नाईजीरिया में प्रार्थना का संचालन करती एक महिला विश्वासी नाईजीरिया में प्रार्थना का संचालन करती एक महिला विश्वासी 

विश्व में 13 ख्रीस्तीय विश्वास के कारण हर दिन मौत के शिकार

गैरसरकारी संगठन ओपन डोर्स ने अपनी वार्षिक "वर्ल्ड वॉच लिस्ट" की रिपोर्ट जारी की, जिसमें शीर्ष 50 देशों की सूची तैयार की गई है, जहां ख्रीस्तियों को उनके विश्वास के लिए सबसे अधिक सताया जाता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 14 जनवरी 20201 (वीएनएस)- विश्वास के कारण विश्वभर में हर दिन 13 ख्रीस्तीय मार डाले जाते हैं, 12 गिरजाघरों या ख्रीस्तीय इमारतों पर हमले किये जाते हैं और 12 ख्रीस्तियों को अनुचित तरीके से कैद किया जाता है जबकि 5 लोगों का अपहरण हो रहा है।

यह एक गैर-लाभकारी संगठन ओपन डोर्स द्वारा निर्मित 2021 वर्ल्ड वॉच लिस्ट की वार्षिक रिपोर्ट है जो ख्रीस्तियों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाओं का हिसाब रखती एवं  प्रार्थनाओं का संचालन करती और सताये हुआ विश्वासियों को बतलाती है कि उन्हें भुलाया नहीं गया है।

बुधवार को जारी रिपोर्ट में ओपन डोर्स यूएसए के अध्यक्ष और निदेशक डेविड कुर्री ने कहा, "जितनी संख्या में ईश प्रजा पीड़ित है इसका अर्थ है कलीसिया मर रही है इसलिए ख्रीस्तीय चुपचाप हैं, अपने विश्वास को खो रहे हैं।" किन्तु नबी इसायस के वाक्य का हवाला देते हुए कहा कि "क्या वे अपना रास्ता जंगलों के बीच एवं मरूभूमि में नदी नहीं बहा सकते"।  

प्रताड़ित ख्रीस्तियों की संख्या में बृद्धि

रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचीबद्ध देशों में 309 मिलियन ख्रीस्तीय अत्याचार की बहुत उच्च या चरम स्तर पर जी रहे हैं। पिछले वर्ष के हिसाब से उन लोगों की संख्या 260 मिलियन है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अन्य 24 देशों के 31 मिलियन लोगों को भी जोड़ा जा सकता है जो शिखर के 50 देशों के बाहर हैं जैसे क्यूबा, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात आदि।

यदि हिसाब किया जाए तो इसका अर्थ है विश्व में हर 8 में 1 ख्रीस्तीय अत्याचार का शिकार है। आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए ओपन डोर्स ने पाया है कि इसकी संख्या में वृद्धि हुई है।

उप-सहारा अफ्रीका में इस्लामी चरमपंथ

रिपोर्ट का दावा है कि कोविड-19 ने राहत भेदभाव, जबरन धर्मांतरण, बढ़ती निगरानी और सेंसरशिप के औचित्य के माध्यम से धार्मिक उत्पीड़न के उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया है। एक अन्य कारक जो ख्रीस्तियों की बढ़ती पीड़ा को बढ़ा रहा है, वह है उप-सहारा अफ्रीका, नाइजीरिया और कैमरून से लेकर बुर्किना फासो, माली और उससे आगे तक में चरमपंथी हमले।

इस साल 10 सबसे अधिक अत्याचार वाले देशों की सूची में हैं- उत्तरी कोरिया, अफगानिस्तान, सोमालिया, लीबया, पाकिस्तान, इरीट्रिया, यमन, ईरान, नाईजीरिया और भारत।

सूडान तीन दशकों के इस्लामिक कानून के बाद अपने नए संविधान में धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देनेवाले धर्मपरिवर्तन विज्ञापन के लिए मृत्युदंड को समाप्त करने के बाद 6 सालों में पहली बार 10 की सूची से बाहर हुआ है। फिर भी यह ऑपन डोर्स की सूची में 13वें नम्बर पर है जहाँ मुस्लिम पृष्टभूमि के ख्रीस्तियों पर अपने ही परिवार एवं समुदाय के सदस्यों द्वारा अब भी हमले और भेदभाव हो रहे हैं, जबकि ख्रीस्तीय महिलाओं को हिंसक बलात्कार का सामना करना पड़ रहा है।  

भारत के लिए यह तीसरा साल है कि यह शीर्ष 10 की सूची में बना हुआ है क्योंकि सरकार द्वारा हिंदू चरमपंथियों को समर्थन मिल रहा है जो धार्मिक अस्पसंख्यकों पर हमला करते हैं।”

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14 January 2021, 14:58