इंडोनेशिया में बम धमाका इंडोनेशिया में बम धमाका 

खजूर रविवार को इंडोनेशिया में बम धमाके की कलीसिया द्वारा निंदा

इंडोनेशिया के मकास्सर स्थित येसु के पवित्र हृदय महागिरजाघर में खजूर रविवार को हुए बम धमाके की सभी कलीसियाओं एवं धर्मों के धर्मगुरूओं ने कड़ी निंदा की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 30 नवम्बर 2021 (रेई)- इंडोनेशिया में खजूर रविवार को दक्षिणी सुलावेसी के मकास्सर स्थित येसु के पवित्र हृदय महागिरजाघर में आत्मघाती बम धमाके के बाद, पुण्य सप्ताह समारोहों के दौरान ख्रीस्तियों की सुरक्षा के उपाय कड़े कर दिए गए हैं।

खजूर रविवार को मिस्सा के अंत में हुए बम धमाके में दो अपराधी मारे गये और कम से कम 20 लोग घायल हैं। इस घटना की निंदा विश्वभर में की जा रही है एवं इंडोनेशिया की कलीसिया के प्रति एकात्मता व्यक्त की जा रही है। संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान पीड़ितों के लिए प्रार्थना का आह्वान किया था। 

धर्माध्यक्षों की चिंता एवं प्रार्थना

इंडोनेशिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अंतरधार्मिक वार्ता विभाग के अध्यक्ष योहन्न्स हारून यूवोनो ने एक बयान जारी कर कहा कि इंडोनेशिया के धर्माध्यक्षों ने हमला के लिए गहरी चिंता, प्रार्थना और दुःख व्यक्त किया है और कहा है कि "यह सिर्फ काथलिक समुदाय पर नहीं हुआ है बल्कि पूरे देश और इंडोनेशिया पर हुआ है।" यह मानव प्रतिष्ठा को नीचा दिखाता, मानव मूल्य को नष्ट करता और हमारे प्यारे द्वीपसमूह में आतंकी कृत्यों की सूची को बढ़ाता है। उन्होंने काथलिकों एवं इंडोनेशिया के सभी लोगों का आह्वान किया है कि वे शांत एवं जागरूक रहें। धर्माध्यक्षों ने इंडोनेशिया की सरकार, सशस्त्र बल एवं देश की पुलिस के प्रति पूर्ण भरोसा जताया है एवं आशा व्यक्त की है कि हमला, विभिन्न धर्मों के विश्वासियों एवं आस्था के लोगों के बीच वर्षों से स्थापित संबंध को कमजोर एवं क्षतिग्रस्त नहीं करेगा।

इंडोनेशिया के ख्रीस्तीय एवं मुस्लिम नेताओं की एकात्मता   

उका न्यूज़ के अनुसार इंडोनेशिया में कलीसियाई समुदाय के अध्यक्ष ने पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की है एवं देश के ख्रीस्तियों का आह्वान किया है कि वे "नहीं डरें बल्कि सावधान रहें।" इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने घटना की निंदा की और कहा कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ अपराध है। इंडोनेशिया के उलामा समिति के उप-सभापति अनवर अब्बस ने भी बम हमले की निंदा की और कहा कि हमला धार्मिक मूल्यों के असंगत है। मुसलिम नेताओं के अनुसार, यह हमला जनवरी के बाद से पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा देश के कई क्षेत्रों में दर्जनों आतंकवादियों की गिरफ्तारी से जुड़ा है।

कलीसियाओं की विश्व समिति की एकजुटता

कलीसियाओं की विश्व समिति (डब्यू सीसी) ने भी हमले की निंदा की है। महासचिव रेभ. प्रोफेसर डॉ. लोयन सौका ने कहा, "हम क्रूर हमले के शिकार लोगों, उनके परिवारवालों एवं प्रियजनों के लिए प्रार्थना करते हैं, जो खजूर रविवार के समारोह में भाग ले रहे थे।" उन्होंने कहा, "हम अपराधियों के लिए भी प्रार्थना करते हैं, जो इस तरह की चरमपंथी विचारधाराओं के शिकार हैं जो दूसरों को चोट पहुंचाने हेतु खुद को नष्ट करने तक तैयार हो जाते हैं।"

सौका ने विश्व से अपील की है कि वह शांति, सुरक्षा और न्याय लाने में एकजुटता दिखायें न केवल इंडोनेशिया के प्रति बल्कि सभी लोगों एवं सभी देशों के प्रति। "जब लोग पूजा कर रहे थे तब दादा-दादी, उनके बच्चे और नाती-पोतों को निशाना बनाते हुए स्थानीय कलीसिया पर हमला, एक बिलकुल गलत कृत्य है यह हम सभी पर किया गया हमला है।"  

लम्बे समय से स्थापित सहिष्णुता की संस्कृति चरमपंथ द्वारा खतरे में

इंडोनेशिया विश्व का एक मुस्लिम बहुत देश है किन्तु सहिष्णुता एवं बहुलतावाद लम्बे समय से इसकी परम्परा रही है, जो अपने पांच आधारभूत सिद्धांतों, "पंचशिला" पर आधारित है। हालांकि पिछले दो सालों से इस परम्परा पर इस्लामिक चरमपंथियों और अल कायदा से जुड़े आतंकी दलों एवं हाल में इस्लामिक स्टेट का प्रभाव पड़ा है जो ख्रीस्तियों को अपना निशाना बना रहे हैं। देश में ख्रीस्तियों की संख्या 3 प्रतिशत है। 

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30 March 2021, 16:03