जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के स्थान पर विरोध प्रदर्शनकारी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के स्थान पर विरोध प्रदर्शनकारी 

व्यवस्थित नस्लवाद के कारण जॉर्ज की मृत्यु हुई, यूएस धर्माध्यक्ष

जॉर्ज फ्लोयड की हत्या के बाद, यूएस काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के जातिवाद के खिलाफ तदर्थ समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष शेल्टन फाबरे ने अमेरिका के व्यवस्थित नस्लवाद के बारे बातें की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 3 जून 2020 (वाटिकन न्यूज) : "जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या ने लोगों के मन और दिलों में "कई भावनाओं" को जन्म दिया है। स्वाभाविक रूप से लोगों के हृदय में मायूसी और उदासी है। जिसमें एक सच्चा आक्रोश और क्रोध" शामिल है, यह इस तथ्य से प्रकट होता है कि हम नस्लवाद के परिणामस्वरूप जीवन के नुकसान के साथ संघर्ष करना जारी रखते हैं।" उक्त बातें यूएस काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के जातिवाद के खिलाफ तदर्थ समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष शेल्टन फाबरे ने कही।

जॉर्ज फ्लॉइड एक अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति थे, जो पिछले हफ्ते मिनेसोटा के मिनियापोलिस में मारे गए थे, एक सफेद अमेरिकी पुलिस अधिकारी ने, लगभग 9 मिनट तक जमीन पर पड़े जॉर्ज की गर्दन पर अपने घुटने को दबाए रखा था।

जवाब देने की जरूरत है

वाटिकन न्यूज के डेविन वॉटकिंस से बातें करते हुए, धर्माध्यक्ष फाबरे कहते हैं कि यह "अविश्वसनीय" है कि हमने एक और अफ्रीकी-अमेरिकी पुरुष की मौत देखी है जो पुलिस हिरासत में था। यह एक व्यक्ति की गरिमा की अवहेलना का एक और उदाहरण है जो सांस लेने के लिए विनती कर रहा था।

धर्माध्यक्ष फाबरे कहते हैं, कि ऐसी परिस्थिति में प्रतिक्रिया व्यक्त न करना हमारे विश्वास से परे है। इस हत्या ने कई लोगों को खुद से यह पूछने को मजबूर किया है कि वे नस्लवाद को समाप्त करने के लिए क्या मदद कर सकते हैं।

धर्माध्यक्ष कहते हैं, "लोग कुछ करना चाहते हैं, वे मदद करना चाहते हैं।" सभी के भीतर दर्द और क्रोद्ध है। उनका क्रोद्धित होना सही भी है। वहाँ भी लोग लगातार खुद से पूछ रहे हैं ‘मैं क्या कर सकता हूं?’कुछ, पवित्र आत्मा के निर्देश में खुद की जांच कर रहे हैं।"

दंगों और विनाश का अंत

धर्माध्यक्ष फाबरे कहते हैं कि इस त्रासदी ने व्यापक नागरिक अशांति पैदा की है।

शांतिपूर्ण विरोध के साथ, अमेरिका ने दंगों और संपत्ति के विनाश के दिनों को देखा है। धर्माध्यक्ष फाबरे का कहना है कि ये ऐसी कार्रवाइयाँ हैं जिनका वे समर्थन नहीं करते हैं और इसके "अंत की मांग करते हैं।

धर्माध्यक्ष फाबरे ने कहा, "हालाँकि कोविद -19 महामारी ने कुछ हताशा और गुस्से को जोड़ा है, परंतु समस्या की जड़ कुछ और है जो हम संयुक्त राज्य अमेरिका में हमारे राष्ट्र के जन्म के बाद से संघर्ष कर रहे हैं: नस्लवाद। यह सोचना कि जो लोग अलग जाति के हैं - रंग के लोग - उनकी जाति के कारण मुझसे कम हैं।”

जातिवाद को अपर्याप्त रूप से संबोधित करने का इतिहास

धर्माध्यक्ष फाबरे कहते हैं कि वे इस बात पर ध्यान नहीं देना चाहते कि महामारी के समय रंग-भेद की शुरुआत हुई हैं। इसकी जड़ें हमारे संघर्ष के एक लंबे इतिहास में रचनात्मक और पर्याप्त रूप से नस्लवाद को संबोधित करती है और महामारी ने "नस्लीय वास्तविकताओं का खुलासा किया है।"

"इस देश में अश्वेत लोग, विशेष रूप से अफ्रीकी-अमेरिकी, प्रणालीगत नस्लवाद की वजह से वायरस से असंगत रूप से प्रभावित हुए हैं।"

एक महामारी में व्यवस्थित जातिवाद

वे बताते हैं कि अश्वेत लोगों का स्वास्थ्य बीमा नहीं है, कई साफ-सफाई का काम करते हैं और जब वे बीमार होते हैं तो इन दिनों उनके काम के पैसे काट दिये जाते हैं। कई ऐसी परिस्थितियों में भी रहते हैं जहां कई पीढ़ियां एक साथ रहती हैं, जिससे सोशल-डिस्टेंसिंग रखना असंभव हो जाता है।

इसलिए, धर्माध्यक्ष फाबरे कहते हैं, "मौजूदा स्थिति की जड़ें केवल महामारी में नहीं हैं। बल्कि गहरी ऐतिहासिक जड़ें हैं जो इस देश में जीवन की अवहेलना का हिस्सा हैं और नस्ल और नस्लवाद के मुद्दे को संबोधित करने में हमारी असमर्थता या अनिच्छा है।

अनसुनी लोगों की निराशा

अंत में, धर्माध्यक्ष फाबरे ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राज्य में काथलिक कलीसिया "हिंसा को स्वीकार नहीं करता है" बल्कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान करता है।

धर्माध्यक्ष फाबरे डॉ. मार्टिन लूथर किंग को उद्धृत करते हुए कहते हैं, "दंगा अनसुने लोगों की भाषा है।"

"हम निश्चित रूप से दंगों की हिंसा की निंदा करते हैं," "हम निराशा और उन लोगों की नाराजगी को समझते हैं जो अपनी आवाज सुनाने के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।"

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04 June 2020, 08:30