पांडिचेरी में एक हजार से अधिक दलित ख्रीस्तीय रैली में भाग लेते हुए पांडिचेरी में एक हजार से अधिक दलित ख्रीस्तीय रैली में भाग लेते हुए  

पांडिचेरी-कुड्डालोर धर्मप्रांत हेतु दलित महाधर्माध्यक्ष की मांग

भारत में पांडिचेरी-कुड्डलोर धर्मप्रांत के मुख्यालय से एक हजार से अधिक दलित ख्रीस्तियों ने 30 दिसम्बर को पांडिचेरी में रैली निकाल कर पांडिचेरी-कुड्डालोर धर्मप्रांत के लिए मौजूदा रिक्त स्थान में एक दलित महाधर्माध्यक्ष की नियुक्ति की मांग को दोहराया और दलित काथलिकों के खिलाफ सदी के लंबे भेदभाव को समाप्त करने की मांग की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

पांडिचेरी, सोमवार 4 जनवरी 2021 (प्रेस रिलीज़ पांडिचेरी) : भारत में पांडिचेरी-कुड्डलोर धर्मप्रांत के मुख्यालय से एक हजार से अधिक दलित ख्रीस्तियों ने पांडिचेरी में रैली निकाली। दलित ख्रीस्तीय मुक्ति आंदोलन (डीसीएलएम) द्वारा आयोजित रैली कंबन कलारंगम से 30 दिसंबर, 2020 सुबह 10.30 बजे शुरू हुई । रैली की शुरुआत में दलित ख्रीस्तीय नेताओं ने काथलिक कलीसिया में जातिगत भेदभाव और वर्तमान मांगों पर बात की। यह रैली तमिलनाडु और पुडुचेरी राज्यों के विभिन्न स्थानों में पिछले कुछ महीनों के दौरान दलित ख्रीस्तियों द्वारा जारी संघर्ष की परिणति है। रैली आर्चबिशप हाउस के पास समाप्त हुई और इसके अध्यक्ष प्रोफेसर मेरी जॉन के नेतृत्व में डीसीएलएम  नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाधर्माध्यक्ष अंतोनी आनंदनारायण से मुलाकात की और मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने पांडिचेरी-कुड्डालोर धर्मप्रांत के लिए मौजूदा रिक्त स्थान में एक दलित महाधर्माध्यक्ष की नियुक्ति की मांग को दोहराया और इस तरह इस संबंध में दलित काथलिकों के खिलाफ सदी के लंबे भेदभाव को समाप्त किया जाए। अब तक केवल गैर-दलित महाध्माध्यक्ष ही नियुक्त किए गए हैं, हालांकि महाधर्मप्रांत में लगभग 75% दलित काथलिक हैं।

 दलित ख्रीस्तियों की मांगेः

तमिलनाडू के पांडिचेरी-कुड्डालोर धर्मप्रांत में और अन्य काथलिक धर्मप्रांतों में पांच मौजूदा रिक्ति स्थानों में दलित धर्माध्यक्षों की नियुक्ति की जाए।

इस बात को ध्यान में रखते हुए कि वे महाधर्मप्रांत में लगभग 75% दलित काथलिक हैं, काथलिक संस्थानों में दलित ख्रीस्तियों की शिक्षा और रोजगार में समान अवसर देना। अगर तमिलनाडू धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (टीएनबीसी) और भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) उनकी मांगों को पूरा करने के लिए दलित नीतियों लागू नहीं करते हैं, तो वे विभिन्न धर्मप्रांतों में व्यापक संघर्ष का फैसला करते हैं।  29 नवंबर से 4 दिसंबर 2020 तक एक सप्ताह तक महाधर्मप्रांत के लगभग 40 दलित पुरोहितों ने धरने-प्रदर्शन का मंचन किया और 20 दिसंबर को दलित ख्रीस्तियों ने लगभग 45 पल्ली गिरजाघरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और पल्ली पुरोहितों को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अपनी माँगों को भारत में वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत को भेजने के लिए कहा।

लोग गंभीर रूप से और मुखर होकर दलित धर्माध्यक्ष और महाधर्माध्यक्ष की समान संख्या की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं और सभी धर्मप्रांतों में शीर्ष प्रशासनिक पदों पर दलित पुरोहितों की नियुक्ति की भी मांग कर रहे हैं, क्योंकि काथलिक कलीसिया में सभी स्तरों पर व्याप्त दलितों के खिलाफ जाति वर्चस्व और भेदभाव एवं अस्पृश्यता की प्रथाओं को समाप्त करने या मिटाने के लिए यही एक उपाय होगा।

महाधर्माध्यक्ष अंतोनी की सिफारिश

डीसीएलएम प्रतिनिधिमंडल से ज्ञापन प्राप्त करने के बाद, महाधर्माध्यक्ष अतोनी आनंदनारायण ने खुले तौर पर स्वीकार किया कि इस बार महाधर्मप्रांत में एक दलित महाधर्माध्यक्ष की नियुक्ति किया जाना चाहिए और उन्होंने बताया कि उन्होंने भारत में प्रेरितिक राजदूत और सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परधर्मपीठीय धर्मसंघ में महाधर्माध्यक्ष की नियुक्ति  के लिए जोरदार सिफारिश की है।

यह बताना होगा कि इससे पहले 6 अक्टूबर 2020 को दलित ख्रीस्तीय मुक्ति आंदोलन और अन्य दलित ख्रीस्तीय नेताओं ने मदुरई के महाधर्माध्यक्ष अंतोनी पप्पुसामी, जो टीएनबीसी के अध्यक्ष भी हैं, के साथ तमिलनाडू और में दलित धर्माध्यक्ष और महाधर्माध्यक्ष को नियुक्तिपर बातें करने के लिए आभासी मुलाकात की थी, इस मुद्दे पर उन्होंने अपनी ओर से भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना स्वीकार किया और इस संबंध में भारत में वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत को लिखने का आश्वासन दिया।

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04 January 2021, 14:54