खोज

जापान के फुकुशिमा में रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने के निश्चय का विरोध करते दक्षिणी के लोग मोमबत्ती जुलूस के साथ जापान के फुकुशिमा में रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने के निश्चय का विरोध करते दक्षिणी के लोग मोमबत्ती जुलूस के साथ  (AFP or licensors)

जापान फुकुशिमा के उपचारित पानी को समुद्र में छोड़ेगा

जापान ने घोषणा की है कि वह उपचार किये गये 1 मिलियन मैट्रिक टन रेडियोधर्मी जल को इस सप्ताह समुद्र में छोड़ने का निश्चय किया है, यह यकीन दिलाते हुए कि इसका प्रभाव लोगों और पर्यावरण पर नहीं के बराबर होगा। लेकिन यह योजना पूरे एशिया और प्रशांत क्षेत्र में चिंता पैदा कर रही है।

वाटिकन न्यूज

जापान, बुधवार, 23 अगस्त 2023 (रेई) : जापान ने घोषणा की है कि वह उपचार किये गये 1 मिलियन मैट्रिक टन रेडियोधर्मी जल को इस सप्ताह समुद्र में छोड़ने का निश्चय किया है, यह यकीन दिलाते हुए कि इसका प्रभाव लोगों और पर्यावरण पर नहीं के बराबर होगा। लेकिन यह योजना पूरे एशिया और प्रशांत क्षेत्र में चिंता पैदा कर रही है।

टोक्यो ने मंगलवार को अपनी योजना के साथ आगे बढ़ने और मौसम की स्थिति अनुकूल होने पर 24 अगस्त को 1.34 मिलियन टन संचित उपचारित रेडियोधर्मी अपशिष्ट जल को प्रशांत महासागर में छोड़ना शुरू करने के अपने इरादे की पुष्टि की।

जापानी सरकार ने इसे एक संयंत्र को बंद करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम कहा है, क्योंकि एक दशक से अधिक समय से टैंकों में एकत्र किए गए दूषित पानी के भंडारण के लिए जगह समाप्त हो चुकी है।

मछली पकड़नेवाले समूहों का कहना है कि उन्हें डर है कि इस क्षति से उनकी आजीविका बर्बाद हो जाएगी और इस योजना ने पूरे एशिया और प्रशांत क्षेत्र में चिंता की लहर पैदा कर दी है, एवं पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस अधिनियम को "अपराध से अलग नहीं" बताया है।

चेर्नोबिल के बाद सबसे खराब परमाणु आपदा

2011 में सुनामी के कारण उत्पन्न आपदा, जिसमें फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र के तीन रिएक्टरों में बाढ़ आ गया था, उसे चेरनोबिल के बाद दुनिया की सबसे खराब परमाणु आपदा माना जाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि शुरू में पानी को थोड़ी मात्रा और अतिरिक्त जांच के साथ छोड़ा जाएगा, जिसमें प्रति लीटर ट्रिटियम का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के पीने के पानी की सीमा से काफी नीचे होगा।

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने जुलाई में इस योजना को हरी झंडी देते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है और इसका लोगों और पर्यावरण पर प्रभाव "नगण्य" होगा।

कुछ पड़ोसी सरकारों ने कहा कि वे जापानी समुद्री भोजन पर आयात नियंत्रण को "तुरंत सक्रिय" करेंगे। वहीं कुछ लोगों ने जीवित, जमे हुए, फीज किये हुए और सूखे समुद्री भोजन, साथ ही समुद्री नमक और समुद्री शैवाल पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है।

दूसरी ओर जापान के अधिकारियों ने कहा है कि अपशिष्ट विसर्जन के बाद समुद्री जल के पहले परीक्षण के परिणाम सितंबर की शुरुआत में उपलब्ध हो सकते हैं और उस मछली का परीक्षण संयंत्र के पास के पानी में भी किया जाएगा, जिसके परिणाम कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध किये जायेंगे और जिसको सभी देख सकेंगे। (स्रोत: रॉयटर्स और अन्य एजेंसियाँ)

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

23 अगस्त 2023, 16:26