पेट्रिसिया स्कॉटलैंड: मानवीय भाईचारा सिर्फ़ सहिष्णुता से कहीं आगे है
वाटिकन न्यूज
अबू धाबी, शनिवार 01 फरवरी 2025 : हर साल, मानव बंधुत्व के लिए जायद पुरस्कार दुनिया भर में कहीं से भी ऐसे व्यक्तियों या समूहों को दिया जाता है जो "विभाजनों को पाटने और वास्तविक मानवीय संबंध बनाने के लिए निस्वार्थ और अथक काम करते हैं।"
संत पापा फ्राँसिस और अल अजहर के ग्रैंड इमाम शेख अहमद अल-तैयब द्वारा मानव बंधुत्व पर एक संयुक्त दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने के बाद 2019 में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी।
इस वर्ष का पुरस्कार मंगलवार 4 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस पर अबू धाबी में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा। विजेताओं का चयन एक स्वतंत्र जूरी द्वारा किया गया है - जिसके सदस्यों में कॉमनवेल्थ ऑफ़ नेशंस की महासचिव पेट्रीशिया स्कॉटलैंड भी शामिल हैं।
प्रश्न: आप जायद पुरस्कार के लिए निर्णायक मंडल की सदस्य हैं। मुझे इसके बारे में थोड़ा बताइए – चयन प्रक्रिया कैसी रही?
खैर, मुझे निर्णायक मंडल का हिस्सा बनने के लिए कहा जाना बहुत सम्मान की बात थी। जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रमंडल 56 देशों का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें लगभग 27 बिलियन लोग हैं, जिनमें से 60% 30 वर्ष से कम आयु के हैं। हम मूल्यों पर बहुत ज़ोर देते हैं – हम एक चार्टर से बंधे हैं, जो जायद पुरस्कार के मूल्यों को बहुत हद तक दर्शाता है।
इस पुरस्कार में भाग लेने में सक्षम होना एक बड़ा सम्मान था, क्योंकि हम ऐसे उदाहरण खोजने की कोशिश कर रहे थे जो वास्तव में मानव बंधुत्व, समानता और समावेशिता का प्रदर्शन करते हैं।
चयन प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
इसमें कई महीने लग गए, क्योंकि जब हम एक पैनल के रूप में एक साथ आए तो हमें सैकड़ों आवेदनों की समीक्षा करनी थी और फिर गहराई से जाना था। हम उम्मीदवारों के शॉर्टलिस्ट में छांटने की प्रक्रिया से गुज़रे, और फिर एक छोटी सूची बनाई - और प्रत्येक आवेदन को समझने पर बहुत ज़ोर दिया गया, और फिर इन आवेदकों ने मानवता पर क्या प्रभाव डाला है, यह जानने की कोशिश की गई। उन्होंने क्या किया था? उन्होंने जीवन को कैसे समृद्ध, बेहतर और अधिक सार्थक बनाया? क्या वे वास्तव में आशा की किरण थे जो दूसरों को उनका अनुकरण करने में सक्षम बनाती है।
वाटिकन भी जायद पुरस्कार में शामिल है, और कार्डिनल पीटर टर्कसन इस वर्ष जूरी के सदस्य हैं। आप स्वयं काथलिक हैं - इस सब में आपकी आस्था की क्या भूमिका रही?
मेरी आस्था अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण थी, और केवल इसलिए नहीं कि इस पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ताओं में से एक ग्रैंड इमाम के साथ संत पापा फ्राँसिस थे। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे दो महामहिम हमारी दुनिया में प्रेम, एक-दूसरे के प्रति प्रेम, समझ, सम्मान - और केवल सहिष्णुता से परे जाने के महत्व को रेखांकित करने के लिए एक साथ आए।
[मानव बंधुत्व] सहन करने के बारे में नहीं है; यह समझने के बारे में है कि हम एक परिवार हैं, यह समझना कि हमारी मानवता बाकी सब चीज़ों से ज़्यादा मौलिक है। यदि आप काथलिक हैं, तो आप कहेंगे कि हर एक इंसान ईश्वर की छवि में बना है, और उस पवित्रता, जीवन की सुंदरता को संरक्षित किया जाना चाहिए और जिस ग्रह पर हम खुद को पाते हैं उसे भी संरक्षित किया जाना चाहिए।
इसलिए, एक जज बनना कुछ ऐसा था जिस पर मुझे खुशी हुई, क्योंकि, निश्चित रूप से, संत पापा फ्राँसिस ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि हमें पृथ्वी पर हर एक व्यक्ति से प्यार करना है, चाहे उनका विश्वास कुछ भी हो, वे किसी भी रंग या आकार में हों। यह उनकी मानवता है जो वास्तव में हमारे दिलों में गूंजती है।
संत पापा की बात करें तो - मुझे लगता है कि आप उनसे हाल ही में मिली हैं, यह कैसा रहा? आपने किस बारे में बात की?
यह बड़े सम्मान का समय था। जजों का पूरा पैनल संत पापा से मिलने गया। हम पुरस्कार के बारे में बात करने के लिए गये कि, हम क्या कर रहे थे और हमने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएँ भी दिया! तो यह एक बहुत ही खास पल था। मेरे लिए खास तौर पर, यह संत पापा से फिर से मिलने और वास्तव में उनकी बुद्धिमत्ता को आत्मसात करने का पल था। यह हमेशा एक पुष्टि और खुशी का अवसर होता है। उन्होंने बहुत मेहनत की है। मुझे लगता है कि वह खुद उस चीज़ का अवतार हैं, जो बहुत से लोग बनना चाहते हैं।
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