हैती के राष्ट्रपति, जोवेनेल मोसे  और पत्नी संत पापा के संग हैती के राष्ट्रपति, जोवेनेल मोसे और पत्नी संत पापा के संग 

हैती के राष्ट्रपति, जोवेनेल मोसे की हत्या

हैती के राष्ट्रपति जोवेनेल मोसे की रातों रात उनके निजी आवास में हत्या कर दी गई। उनकी मृत्यु से गरीब कैरिबियन राष्ट्र और उथल-पुथल की आशंका।

दिलीप संजय  एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार, 08 जून 2021 (रेई) हैती के राष्ट्रपति जोवेनेल मोसे की अज्ञात हथियारबंद लोगों ने उनके निजी आवास पर रात में गोली मारकर हत्या कर दी, गोली बारी में उनकी पत्नी भी गंभीर रूप से घायल हो गई है।

देश के अंतरिम प्रधानमंत्री - क्लाउड जोसेफ – ने अपने एक बयान में इस हत्या को "घृणित, अमानवीय और जघन्य कृत्य" कहा है। उन्होंने कहा कि एक "सशस्त्र कमांडो समूह" ने रात के करीब एक बजे मोसे के आवास पर कथित तौर पर हमला किया और राष्ट्रपति को गंभीर रूप से घायल कर दिया।

हमले में घायल हुई प्रथम महिला मार्टिन मोसे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खबरों ने मुताबिक उनकी स्थिति गंभीर है लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। हाईतियनों को आश्वस्त करते हुए, जोसेफ ने कहा कि “देश की सुरक्षा स्थिति राष्ट्रीय पुलिस और हैती के सशस्त्र बलों के नियंत्रण में है।” उन्होंने लोकतंत्र और गणतंत्र को बनाए रखने का संकल्प किया।

दुखद खबर

वाटिकन न्यूज से बात करते हुए, हैती में फोर्ट-लिबर्टे के धर्माध्यक्ष अल्फोंस क्वेस्नेल ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया। “हमें इसकी उम्मीद नहीं थी”, उन्होंने कहा। “हालांकि यह सच है कि राष्ट्रपति बहुत तनाव की स्थिति में थे, हमने नहीं सोच था कि तनाव की यह स्थिति इस मुकाम तक पहुंच जायेगी।”

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने फिलहाल ही एक नये प्रधानमंत्री को नियुक्त किया था जो शायद पद ग्रहण भी नहीं कर पाएंगे। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि देश में “अराजकता की स्थिति” उत्पन्न होगी।

धर्माध्यक्ष क्वेस्नेल ने देश की स्थिति के बारे में कहा कि हम यह नहीं बता सकते कि लोगों की प्रतिक्रिया क्या होगी। उन्होंने कहा, “हम यह नहीं कह सकते कि देश की स्थिति नियंत्रण में है।”

हैती में उथल-पुथल

अमेरिका का सबसे गरीब देश हैती, हत्या से पहले ही एक अनिश्चित राजनीतिक स्थिति में था। राजनीतिक अशांति और हिंसा के साथ बाद इस हत्या से गरीब कैरेबियाई राष्ट्र का और उथल-पुथल में डुबने की संभावना है। हाल के दिनों में, स्थिति और भी अधिक अस्थिर हो गई थी और लोग मोसे से असंतोष व्यक्त कर रहे थे।

देश में विधायी चुनाव कराने में विफल रहने के बाद 53 वर्षीय मोसे ने एक साल से अधिक समय तक देश का बागडोर संभाली। विपक्ष ने हाल के महीनों में उनके इस्तीफे की मांग करते हुए दावा किया कि उन्हें फरवरी में पद छोड़ देना चाहिए था। देश के काथलिक धर्माध्यक्ष महीनों से देश में अस्थिरता और सुरक्षा की कमी की निंदा करते रहे हैं।

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08 July 2021, 15:05