कार्लज़ूए के संघीय संवैधानिक न्यायालय ने इच्छामृत्यु संघों को अनुमति दी कार्लज़ूए के संघीय संवैधानिक न्यायालय ने इच्छामृत्यु संघों को अनुमति दी 

जर्मन धर्माध्यक्षों ने सहायक आत्महत्या के विरोध को दोहराया

जर्मनी के काथलिक धर्माध्यक्षों ने चिकित्सकीय सहायता से आत्महत्या के लिए कलीसिया के विरोध को दोहराया और कहा कि हर मरने वाले व्यक्ति को ख्रीस्तीय आशा के संदेश को समर्थन देने की आवश्यकता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

फ्रैंकफर्ट, बुधवार 13 जनवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : ख्रीस्तीय दृष्टिकोण से, "सहायता प्राप्त आत्महत्या नैतिक रूप से स्वीकार्य विकल्प नहीं है।" जर्मन धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (डीबीके) के प्रवक्ता मथायस कोप्प ने सोमवार को "फ्रैंकफरटर ऑलगेमाइन ज़िटुंग" (फ़ैज़) द्वारा प्रकाशित एक लेख के जवाब में यह बात दोहराई।

"अलाविंग मेडिकली असिस्टेड सुसाइड",(चिकित्सक सहायता प्राप्त आत्महत्या)  नामक लेख में, प्रोफेसर डॉ. रेनर अनसेलम और उलरिक लिली का तर्क है कि "कलीसियाई संस्थानों को सर्वोत्तम संभव उपशामक देखभाल की गारंटी देनी चाहिए, लेकिन सहायता की गई आत्महत्या से इनकार नहीं करना चाहिए और जो लोग मरना चाहते हैं उनके अपने निर्णय का सम्मान करते हुए उन्हें सुझाव, समर्थन और अंत तक उनका साथ देना चाहिए।"

नैतिक रूप से अस्वीकार्य 

"ख्रीस्तीय दृष्टिकोण से, लोगों की स्वतंत्रता को उनके व्यक्तिगत विचारों के अनुसार उनके जीवन के हर चरण में स्वयं तय करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है" और यह मृत्यु पर भी लागू होता है, शासन के कानून का सम्मान करते हुए, कोप्प ने डीबीके  वेबसाइट पर प्रकाशित बयान में बताया।

धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवक्ता ने कहा, "हालांकि, यह आत्महत्या को एक नैतिक रूप से स्वीकार्य विकल्प नहीं बनाता है।" वे इस बात पर भी गौर करते हैं कि अनुसंधान से पता चलता है कि किसी के जीवन को समाप्त करने की इच्छा, ज्यादातर मामलों में, चरम स्थितियों से उत्पन्न डर और निराशा का परिणाम है, इसलिए इसे "आत्मनिर्णय की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं लिया जा सकता है।"

वे कहते हैं कि इस कारण से "आत्महत्या करने की इच्छा को बिना सवाल पूछे स्वीकार नहीं किया जा सकता है और न ही इसे मृत्यु का सामान्य रूप माना जा सकता है।" इसके विपरीत, इन "जीवन की अत्यधिक नाटकीय परिस्थितियों" में यह ठीक है कि "आत्मनिर्णय के सम्मान के लिए एक विशेष अवलोकन और एक सशक्त ध्यान की आवश्यकता होती है।"

इसलिए, प्रवक्ता ने कलीसिया की स्थिति को दोहराया है कि समस्या के समाधान के लिए "आत्महत्या की अनुमति देना सही उत्तर नहीं है"। "इन स्थितियों में जिस चीज की जरूरत होती है वह मरने के लिए मदद नहीं है," बल्कि "जीवन की संभावनाओं को विकसित करने के लिए समर्थन" है।

उन्होंने यह भी कहा कि सभी बीमार लोगों पर दबाव डाला जा रहा है कि वे सहायता प्राप्त आत्महत्या के लिए अपनी सहमति दें "ताकि दूसरों पर बोझ न बने ... ऐसा नहीं होना चाहिए!"

मरने वालों की आध्यात्मिक देखभाल

आत्मघाती विचारों वाले लोगों के लिए प्रेरितिक देखभाल का उल्लेख करते हुए, कोप्प ने आगे जोर दिया कि यह "तटस्थ नहीं हो सकता।"

वे कहते हैं कि "प्रेरितिक देखभाल करने वाला व्यक्ति खुले दिमाग के साथ प्रत्येक व्यक्ति से संपर्क करता है साथ ही ख्रीस्तीय आशा का संदेश देता है और वह हमेशा जीवन के पक्ष में होता है," इस तरह से काथलिक कलीसिया और चारिटी संस्थान जीवन को बढ़ावा देते हैं। उनके संस्थानों में चिकित्सक सहायता प्राप्त आत्महत्या की पेशकश करना संभव उनकी प्रकृति के साथ असंगत होगा।”

जर्मनी में सहायता प्राप्त आत्महत्या

जर्मनी में इच्छामृत्यु जर्मन संविधान के अनुसार अवैध है।

हालांकि, पिछले साल फरवरी में कार्लज़ूए के संघीय संवैधानिक न्यायालय ने इच्छामृत्यु संघों की अनुमति दी, जो लोगों को अपनी गतिविधियों को प्रचारित करने में आत्महत्या करने में मदद करते हैं, एक असंवैधानिक कानून की घोषणा करते हैं जिसे 2015 में बुंडेस्टाग (जर्मन संसद) द्वारा अनुमोदित किया गया था।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

13 January 2021, 13:59