ईरानी जनरल कासेम सोलेमानी ईरानी जनरल कासेम सोलेमानी  

यूएसए-ईरान संकट: संत पापा स्थिति पर चिंतित

तेहरान से, ईरान के प्रेरितिक राजदूत, महाधर्माध्यक्ष लियो बोकार्डी ने अमेरिकी छापे द्वारा जनरल सोलेमानी की हत्या के कारण तनावपूर्ण स्थिति और परिणामी विरोध का वर्णन करते हुए कहा कि बातचीत और न्याय के हथियारों का उपयोग करने की आवश्यकता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

तेहरान, शनिवार 4 जनवरी 2020 (वाटिकन न्यूज) : वाशिंगटन और तेहरान के बीच ईरानी प्रतिष्ठान के प्रमुख हस्तियों में से एक जनरल कासेम सोलेमानी की अमेरिकी हवाई हमले में मौत के बाद वाशिंगटन और तेहरान के बीच विवाद का बढ़ने की आशंका जताई है। संत पापा फ्राँसिस स्थिति  पर नजर रखे हुए हैं और शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। ईरान के प्रेरितिक राजदूत, महाधर्माध्यक्ष लियो बोकार्डी ने स्थिति के बारे में वाटिकन न्यूज के संवाददाता अमेदेव से टेलीफोन पर बात की।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि संत पापा को जनरल सोलेमानी की हत्या के बाद पूरी स्थिति से अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि यह सब चिंता पैदा करता है और प्रदर्शित करता है कि शांति का निर्माण और इसपर विश्वास करना कितना मुश्किल है। शांति की सेवा के लिए रचनात्मक राजनीति, न केवल मध्य पूर्व में, बल्कि पूरी दुनिया में भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रतिबद्ध होना चाहिए।

 मुश्किल और नाजुक क्षण

महाधर्माध्यक्ष बोकार्डी ने स्वीकार किया कि ईरान में इस समय बहुत तनाव है। हिंसा, दर्द और विरोध को भड़काने वाले प्रदर्शन हुए। यह पूछे जाने पर कि इस कठिन और नाजुक क्षण में क्या महत्वपूर्ण है, महाधर्माध्यक्ष ने जवाब दिया कि तनाव को कम करने की आवश्यकता है। न केवल सभी पक्षों को बातचीत करने की ज़रूरत है, बल्कि उन्हें "बातचीत में विश्वास करने की भी ज़रूरत है, जो इतिहास ने हमेशा सिखाया है, यह जानते हुए कि युद्ध और हथियार" दुनिया को पीड़ित करने वाली समस्याओं को हल नहीं करते हैं। "हमें बातचीत में विश्वास करना चाहिए।”

न्याय के हथियार और अच्छी इच्छाशक्ति

महाधर्माध्यक्ष बोकार्डी ने कहा, "संघर्ष को अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए।" इसके बदले में "न्याय और अच्छी इच्छा के हथियार" को उठाया जाए। इसके लिए आवश्यक है कि "अंतरराष्ट्रीय समुदाय के ध्यान में मध्य पूर्व की स्थिति लाने के लिए" प्रयास किया जाए। उन्होंने कूटनीति के एक महत्वपूर्ण नियम: पैक्टा सुन्ट सर्वान्डा (समझौतों को रखा जाना चाहिए) का हवाला देते हुए कहा, "हर किसी को कानून के नियमों का सम्मान करना चाहिए"।

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04 January 2020, 14:33