वेदी तैयार करती हुई इटली की महिलाएँ वेदी तैयार करती हुई इटली की महिलाएँ 

नारीवाद और काथलिक पहचान: सामाजिक सिद्धांत में ऑनलाइन डिप्लोमा

25 काथलिक नेता कलीसिया में महिलाओं पर चर्चा करने और इस युग के लिए एक "नया नारीवाद" स्थापित करने के लिए ऑनलाइन एकत्रित होंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 10 जून 2020 (वाटिकन न्यूज) : कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत में छठे अंतर्राष्ट्रीय डिप्लोमा के लिए विषय "सार्वजनिक जीवन में महिलाएं : 21 वीं सदी में नारीवाद और काथलिक पहचान" पर चर्चा करने के लिए, 11 से 25 जुलाई तक लगभग 25 काथलिक नेता ऑनलाइन एकत्रित होंगे।

संत पापा फ्राँसिस के अनुरोध पर, लैटिन अमेरिकन अकाडमी ऑफ काथलिक लीडर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने वाले प्रामाणिक नारीवाद पर विचार मंथन किया जाएगा।

सम्मेलन का उद्देश्य एक नई नारीवाद पर एक स्पष्ट ख्रीस्तीय पहचान के लिए एक प्रस्ताव पेश करना है जो कलीसिया और सार्वजनिक जीवन दोनों में महिलाओं के योगदान को पहचानता है। इसमें महिलाओं पर कलीसिया के दृष्टिकोण, महिलाओं के दार्शनिक नारीविज्ञान का अध्ययन और लिंग की दार्शनिक जड़ों और नारीवाद के इतिहास का गहन विश्लेषण शामिल होगा।

अंतर्राष्ट्रीय योग्यता

जीवन, परिवार और लोकधर्मियों के लिए बने विभाग के सचिव फादर अलेक्जांडर अवी मेल्लो, आयोजित कोर्स का उद्घाटन करेंगे। वे संत पापा फ्राँसिस के विचारों से शुरू करते हुए महिलाओं की आइकन कुवांरी माता मरियम पर अपनी डॉक्टरेट थीसिस पेश करेंगे।

लैटिन अमेरिकी अकादमी ऑफ काथलिक लीडर्स और चार लैटिन अमेरिकी काथलिक विश्वविद्यालय, मेक्सिको में पोंटिफिकल विश्वविद्यालय, कोस्टा रिका में काथलिक विश्वविद्यालय, वेनेजुएला में तचीरा का काथलिक विश्वविद्यालय और चिली में फिनिस टेरा विश्वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणीकरण योग्यता जारी किया जाएगा।

शैक्षणिक टीम ब्राजील फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनस गेरैस के डॉक्टर ऑफ लॉ से क्रिस्टियान केटेल, अर्जेंटीना में यूसीए में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण के समन्वयक एड्रियाना सिरीटो और मैक्सिकन इतिहासकार मारिया लुइसा एस्प आर्मेला के अलावा अन्य लोगों द्वारा बनाई गई है। मारिया लुइसा लैटिन अमेरिका में महिलाओं के नेतृत्व के प्रमुख प्रतिनिधियों में से एक हैं और यूनिवर्सिडस के इतिहास विभाग के निदेशक के रूप में और मैक्सिकन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिश्चियन सोशल डॉक्ट्रिन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है।

प्रासंगिक पूछताछ

शिक्षाविदों का मानना ​​है कि आजकल एक नई नारीवाद का विषय विशेष रूप से प्रासंगिक है। नारीवादी आंदोलनों ने सार्वजनिक जीवन को प्रभावित किया है और समाज के भीतर दुर्व्यवहार और असमानता की गंभीर स्थिति को देखते हुए महिलाओं के नेतृत्व के लिए अधिक स्थान की मांग बढ़ रही है।

शिक्षकों का यह भी कहना है कि वे इन मुद्दों को एक सुसमाचारिक दृष्टिकोण से संबोधित करेंगे, जो विभिन्न नारीवाद के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को समझने में सक्षम हैं, जैसे मनुष्य की गरिमा का उल्लंघन करने वाली अन्यायपूर्ण स्थितियों की वैध शिकायतों की मान्यता, साथ ही कभी-कभी होने वाले वैचारिक उपकरणीकरण का खतरा।  इसलिए, आशा है कि हम "इस बदलते युग और संकट के समय में एक नए नारीवाद के लिए प्रस्ताव विकसित करने" में सफल होंगे।

पाठ्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा और यूरोप और अमेरिका से प्रतिभागियों के लिए सुलभ होगा। अधिक जानकारी के लिए: http://www.liderescatolicos.net/diplomado2020/.

आवेदन की अंतिम तिथि सोमवार, 29 जून है।

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10 June 2020, 14:29