अमेरिकी अटॉर्नी जनरल  ब्रेनोना टायलोर को फाँसी की सजा की घोषणा करते हुए अमेरिकी अटॉर्नी जनरल ब्रेनोना टायलोर को फाँसी की सजा की घोषणा करते हुए 

यूएस धर्माध्यक्षों द्वारा मौत की सजा समाप्त करने की मांग

दो अमेरिकी धर्माध्यक्षों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिकी अटॉर्नी जनरल से इस सप्ताह एक और को फाँसी से पहले मौत की सजा को रोकने की मांग की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

कांसास, गुरुवार 24 सितम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : मंगलवार को जारी एक बयान में, अमेरिकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के धरेलू न्याय एवं मानवीय विकास समिति के अध्यक्ष ओक्लाहोमा सिटी के महाधर्माध्यक्ष पॉल एस. कोकले और यूएससीसीबी की जीवन-समर्थक क्रियाओं की समिति के अध्यक्ष कंसास सिटी के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ एफ. नौमन मे इस बात पर प्रकाश डाला कि इस साल जुलाई से लेकर अबतक, संयुक्त राज्य अमेरिका में पांच को फाँसी दी गई। पिछली सदी में किसी भी वर्ष में इससे अधिक फाँसी नही दी गई थी।

मंगलवार को संघीय सरकार ने विलियम एम्मेट लेक्रॉय को फाँसी दी, जो 19 साल पहले जॉर्जिया में 30 वर्षीय नर्स के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी थे। उन्हें 2004 में मौत की सजा सुनाई गई थी।

गुरुवार को, क्रिस्टोफर वायलवा को फाँसी मिलने वाली है उसने 1999 में, जब वह एक किशोर था, फीट हूड, टेक्सास के पास एक व्यक्ति को गोली मार दी थी। उनकी मां ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से अपील की है कि वे अपने बेटे के जीवन को छोड़ दें।

महाधर्माध्यक्ष का कहना है कि एक कलीसिया के रूप में, "हमें हिंसा के शिकार लोगों को ठोस मदद देनी चाहिए और हमें हिंसा करने वालों के पुनर्वास और बहाली को प्रोत्साहित करना चाहिए।"

वे कहते हैं "जवाबदेही और वैध सजा इस प्रक्रिया का एक हिस्सा है।"

मौत की सजा अस्वीकार्य

दोनों महाधर्माध्यक्षों ने स्वीकार किया है कि, "यदि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है और समाज की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है, तो इसके लिए जवाबदेही आवश्यक है" - लेकिन, वे कहते हैं, "मौत की सजा पूरी तरह से अनावश्यक और अस्वीकार्य है, जैसा कि संत पापा जॉन पॉल द्वितीय, संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें  और संत पापा फ्राँसिस सभी ने व्यक्त किया है।"

इस साल जुलाई में, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने संघीय मृत्यु पंक्ति के कैदियों के मामले को उठाने से इनकार कर दिया, जिन्होंने सरकार के घातक इंजेक्शन प्रोटोकॉल को चुनौती दी थी।

इसने ट्रम्प प्रशासन के लिए लगभग दो दशकों में संघीय स्तर पर पहला फाँसी देने का मार्ग प्रशस्त किया।

महाधर्माध्यक्ष कोकले ने वाटिकन न्यूज को बताया कि उस फैसले के बाद से उन्हें दुःख हुआ है। उनके अनुसार "किसी भी स्थिति में मृत्युदंड देना उचित नहीं होगा।"

महाधर्माध्यक्ष ने यह भी रेखांकित किया कि कलीसिया "संघीय सरकार और राज्य सरकार द्वारा मृत्युदंड के उपयोग के विरोध में वर्षों से काम कर रही है।

अगस्त में, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लेज़मंड मिशेल और कीथ ड्वाएन नेल्सन को मौत के घाट उतार दिया गया।

जुलाई में चार दिनों के दौरान तीन अन्य लोगों को फाँसी दिया गया था।

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24 September 2020, 14:45