तीन आदमी, एक पतवार और हमारा क्रिसमस
अन्द्रेया तोरनेल्ली
ख्रीस्त जयंती को एक महीने से भी कम समय रह गया है, लेकिन तीन व्यक्ति की कहानी जो 11 दिनों तक नाइजीरिया से निकले एक तेल टैंकर के पतवार पर अडिग रहे जो कैनरी द्वीप पहुंच गई है। ऐसा जान पड़ता है कि उन्हें मौसम से कोई लेना-देना नहीं है।
तीन प्रवासियों की दास्ता जो जहाज के पिछले हिस्से में जकड़े रहे, जिनका संपर्क पानी से हुआ, जो चमत्कारिक ढ़ंग से ठंड, पानी, धूप और निर्जलीकरण से बच रहे, अपने में सिहरन पैदा करने वाली है। इस घटना के आलोक में हम नाजरेत परिवार के भाग्य के बारे में सोचे बिना नहीं रह सकते हैं, जो हर शरणार्थी, प्रवासी या विस्थापित व्यक्ति की कहानी ब्यां करती है। ख्रीस्तियों का ईश्वर जो मानव बना, मरियम और जोसेफ के साथ मिस्र में एक प्रवासी और शरणार्थी होने को बाध्य हुआ। उस परिवार को हेरोदे के दुष्टतापूर्ण विचारों से बचने हेतु मिस्र भागने को मजबूर होना पड़ा, जो येसु को मारने के लिए तैयार था। उस परिवार ने निर्वासन, अनिश्चितता, यात्रा की जोखिम, अपनी जमीर से दूर होने का अनुभव किया।
हम नहीं जानते कि तीन लोगों ने तेल टैंकर के विशाल पतवार में चिपक कर अटलांटिक महासागर में यात्रा करते हुए भागने का दुस्साहस क्यों किया। हम केवल अनुमान लगा सकते हैं कि वे जिस स्थिति में रह रहे थे, इसके पहले भुखमारी के शिकार होते उन्होंने इस गहरे जोखिम को आलिंगन करना स्वीकार किया, जैसा कि ऐसी परिस्थिति में कई अन्य लोगों के साथ होता है।
यह भी बताया गया है कि उन तीन लोगों को लास पालमास में चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिन्हें “अवैध यात्रियों” के रूप में नाइजीरिया वापस भेज दिया जाएगा। जहाज की पतवार पर बैठे व्याकुल और निर्जलित उनकी तस्वीर दुनिया भर में सैरकर रही है, यह हमें इस बात की याद दिलाती है कि हम उन्हें न भूलें और उनकी तरह कई अन्य को- जो भूख, अकाल, गरीबी और युद्ध से भाग रहे हैं – वे एक सुरक्षित बंदरगाह की तलाश में भूमध्यसागर नामक कब्रिस्तान का बहादुर से प्रतिदिन सामना करते हैं। यूरोप में रहने की अनुमति देना उनके लिए एक अप्रत्याशित क्रिसमस उपहार होगा। इतालवी संस्थान “काजा देलो स्पीरितो ए देले आरती” उनके सपने को साकार करने के लिए प्रयासरत है।
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