कोविद-19: ऑनलाइन पापस्वीकार पर प्रतिबंध, मनिला महाधर्मप्रांत
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार 9 मई (वाटिकन न्यूज) : मनिला के प्रेरितिक प्रशासक धर्माध्यक्ष ब्रोडरिक पैबिलो ने मनिला महाधर्मप्रांत में "ऑनलाइन पापस्वीकार" संस्कार देने से इंकार किया है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय "पापस्वीकार संस्कार की सत्यता और गोपनीयता की रक्षा" के लिए लिया गया है और क्योंकि संस्कार के लिए पुरोहित और पश्चतापी के बीच एक व्यक्तिगत संवाद की आवश्यकता होती है। आध्यात्मिक सलाह मशविरा देने या आशीर्वाद प्रदान करने के लिए डिजिटल साधनों और टेलीफोन इस्तेमाल किया जा सकता है।
सही पश्चाताप
धर्माध्यक्ष ब्रोडरिक पैबिलो ने कहा कि पुरोहितों को मीडिया का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे किसी व्यक्ति को सही पश्चाताप हेतु सही मार्गदर्शन दे सकें।
उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति "सभी चीजों से ऊपर ईश्वर के प्रेम और विश्वास को व्यक्त करता है और अपने मन में जितनी जल्दी हो सके पुरोहित के पास जाकर पापस्वीकार करने का संकल्प करता है, तो इस परिस्थिति में" उसके सभी पाप, यहाँ तक कि आत्मामारु पाप भी क्षमा कर दिए जाते हैं।”
धर्माध्यक्ष पैबिलो ने कहा, "हमेशा से ही एक अच्छा पापस्वीकार हमारी काथलिक परंपरा का हिस्सा रहा है।" "ईश्वर हमेशा हमारे पास मौजूद हैं, भले ही पापस्वीकार संस्कार संभव नहीं है।"
धर्म-विधियों के लिए प्रोटोकॉल
मनिला महाधर्मप्रांत ने बुधवार को पापस्वीकार संस्कार सहित अन्य धर्म-विधियों के लिए एक प्रोटोकॉल जारी किया।
यह निर्देश उस समय के लिए तैयार करने में मदद करने के लिए जारी किए गए जब सार्वजनिक रुप से विश्वासियों के साथ पवित्र मिस्सा और अन्य समारोहों का अनुष्ठान करने की अनुमति होगी।
सरकार द्वारा कोविद -19 के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए सामाजिक-दूरगामी उपायों ने लगभग सभी धार्मिक सेवाओं पर रोक लगा दी है।
पापस्वीकार संस्कार के विकल्प
महाधर्मप्रांत के प्रोटोकॉल अनुसार पापस्वीकार संस्कार के दौरान पुरोहित और पश्चातापी दोनों फेस मास्क पहनें।
उन्होंने यह भी कहा कि पल्लियों में पापस्वीकार के समय इस्तेमाल किये जाने वाले पापस्वीकार पीठिका को बड़ा बनाया जाए जिससे कि पुरोहित और विश्वासी के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी रखा जा सके। यदि यह असंभव न हो तो पाप स्वीकार संस्कार पीठिका के बाहर किये जाने का प्रावधान बनाया जाए।
मनिला महाधर्मप्रांत में जरूरत पड़ने पर सामूहिक पापस्वीकार धर्मविधि की व्यवस्था की जा सकती है। परंतु सभी धर्म-विधियों में काथलिकों को उचित सामाजिक दिशा-निर्देशों के पालन की आवश्यकता होगी।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here