कोलंबस के शूरवीरों के संस्थापक धन्य फादर माइकेल मैकगिवनी कोलंबस के शूरवीरों के संस्थापक धन्य फादर माइकेल मैकगिवनी  

धन्य फादर माइकेल महामारी के बाद पल्ली नवीकरण हेतु उदाहरण

अमेरिका के काथलिकों ने फादर माइकेल मैकगिवनी की धन्य घोषणा का समारोह मनाया।, सुप्रीम नाइट कार्ल एंडरसन ने बताया कि कोलंबस के शूरवीरों के संस्थापक धन्य फादर माइकेल मैकगिवनी अभी भी कलीसिया के लिए मिशनरी दान का एक महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

नेवार्क, शनिवार 31 अक्टूबर 2020 (वाटिकन न्यूज) : शनिवार को हार्टफोर्ड के संत जोसेफ महागिरजाघर में नेवार्क के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जोसेफ तोबिन ने फादर माइकल जे. मैकगिवनी को पवित्र मिस्सा समारोह के दौरान धन्य घोषित किया।

हालांकि अमेरिकी धरती पर धन्य घोषणा का समारोह संपन्न हुआ, लेकिन दुनिया भर के काथलिक धन्य फादर माइकल जे. मैकगिवनी के जीवन और साक्ष्य के प्रति आभारी हैं।

उन्होंने 1882 में अपने पल्ली न्यू हेवन, कनेक्टिकट में कोलंबस के शूरवीरों के संगठन की स्थापना की। भाईचारे का उदार संगठन अब दुनिया भर में 16,000 स्थानीय पल्लियों में है और इसके दो मिलियन से अधिक सदस्य हैं।

 यूएस कलीसिया के लिए महत्वपूर्ण घटना

वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, सुप्रीम नाइट सर कार्ल एंडरसन ने धन्य फादर माइकल जे. मैकगिवनी की गवाही को पहचानने के लिए संत पापा फ्राँसिस का कैथोलिकों का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह ठीक उसी प्रकार की घटना है जो आज अमेरिका में होना महत्वपूर्ण है," उन्होंने कहा कि धन्य फादर माइकल जे. मैकगिवनी के समय अमेरिका मिशनरी क्षेत्र था।

"फादर मैकगिवनी ने कोलंबस के शूरवीरों के संगठन की स्थापना की क्योंकि वे बहुत चिंतित थे कि बहुत से काथलिक धर्म को छोड़ रहे थे। पुरुष गुप्त समाजों में शामिल होने के लिए जा रहे थे, जो अक्सर अमेरिका में काथलिक विरोधी थे। गरीबी के कारण परिवार टूट रहे थे, बहुधा रोटी कमाने वाले घर के मुखिया पुरुष की असमय मृत्यु हो जाती थी। "

भाईचारा और आपसी सहयोग

इसलिए, उन्होंने पारस्परिक लाभ जीवन बीमा के माध्यम से, पुरुषों की मृत्यु के मामले में उनके परिवार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु संगठन की स्थापना की। उनहोंने श्रमिक वर्ग और अप्रवासी काथलिकों के लिए एक जीवन-रेखा प्रदान की, जिनके पास अक्सर कमजोर सामाजिक समर्थन नेटवर्क था।

"फादर मैकगिवनी अपने पल्लीवासियों और पल्ली के परिवारों को विश्वास में मजबूत रखना चाहते थे।”

श्री एंडरसन ने फादर मैकगिवनी के समय की कलीसिया की चुनौतियों और वर्तमान कलीसिया के सामने आने वाली चुनौतियों की तुलना करते हुए कहा, "अब संकट पल्लियों में तालाबंदी है, बड़े पैमाने पर भाग लेने वाले पल्लीवासियों की संख्या कम हो गई है। पल्लियों में धार्मिक कार्य काफी कम हो गये हैं। जब इन प्रतिबंधों को हटा दिया जाता है, तो  भी काथलिकों को मिस्सा समारोहों में वापस लाना संभवतः कुछ मुश्किल साबित होगा। "हमें पल्ली जीवन को नवीनीकृत करने की आवश्यकता होगी।"

पल्ली नवीनीकरण का मिशनरी उदाहरण

श्री एंडरसन ने फादर मैकगिवनी ने पहले ही हर पल्ली को मिशनरी को बनाकर, "अपने पल्लीवासियों को एकजुट करने, और पल्ली को सक्रिय रखने के तरीके खोजकर" एक रास्ता तैयार कर दिया है। इसीलिए, सुप्रीम नाइट कार्ल एंडरसन ने कहा कि फादर मैकगिवनी  के विचार "सामान्य विश्वासी के ख्रीस्तीय और मिशनरी गवाह आज बहुत महत्वपूर्ण है।"

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31 October 2020, 14:53