बाढ़ पीड़ितों के प्रति काथलिक कलीसिया की एकात्मता
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
कारितास इंडिया के कार्यकारी निदेशक फादर पौल मूनजेली ने फिदेस न्यूज को बतलाते हुए कहा, "हम राज्य सरकारों एवं मानवीय एजेंसियों के साथ मिलकर त्रासदी का सामना करने हेतु सहयोग कर रहे हैं। काथलिक नेताओं ने विश्वासियों, धर्मसमाजियों एवं सद्इच्छा रखने वालों से अपील की है कि वे इस विकट परिस्थिति में एकात्मता प्रकट करें।"
पीड़ितों की संख्या में वृद्धि
कारितास दल मानसून की बारिश से प्रभावित राज्यों आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा और तमिलनाडु में स्थानीय समुदायों की जरूरतों का मूल्यांकन कर रहा है। बाढ़ में अब तक 370 लोगों के मरने की खबर है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। करीब 4.7 मिलियन लोगों को हज़ारों राहत शिविरों में विस्थापित कर दिया गया है।
कार्डिनल ग्रेसियस की अपील
कारितास इंडिया ने कोल्हापुर, सांगली, कसारगोड, वायनाड, मालापुरम, कन्नूर, नीलगिरि, बेलगौम, करवार, एलूरू और विजाग में करीब 10,000 परिवारों को भोजन, जल एवं स्वच्छता किट जैसे आपातकालीन सहायता प्रदान की है।
फादर मूनजेली ने कहा, "भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने भारत के सभी धर्मप्रांतों से एकात्मता की अपील की है ताकि बाढ़ और भूस्खलन से पीड़ित लोगों की मदद की जा सके।
कारितास के समारितानी
बाढ़ के कारण कर्नाटक में विस्थापित 7,00,000 लोगों को मदद पहुँचाने के लिए कारितास इंडिया पाँच शाखाओं द्वारा 17 में से नौ प्रभावित जिलों में काम कर रही है। केरल भी विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है और स्थानीय कारितास सबसे अधिक प्रभावित वाले गांवों में मानवीय सहायता पहुँचा रहा है।
केरल के लिए कारितास इंडिया के प्रतिनिधि फादर जोली पुथेनपुरा ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया तथा इस संकट का सामना करने हेतु योजना बनायी है। कारितास इंडिया को लोग "कारितास के समारितानी" पुकारते हैं जो मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए अथक परिश्रम कर रहा है।
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