आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री नाइडू आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री नाइडू 

धर्माध्यक्षों द्वारा ईसाइयों के आंध्रप्रदेश बिल का स्वागत

भारतीय कलीसिया विभिन्न संघीय सरकारों और राजनीतिक दलों के साथ जुड़कर मांग करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है कि संसद में नीतिगत बदलाव के साथ दलित ईसाइयों को आवश्यक प्रावधान दिया जाना चाहिए।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, 11 फरवरी, 2019 ( मैटर्स इंडिया) : अनुसूचित जाति (दलित और पिछड़े वर्ग) के लिए भारत के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआइ) कार्यालय ने आंध्र प्रदेश के दलित ईसाइयों को अनुसूचित जाति (एससी) का दर्जा देने के बिल का स्वागत किया है।

पहले से ही कुछ राज्यों ने अपनी विधानसभाओं में यही प्रस्ताव पारित किया है। आंध्र प्रदेश विधानसभा ने 7 फरवरी को प्रस्ताव पारित किया।

सीबीसीआई परिषद के एससी/बीसी कार्यालय के राष्ट्रीय सचिव फादर देवसगायाराज एम ज़करियास ने मैटर्स इंडिया को बताया कि एससी सूची में दलित ईसाइयों को शामिल करने के लिए विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित करना एक संकेत है कि राज्य सरकारें दलित ईसाइयों को एससी सूची में शामिल करने के कदम का समर्थन करती हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और अन्य क्षेत्रीय दलों के उनके सहयोगी अगली केंद्र सरकार के गठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

 इससे दलित ईसाइयों को बड़ी उम्मीद है कि एससी सूची में शामिल करने की लंबे समय से विचाराधीन उचित मांग एक वास्तविकता बन जाएगी।

नीतिगत बदलाव की मांग

1950 का राष्ट्रपति का आदेश देश में दलित ईसाइयों और मुसलमानों के लिए शैक्षिक और रोजगार के प्रावधानों या आरक्षण पर प्रतिबंध लगाता है। तब से, भारतीय कलीसिया विभिन्न संघीय सरकारों और राजनीतिक दलों के साथ जुड़कर मांग करने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है कि संसद में नीतिगत बदलाव के साथ दलित ईसाइयों और मुसलमानों को आवश्यक प्रावधान दिया जाना चाहिए।

तेलगु काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के उप सचिव फादर जोसेफ अर्लागड्डा ने दलित ईसाइयों को एससी का दर्जा देने की सिफारिश करने के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू द्वारा लिये कदम पर अपनी प्रतिक्रिया प्रकट की और कहा, "7 फरवरी को मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि वह बिल को आगे बढ़ायेंगे और केंद्र सरकार को भेजेंगे।”

उन्होंने कहा, वास्तव में, यह नया नहीं है। आंध्र प्रदेश के दो बार रह चुके मुख्यमंत्री स्वर्गीय यदुगुड़ी संदीप्ति राजशेखर रेड्डी ने पहले ही एक प्रस्ताव पारित किया था और 2009 में केंद्र सरकार को भेजा था।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

11 February 2019, 16:22