2021.04.20 2  जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस चेंट्रो अस्ताल्ली के कैंटीन में प्रवासियों को खाना परोसते  स्वयंसेवक 2021.04.20 2 जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस चेंट्रो अस्ताल्ली के कैंटीन में प्रवासियों को खाना परोसते स्वयंसेवक 

कार्डिनल टागले:शरणार्थी, प्रवासी समुदायों की देखभाल और साझाकरण

जेसुइट रेफ्यूजी सर्विस की इतालवी शाखा चेंत्रो अस्ताल्ली ने मंगलवार को एक आभासी कार्यक्रम में अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2021 प्रस्तुत की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

रोम, बुधवार 21 अप्रैल 2021 (वाटिकन न्यूज) : शरणार्थियों और प्रवासियों को मेजबान समाजों में समस्या लाने के लिए अक्सर दोषी ठहराया जाता है लेकिन जेसुइट रेफ्यूजी सर्विस (जेआरएस) से पता चलता है कि वे समुदायों को बनाने और साझा करने में सक्षम हैं। लोकधर्मियों की प्रेरिताई हेतु बनी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के प्रीफेक्ट कार्डिनल लुइस अंतोनियो टागले ने एक आभासी बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। आज जेआरएस की इतालवी शाखा चेंत्रो अस्ताल्ली ने 2020 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आभासी बैठक का आयोजन किया।

जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस (जेआरएस) की स्थापना 1980 में, दुनिया भर में शरणार्थियों और विस्थापितों की सेवा के साथ,  उनके अधिकारों को बचाने और वकालत करने के लिए की गई थी। इस संबंध में, पिछले साल इटली में जेएसआर चेंत्रो अस्ताल्ली के समकक्ष, देश भर में अपने 8 केंद्रों के माध्यम से 17,000 से अधिक शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की सहायता की। रिपोर्ट, जो 2020 के लिए आंकड़े प्रदान करती है - 40वें वर्ष में जेआरएस ने देश में सुरक्षा, स्वीकृति और एकीकरण की उम्मीद में शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की कठिनाइयों का सामना किया।

कार्डिनल टागले के अलावा, चेंट्रो अस्ताल्ली वार्षिक रिपोर्ट 2020 की प्रस्तुति में बोलने वाले अन्य लोगों में यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड ससोली, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की एक प्रवासी महिला और चेंट्रो अस्ताल्ली के अध्यक्ष, जेसुइट फादर कामिलो रिपामोंटी थे। रिपोर्ट के अनुसार, महामारी ने देश की स्वास्थ्य और कल्याण प्रणालियों में अंतराल को उजागर किया, जहां सालों से नए निवेश के बिना संसाधनों में कटौती की गई है।

अपने 40 वें वर्ष में, जेआरएस ने महामारी के दौरान दुनिया भर के 56 देशों में शरणार्थियों का साथ देना जारी रखा। समूह ने उन्हें शहरी क्षेत्रों, शरणार्थी शिविरों और युद्ध क्षेत्रों में सेवा दी है और युवा लोगों एवं शरणार्थी महिलाओं की शिक्षा और प्रशिक्षण में निवेश किया है।

प्रेम और करुणा की कहानी

"मेरे लिए, आज चेंट्रो अस्ताल्ली द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ गतिविधियों की एक साधारण रिपोर्ट के बजाय मानवता, प्रेम और करुणा का सक्रिय प्रमाण है," कार्डिनल टागले ने अपनी टिप्पणी में उल्लेख किया। कार्डिनल ने कहा, ʺशरणार्थी जो अपने देश को छोड़ने के लिए मजबूर होते हैं, इस तरह से अपनी कहानी को याद कर सकते हैं। हम खतरों से भागते हुए परिवारों के रोने की आवाज़ लगभग सुन सकते हैं और हम एक अनजान भविष्य के लिए समुद्र और भूमि को पार करने के उनके डर का अनुभव भी कर सकते हैं।” कार्डिनल टागले अतरराष्ट्रीय कारितास, दुनिया भर में काथलिक चारीटिस के महासंघ के अध्यक्ष भी है, ने कहा, कारितास भी दुनिया भर में लोगों के बीच पहुंचता है।

साझाकरण और देखभाल

63 वर्षीय कार्डिनल ने बताया, "प्रवासी मानव पुल हैं और चेंट्रो अस्ताल्ली के अनुभव से यह भी पता चला है कि इटली पहुंचने वाले अप्रवासी भी सामाजिक पुल बनाने में सक्षम हैं।" उन्होंने कहा, "प्रवासियों पर अक्सर समाज में समस्याएं पैदा करने का आरोप लगाया जाता है, लेकिन चेंट्रो अस्ताल्ली की गवाही एक अलग तस्वीर पेश करती है, वे समुदायों का ध्यान रखने और साझा करने में सक्षम हैं।"

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त का अनुमान है कि कुछ 80 मिलियन लोगों को घर पर हिंसा, तानाशाही और कठोर सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयों के कारण भागने के लिए मजबूर किया गया है। उनमें से लगभग आधे 18 वर्ष से कम उम्र के हैं।

चेंट्रो अस्ताल्ली ने नोट किया कि कोविद -19 के प्रतिबंधों के बावजूद, 2020 में समुद्र के मार्ग से आने वालों में वृद्धि हुई है। 2018 में इटली में 23,000 और 2019 में 11,000 पहुंचने के बाद, यह आंकड़ा 2020 में 34,000 हो गया। शरण चाहने वालों की संख्या में गिरावट आई है।

भेदभाव और नौकरशाही के शिकार

कई शरणार्थी और प्रवासी जो विषम परिस्थितियों में पहुंचे हैं, वे और भी गरीब हो गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि लंबी यात्रा के बाद, वे अक्सर नियमों और कागजी प्रक्रियाओं से थककर चूर हो जाते हैं। वे अक्सर भेदभाव और नौकरशाही के शिकार होते हैं। इस प्रकार, कई अपने अधिकारों का दावा त्याग देते हैं। बुनियादी जरूरतें, जैसे कि भोजन, स्नान, खाद्य पैकेज और दवाएं, इटली भर में उच्च मांग में हैं। रोम के चेंट्रो अस्ताल्ली पर खिलाए गए 3,500 में से, 30 प्रतिशत से अधिक लोग बेघर हैं। देश भर के अन्य आठ केंद्रों की कहानियां भी समान हैं।

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21 April 2021, 14:33