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कोविड-19 से "भुलाये गये लोगों की माता" सिस्टर रूथ की मौत

पाकिस्तान के करांची में शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग बच्चों एवं वयस्कों के लिए जीवन व्यतीत करनेवाली, "भुला दिये गये बच्चों की माँ", सिस्टर रूथ लेविस का निधन 20 जुलाई को कोविड-19 महामारी से हुआ। वे 75 साल की थीं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पाकिस्तान, बृहस्पतिवार, 23 जुलाई 20 (वीएनएस)- फ्राँसिस्कन खाईस्ट द किंग मिशनरी धर्मसमाज की धर्मबहन रूथ लेविस का निधन 20 जुलाई को कोरोना वायरस से हुआ। कोरोना वायरस पोजेटिव पाये जाने पर उन्हें 8 जुलाई को पाकिस्तान के आगाखान अस्पताल में भर्ती किया गया था।  

वे शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग बच्चों एवं युवाओं को शरण देनेवाले केंद्र "दार उल सुकून" (शांति के घर) में अपनी सेवा दे रहीं थीं। केंद्र के 21 बच्चे भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।  

केंद्र के फेसबुक में प्रकाशित संदेश में कहा गया है, "यह धर्मबहनों, स्टाफ एवं केंद्र के लोगों के लिए बहुत बड़ा दुःख है। हमारा हृदय टूट गया है क्योंकि हमने अपने एक अंश को खो दिया है, हमने एक माँ, एक बहन और एक प्रेरणा का स्रोत खोया है। विकलांग बच्चों एवं युवाओं की उनकी सेवा असाधारण रही है जो बहुत अधिक असमर्थ हैं और समाज द्वारा छोड़ दिये गये हैं।

1945 में जन्मी सिस्टर रूथ लेविस, दार उल सुकून केंद्र में सिस्टर जेटरूट लेम्मेन्स के माध्यम से आयी थीं। दारूल सुकून केंद्र की स्थापना सिस्टर जेटरूट ने 1969 में की थी और उनके बाद, सिस्टर रूप इस केंद्र का संचालन कर रही थीं। केंद्र में कुल 150 बच्चे एवं वयस्क हैं जो विकलांगता के कारण अपने परिवारों से त्याग दिये गये हैं। उनके लिए सिस्टर रूप माँ स्वरूप थीं। वे उन्हें अपने बच्चे मानती थी और उनके व्यक्तित्व के निर्माण में अथक परिश्रम करती थी।    

अपनी सेवा एवं उदारता के लिए वे न केवल पाकिस्तान की कलीसिया में बल्कि कलीसिया के बाहर भी काफी लोकप्रिय थी। उन्हें 18 जनवरी 2014 में प्राईड ठफ करांची (कारांची की शान) के सम्मान से सम्मानित किया गया था और 2018 में उन्हें गरीब पीड़ित मानवता की सामाजिक सेवा बिना किसी भेदभाव के करने हेतु सिंध के राज्यपाल द्वारा हाकिम मोहम्मद साईद पुरस्कार प्रदान किया गया था।     

उनके निधन पर पाकिस्तान के कई लोकप्रिय हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। सिंध राज्यपाल के प्रवक्ता ने कहा है, "हमारे समाज के लिए आपके उदार सहयोग को हमेशा याद किया और सराहा जाएगा।" बेनजीर भुट्टों की बेटी असीफा भुट्टो जारदारी ने उनके निधन को कराँची के निवासियों एवं केंद्र के लिए एक दुखद घाटा कहा। उनके अंतिम संस्कार को आज सम्पन्न किया गया। 

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23 July 2020, 16:54