संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें और जर्मनी के विश्वासी संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें और जर्मनी के विश्वासी 

जर्मन कलीसिया द्वारा ‘आस्त्रो देल चेल’ गाने का निमंत्रण

जर्मनी की कलीसियाएँ 24 दिसंबर की रात को सभी विश्वासियों को अपने-एपने घरों की खिड़कियों और छज्जों से हाथों में मोमबत्ती लिए क्रिसमस का गीत ‘आस्त्रो देल चेल’ (आसमान का सितारा) गाने के लिए निमंत्रित कर रही हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

जर्मनी, बुधवार 23 दिसम्बर 2020 (रेई) : उत्तरी जर्मनी के इवेंजेलिकल लूथरन कलीसिया ने क्रिसमस कैरोल‘आस्त्रो देल चेल’ याने "आसमान का सितारा"  को गाने के लिए 24 दिसंबर की शाम को बाहर आने के लिए विश्वासियों को आमंत्रित किया है। देश में कोविद -19 महामारी के कारण लॉकडाउन में रात 8 बजे, सभी विश्वासी अपने घरों की बालकनियों पर और खिड़कियों के सामने, आशा के भजन को एक साथ गायेंगे।

लोकप्रिय क्रिसमस गीत

 वही पहल काथलिक कलीसिया द्वारा शुरू की गई थी; कई पल्लियाँ आयोजन की तैयारी कर रहे हैं। "आस्त्रो देल चेल" को जर्मन में "साइलेंट नाख्ट, हाइलेगेन नाख्ट", 1818 में क्रिसमस के मौके पर पहली बार ऑस्ट्रिया के साल्जबर्ग प्रांत के एक छोटे से शहर ओबेरडॉर्फ में गाया गया था, जहां से यह पूरी दुनिया में फैल गया। ये शब्द 1816 में साल्ज़बर्ग के फादर जोसेफ मोहर द्वारा लिखे गए थे। वे मरियाफ़र पल्ली में सहायक पल्ली पुरोहित थे। दो साल बाद, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक और आयोजक फ्रांज़ ज़ावर ग्रुबर ने संगीत दिया। 24 दिसंबर, 1818 की रात को ओबेरडॉर्फ के संत निकोलस गिरजाघर में क्रिसमस मिस्सा के दौरान इसे पहली बार गाया गया।

आज "आस्त्रो देल चेल" सबसे प्रसिद्ध और सबसे प्रसिद्ध क्रिसमस गीतों में से एक है; दो साल पहले, अपने पहले प्रदर्शन के दो सौवी वर्षगांठ को, ऑस्ट्रिया में घटनाओं की एक श्रृंखला के साथ मनाया गया था। जर्मन भाषी देशों में काथलिकों, लूथरन विश्वासियों और गैर-विश्वासियों के बीच भी यह सबसे लोकप्रिय क्रिसमस गीत है,।

धर्माध्यक्ष क्रिस्टीन कुहनबाम-श्मिट बताते हैं, "धार्मिक उत्सव जो सभी को एक साथ लाता है, इस वर्ष संभव नहीं है, लेकिन हमेशा ऐसा कुछ होता है जो सभी को एक साथ ला सकता है। एक साथ हाथ में एक मोमबत्ती लिये  ‘आस्त्रो देल चेल’ गाते हुए, हम अपने अंदर के अंधकार ओर डर को दूर कर सकें और  क्रिसमस की पूर्व संध्या हमें आशा और आराम दे सके।" वर्ल्ड काउन्सिल ऑफ चर्च के पोर्टल पर, अपने क्रिसमस वीडियो संदेश में,  धर्माधअयक्ष क्रिस्टीन कुहनबौम-श्मिट कहते हैं, प्रस्तावित गीत 24 दिसंबर की रात के लिए पूरी तरह से अनुकूल है, जो कि अन्य चीजों के अलावा, गाना गाने और बाजों की गूंज से यह एक हृदय स्पर्शी रात होगी, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो अकेले हैं।

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23 December 2020, 13:55