इरावाडी पर विवादास्पद बांध का विरोध प्रदर्शन इरावाडी पर विवादास्पद बांध का विरोध प्रदर्शन 

म्यांमार कार्डिनल इरावाडी पर विवादास्पद बांध का विरोध

कार्डिनल चार्ल्स बो का कहना है कि लोगों को इरावाडी नदी पर 3.8 अरब डॉलर माइट्सोन बांध को फिर से शुरू करने के चीनी प्रयासों का विरोध करना चाहिए।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

यांगून, गुरुवार 31 जनवरी 2019 (वाटिकन न्यूज) : म्यांमार के कार्डिनल चार्ल्स बो ने इरवाडी नदी पर चीन समर्थित मित्सितोन बांध का जोरदार विरोध करते हुए कहा है कि यह म्यांमार के लोगों के लिए "मौत का बुलावा" है।

28 जनवरी की प्रेस विज्ञप्ति में, यंगून के महाधर्माध्यक्ष ने सभी हितधारकों से अपील की कि वे इस परियोजना को रोकें,  विवादास्पद बांध एक "पर्यावरणीय आपदा" है, जो देश के लाखों किसानों को उनकी आजीविका से वंचित करेगा जहां 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है।

आजीविका दांव पर

कार्डिनल बो ने कहा, "लाखों किसानों की आजीविका खोने की गंभीर संभावना, नदियों के किनारे पवित्र स्थलों का दुरुपयोग, हमारे प्रिय राष्ट्र के बहुमूल्य वनस्पतियों और जीवों की मृत्यु और विनाश एक दुखद वास्तविकता बन रही है।"

क्रिसमस 2017 के अवसर पर एक पूर्व संदेश में, कार्डिनल बो ने परियोजना के खिलाफ बात की थी, काचिन राज्य के लोगों से 3.8 अरब डॉलर के बांध, एक बड़े पैमाने पर पनबिजली विकास परियोजना का विरोध करने का आग्रह किया, जिसका 90 प्रतिशत बिजली चीन जाने की उम्मीद है।

2010 में, बांध के निर्माण के कारण कम से कम 3,000 लोगों को स्थानांतरण होना पड़ा था। राष्ट्रपति थीन सीन की सैन्य समर्थित सरकार ने सितंबर 2011 में निर्माण कार्य को स्थगित कर दिया था, लेकिन चीन ने सख्ती से परियोजना को फिर से शुरू करने का आह्वान किया है।

महाशक्ति का लालच, माँ को गिरवी

कार्डिनल बो ने जो संदेश जारी किया उसका शीर्षक उन्होंने दिया,  "हमारी माँ इरवाड्डी की तस्करी बंद करो"। एक महाशक्ति के लालच में, " माईस्टोन बांध के माध्यम से अपनी माँ इरावदी को खोने की दुखद संभावना को देखते हुए कार्डिनल बो ने भली इच्छा रखने वाले म्यांमार के नागरिकों को एकजुट होने का अनुरोध करते है।

 इरवाड्डी के बारे में, कार्डिनल ने कहा कि एक नदी से बढ़कर, वह एक पवित्र मां है जिसका इतिहास राष्ट्र और उसके लोगों के साथ जुड़ा हुआ है, यह हमारे लिए बहुत उपयोगी है जिसे बदला नहीं जा सकता है। "वह हमारी आशा है, वह हमारी नियति है।"

दिसंबर में चीन के राजदूत होंग लिआंग द्वारा काचिन की यात्रा की और वहाँ उन्होंने राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के साथ मुलाकात की। उसके बाद से माईस्टोन बांध को फिर से शुरू करने पर चिंता बढ़ गई, दो हफ्ते बाद, चीनी दूतावास ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि स्थानीय काचिन समुदाय परियोजना के खिलाफ नहीं थे, लेकिन कुछ बाहरी व्यक्ति और सामाजिक संगठन आपत्ति कर रहे थे।

तीन राजनीतिक दलों ने चीनी दावे का तुरंत खंडन किया।

राष्ट्र की नियति और प्रतिष्ठा

कार्डिनल बो ने "बड़े और शक्तिशाली देशों" को दोष दिया, जो राष्ट्र से सब कुछ चाहते हैं। “दशकों तक, उन्होंने म्यांमार को धमकी देने के लिए अपनी रणनीतिक स्थिति का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि म्यांमार के उत्तरी राज्यों में मानव तस्करी के माध्यम से हमारी लड़कियों और महिलाओं को बदनाम किया गया है।

कार्डिनल ने बांध परियोजना को फिर से शुरू करने का समर्थन देने वालो की तुलना उन बेटे और बेटियों से की जो मौद्रिक लाभ के लिए अपने माता-पिता को व्यापार की वस्तु बनाते हैं।” "इतिहास उन लोगों को कभी भी माफ़ नहीं करेगा जो हमारी माँ इरावाडी को बेचते हैं," उन्होंने चेतावनी दी और आशा व्यक्त की कि देश के "नेता हमारे राष्ट्र की नियति और प्रतिष्ठा को नष्ट करने के सभी प्रयासों का विरोध करेंगे।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

31 January 2019, 16:45