यूनिसेफ: स्कूल में नामांकित रोहिंग्या बच्चों की रिकॉर्ड संख्या
वाटिकन समाचार
बांग्लादेश, बुधवार 26 जुलाई 2023 : रविवार, 23 जुलाई को, बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में स्कूल के पहले दिन की शुरुआत करने के लिए उत्सुक 300,000 बच्चों से कक्षायें भरी हुई थीं।
शिक्षा के अवसर
यूनिसेफ के अनुसार, "2017 से बांग्लादेश में घनी आबादी वाले शिविरों में दस लाख शरणार्थी रह रहे हैं, जिनमें से आधे बच्चे हैं, वे पड़ोसी म्यांमार में हिंसा और उत्पीड़न से भाग गए थे।"
विस्थापन और प्राकृतिक आपदाओं जैसे "शिक्षण केंद्र के जलने और चक्रवात मोचा के प्रकोप" जैसी समस्याओं के बावजूद, शरणार्थी शिविरों ने किशोरों और लड़कियों के लिए शैक्षिक अवसरों में विस्तार दर्ज किया।
एक बेहतर भविष्य
बांग्लादेश में यूनिसेफ के प्रतिनिधि शेल्डन येट के अनुसार, "रोहिंग्या बच्चे सीखना चाहते हैं और बेहतर भविष्य के लिए अपनी आशाओं और सपनों को वास्तविक क्षमता में बदलना चाहते हैं।"
येट ने म्यांमार में "सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी" सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश में रहने के दौरान बच्चों के लिए "अपनी शिक्षा जारी रखने" के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने पुष्टि की, "यह सबसे महत्वपूर्ण घटक है।"
किशोर और युवा लड़कियाँ
हस्तक्षेप के क्षेत्रों में युवा रोहिंग्यों के कई समूह शामिल थे। बड़े बच्चों के लिए नई संभावनाओं के समानांतर, "एक समर्पित अभियान 13,000 से अधिक बच्चों को कक्षाओं में लाया गया जो स्कूल नहीं जा रहे थे।"
किशोरियों को उनकी शिक्षा में सहायता करने के लिए भी विशेष प्रयास किया गया। वास्तव में, सामाजिक मानदंडों के कारण, "माता-पिता अक्सर युवावस्था में पहुंचने पर लड़कियों को स्कूल भेजने से अनिच्छुक होते हैं।"
यूनिसेफ और साझेदारों ने माता-पिता को लड़कियों की शिक्षा के लाभों को प्रदर्शित करने के लिए और लड़कियों की कक्षाओं में महिला शिक्षिकाओं को रखा है।"
एक बहुत बड़ा काम
संगठन के बयान में "दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी बस्तियों में" शिक्षा प्रदान करने के "अत्यधिक कार्य" पर प्रकाश डाला गया। यह 3,400 शिक्षण केंद्रों और समुदाय-आधारित शिक्षण सुविधाओं की उपस्थिति के माध्यम से संभव हुआ।
इस शैक्षणिक वर्ष के दौरान पहली बार म्यांमार पाठ्यक्रम की शुरूआत को रेखांकित करते हुए प्रेस विज्ञप्ति का समापन हुआ।
अध्ययन का एक औपचारिक पाठ्यक्रम, जिसे 2021 में इसके उद्घाटन के बाद से, "कॉक्स बाजार शरणार्थी शिविरों में आज पहली बार कक्षा 3 से 5 और 10 वीं कक्षा के उद्घाटन के साथ धीरे-धीरे विस्तारित किया गया है।"
इस तरह के विकास से "बड़े और छोटे दोनों बच्चों के लिए सीखने के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।"
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