न्याय नहीं तो शांति नहीं , लिखे बैनर के साथ एक व्यक्ति काले अमरीकियों के समर्थन में न्याय नहीं तो शांति नहीं , लिखे बैनर के साथ एक व्यक्ति काले अमरीकियों के समर्थन में 

अमरीका के धर्माध्यक्षों ने पुलिस सुधार की मांग की है

अमरीका के काथलिक धर्माध्यक्षों की तीन समितियों ने अमरीकी सांसदों को लिखा है और प्रोत्साहन दिया है कि वे पुलिस एवं आपराधिक न्याय के बारे में प्रस्तावों पर विचार करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

अमरीका, शनिवार, 27 जून 2020 (वीएन)- अमरीकी धर्माध्यक्षों ने सांसदों से अपील की है कि वे पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण और पुलिस के प्रति जवाबदेही में सुधार के उद्देश्य से प्रस्तावों पर विचार करें। 

बुधवार को जारी यह पत्र "नस्लवाद की बुराई, दोनों ऐतिहासिक और वर्तमान में और व्यक्तियों तथा समाज पर पड़े इनके विनाशकारी प्रभावों" के मद्देनजर प्रकाशित किया गया है, जिसके कारण "जॉर्ज फ्लॉयड, रेशर्ड ब्रूक्स और अन्य बहुत सारे लोगों की भयानक और अन्यायपूर्ण हत्या हुई है।"

जातिवाद एक समस्या

न्याय एवं मानव विकास समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष पौल कोवाक्ले, आप्रवासियों की समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष मारियो डोरसोविल्ले तथा जातिवाद के खिलाफ तदर्थ समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष शेल्टोन जे. फाब्रे ने स्वीकार किया है कि कानून प्रवर्तन अधिकारी समाज के लिए एक महान और आवश्यक सेवा प्रदान करते हैं किन्तु यह स्पष्ट है कि सभी की सेवा में दुखद परिणामों के साथ कई गलतियाँ हुई हैं।

उन्होंने जोर दिया है कि अपराधिक न्याय प्रणाली में नस्लवाद एक समस्या है जिसके द्वारा अन्य नागरिकों की तुलना में अश्वेत लोगों के साथ बहुधा अधिक कठोरता बरती गई है।

पुलिस का कार्य, दया भावना के साथ

धर्माध्यक्षों ने संत पापा फ्राँसिस के शब्दों का हवाला देते हुए अपील की है कि पुलिस के कार्यों में करुणा की भावना होनी चाहिए जिसके द्वारा वे लोगों से मुठभेड़ करते हुए उनकी आवश्यकता एवं मंशा को समझ सकें और उसके अनुसार दयाभाव के साथ उनसे पेश आ सकें।

अपने पत्र में, धर्माध्यक्षों ने ध्यान दिया कि “कानून और कानून प्रवर्तन का उद्देश्य न्याय को बढ़ावा देना है। संत पापा पौल छटवें के शब्दों की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा है कि "यदि आप शांति चाहते हैं तो न्याय के लिए कार्य करें।"

ठोस प्रस्ताव

अमरीकी धर्माध्यक्षों ने सांसदों और प्रतिनिधियों के सामने पुलिस सुधार हेतु कई प्रस्ताव रखे हैं जिनपर विचार किया जाए। उसके साथ ही जातिवाद की रूपरेखा एवं पुलिस द्वारा शारीरिक कैमरे के प्रयोग को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाये जाने की भी मांग की है।

उन्होंने कहा कि है निश्चय ही, आगे इस तरह की त्रासदी न हो इसके लिए लम्बे समय तक प्रतिबद्धता की जरूरत है, खासकर, पुलिस बल के दुष्प्रयोग में अधिक जवाबदेही के साथ-साथ सभी के सामान्य भलाई को बढ़ावा देने पर अधिक जोर दिया जाना है।

न्याय के लिए कार्य करनेवाले शांति निर्माता

धर्माध्यक्षों ने अपने पत्र के अंत में प्रार्थना की है कि वे इस मुद्दे पर एवं देश की अपराधी न्याय प्रणाली जो जातिवादी अन्याय से चिन्हित है, न्याय के लिए कार्य करते हुए शांति निर्माता बन सकें।  

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27 June 2020, 15:45