्ष, साथ ही अन्य काथलिक संगठन के आप्रवासन की नई योजना में समर्थन व्यक्त की है।
योजना को 24 मार्च को वेस्टमिनिस्टर संसद में प्रस्तुत किया गया था जिसके अनुसार इंगलैंड में वैध रूप से प्रविष्ट आश्रय की खोज करनेवालों को सुविधाएँ प्रदान की जायेंगीं जबकि अवैध रूप से प्रवेश करनेवाले लोगों के आवेदन को अस्वीकार किया जाएगा और यदि अवैध रूप में प्रवेश किये गये आप्रवासी के आवेदन को स्वीकार कर भी लिया गया हो तो उन्हें अस्थायी सुरक्षा ही प्रदान की जाएगी, जिसमें वे कानून के द्वारा मंजूरी दिये गये लाभ से वंचित होंगे।
कार्यकारी के अनुसार, यह व्यवस्था को "तेज और न्यायपूर्ण" बनाने के लिए काम करेगा और अपराध पर नकेल कसते हुए यूके को कमजोर लोगों की मदद करने की अनुमति देगा। हालांकि, कई लोगों ने इस नई योजना के नैतिक प्रभाव पर सवाल उठाया है।
अंतरिम मंत्री प्रीति पटेल को सम्बोधित पत्र में इंगलैंड एवं वेल्स के धर्माध्यक्षीय सम्मलेन के आप्रवासी एवं शरणार्थी विभाग के अध्यक्ष मोनसिन्योर पौल मैकलिन्नान तथा स्कोटिश काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय एवं शांति विभाग के अध्यक्ष मोनसिन्योर विलियम नोलन ने याद किया है कि विश्व आप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस के लिए अपने संदेश में संत पापा ने निमंत्रण दिया है कि "हम वृहद हम की ओर बढ़ें" तथा उन दीवारों को तोड़ डालें जो अलग करते और उसके बदले सेतु का निर्माण करें जो मुलाकात की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, सभी मानव व्यक्ति को पहचानना, इस बात को स्वीकार करना है कि सभी मानव प्राणी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं एवं ईश्वर के प्रतिरूप में गढ़े गये हैं।
कार्य करने का समय
उन्होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन की 70वीं वर्षगांठ पर, यह सुनिश्चित करने हेतु कार्य करना जरूरी है कि हमारी आश्रय प्रणाली पोप के संदेश के मूल्यों को पूरा करे तथा उन लोगों को उदारता पूर्वक जवाब दें जो गरीबी, संघर्ष अथवा जलवायु परिवर्तन के कारण भाग रहे हैं। पत्र में देश की जिम्मेदारी की भी याद की गई है, खासकर, गरीब देशों की मदद को हाल में कम करने के मामले में, जबकि तथ्य यह है कि ब्रिटेन दुनिया के सबसे बड़े हथियार निर्यातकों में से एक है।
अंग्रेजी और स्कॉटिश कलीसिया के अनुसार, शरण चाहनेवालों के स्वागत के लिए दोहरे रास्ते उन लोगों को परेशान करेगा जिन्हें सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है। कई लोगों को अपने देश से भागने के लिए अवैध रास्तों को अपनाना पड़ता है। इसके अलावा - यह कहा गया है - स्थानीय समुदायों के समर्थन के बिना सीमित प्रभाव वाले प्रायोजन प्रणाली द्वारा सरकार की आप्रवासियों के पुनर्वास के कार्यक्रम में भी जोखिम है।
मानव तस्करी
धर्माध्यक्षों के लिए और एक चिंता का विषय है मानव तस्करी की बुराइयों के प्रति समाज की जागरूकता में कमी, जिसके कारण पीड़ितों की पहचान करना, उन्हें सहायता देना और शोषण के लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाना मुश्किल होता है।
इस संबंध में, वे "सुनियोजित अपराध से निपटने के लिए एक मजबूत प्रतिक्रिया का प्रस्ताव करते हैं, और अधिक सुरक्षित और कानूनी मार्गों को खोलने के साथ, यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पीड़ित कभी अपराधी नहीं होते।"
धर्माध्यक्ष इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि मानव तस्करी का समाधान कड़ी सीमा सुरक्षा एवं आश्रय प्रदान करने में कम उदारता से नहीं हो सकता बल्कि यह अधिक लोगों के अपराधियों के हाथों में ढकेल देगा।
ब्रिटिश एवं स्कोटिश धर्माध्यक्षों ने अधिकारियों को याद दिलाया है कि किस तरह जरूरतमंद लोगों को उनका जवाब, समाज के लिए गहरा प्रभाव डालता है, यह इंगित करते हुए कि शरणार्थियों ने लगातार समुदायों को समृद्ध किया है। अतः धर्माध्यक्षों ने उन लोगों के लिए जगह बनाये जाने पर जोर दिया है जो यूके में सुरक्षा एवं आश्रय की खोज करते हैं।
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