असम के आदिवासी असम के आदिवासी 

धर्माध्यक्षों द्वारा आदिवासियों के साथ प्रार्थना दिवस हेतु संदेश

कनाडा में प्रतिवर्ष12 दिसंबर 2020 को स्थानीय आदिवासियों के साथ एकजुटता के लिए प्रार्थना दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष मनाए जाने वाले आदिवासियों के साथ कनाडा की राष्ट्रीय एकता की प्रार्थना, "हीलिंग ऑफ द अर्थ" विषय पर केंद्रित है।

माग्रेट सुनीता मिंज- वाटिकन सिटी

कनाडा, मंगलवार 18 अगस्त 2020 (वाटिकन न्यूज) :  कनेडियन कॉन्फ्रेंस ऑफ काथलिक बिशप्स (सीसीसीबी) ने आदिवासी लोगों के साथ एकजुटता में प्रार्थना के राष्ट्रीय दिवस के लिए एक संदेश प्रकाशित किया है, प्रत्येक वर्ष 12 दिसंबर को, गुआदालूपे की माता मरियम के पर्व दिवस पर आदिवासी लोगों के साथ एकजुटता में प्रार्थना की जाती है।

2002 के बाद से मनाया जाने वाला यह समारोह, कनाडा के धर्माध्यक्षीय काथलिक आदिवासी परिषद द्वारा समन्वित किया जाता है, जो वार्षिक संदेश भी तैयार करता है। इस वर्ष का संदेश "हीलिंग ऑफ द अर्थ" (पृथ्वी की चंगाई) विषय पर केंद्रित है।

एकजुटता का आह्वान

अपने संदेश में, परिषद विश्वासियों को याद दिलाता है कि "हम मसीह के शरीर, सभी लोगों के साथ एकजुटता से रहने के लिए बुलाये गये हैं" और "ईश्वर की सभी रचनाओं की रक्षा और एकता का सम्मान करते हैं।"

यह संदेश दुनिया भर के आदिवासी लोगों की सृष्टि की कहानियों में नीहित है - ऐसी कहानियां जो हमें सिखाती हैं कि ईश्वर ने दुनिया को बनाया, मानव प्रणियों और जीव जन्तुओं की  सृष्टि की और प्रकृति के साथ उनका संबंध किस तरह से हो। ।

संदेश कहता है कि एक अन्य संबंध चंगाई के बारे में है, "ईश्वर ने अपने एकमात्र पुत्र, ईसा मसीह को भेजा, जो हमें चंगाई के रास्ते में ले जाए। येसु मसीह ने ईश्वर, अन्य लोगों और पूरी सृष्टि के साथ हमारे संबंध को फिर से बहाल किया। वे ईश्वर द्वारा बनाई गई सभी चीजों के सही उपयोग और सम्मान करने की हिदायत देते हैं। "येसु सृष्टि की सभी चीज़ों के साथ पूर्ण संबंध में थे।"

पृथ्वी ईश्वर का उपहार

जेसुइट फादर रिगोबर्ट मिन्नी बिहुज़ो का हवाला देते हुए, संदेश कहता है कि "ईश्वर के उपहार के रूप में पृथ्वी की देखभाल करने की शिक्षा देने का दायित्व कलीसिया का है।" हमें न केवल अच्छे प्रबंधक कहा जाता है, बल्कि रिश्तों को ठीक करने के लिए भी कहा जाता है।

यह संदेश "पारिस्थितिक रूपांतरण" पर संत पापा फ्राँसिस के शिक्षण को याद करता है, जहाँ व्यक्तिगत और सामूहिक मानवाधिकारों के लिए सम्मान की आवश्यकता के बारे कही गई है। सभी विश्वासियों को उन लोगों की मदद करनी है जिनका जीवन और जीविका का साधन जंगल और भूमि पर निर्भर करता है और उन व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना है जो शोषण के शिकार हैं।"

आम घर के लिए मिलकर काम करना

संदेश में कहा गया है, "हमारी पारिस्थितिकी और जीवन में बहुत सारे खतरे हैं, हमें एक मानव परिवार के रूप में एक साथ आना चाहिए और मिलकर खतरों को दूर करना चाहिए।"

कनाडा धर्माध्यक्षों का संदेश आभार की अभिव्यक्ति के साथ समाप्त होता है: “हम हमारे सृष्टिकर्ता के परोपकार को पहचानते हैं, जिसने हमें पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु उपहार के रुप में हमें प्रदान किया है। हम उनके धन्यवाद देते हैं। हम प्रार्थना, गीत, नृत्य, कहानी, समारोह अनुष्ठान के हमारे जीवन के माध्यम से अपना आभार व्यक्त करते हैं।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

19 August 2020, 14:44