आईवरी कोस्ट में कार्यरत महिला आईवरी कोस्ट में कार्यरत महिला 

खाद्य प्राणलियों पर त्रिदिवसीय बैठक की समाप्ति

खाद्य प्रणालियों पर संयुक्त राष्ट्र की 3 दिवसीय बैठक बुधवार को रोम में संपन्न हुई।

वाटिकन सिटी - उषा मनोरमा तिर्की

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 29 जुलाई 2021 (रेई)- खाद्य प्रणालियों पर संयुक्त राष्ट्र की 3 दिवसीय बैठक बुधवार को रोम में संपन्न हुई, कारितास इंटरनेशनल ने निर्णय लेनेवालों से सभी चर्चाओं और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में गरीबों के अधिकारों को शामिल करने का आग्रह किया।

संयुक्त राष्ट्र ने सितंबर में न्यूयॉर्क में एक महत्वपूर्ण खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है। यह स्वस्थ, अधिक टिकाऊ और न्यायसंगत खाद्य प्रणाली बनाने में मदद करने के लिए 2030 तक 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने हेतु कार्रवाई के दशक का हिस्सा है।

दुनिया भर में 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में काम कर रहे 165 काथलिक राहत, विकास और सामाजिक सेवा संगठनों के परिसंघ कारितास इंटरनेशनल ने रोम में 26-28 जुलाई के पूर्व-शिखर सम्मेलन के मद्देनजर एक बयान जारी किया, जिसमें नीति निर्माण और कार्यान्वयन में स्थानीय उत्पादकों और उपभोक्ताओं, विशेषकर महिलाओं को निर्णय लेने में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।

कोविड ने असमानता को बढ़ाया

कारितास ने कहा कि रोम में पूर्व सम्मेलन एवं सितम्बर में शिखर सम्मेलन दोनों को खाद्य प्रणालियों के स्थायी परिवर्तन में संलग्न होने के अवसरों से नहीं चूकना चाहिए। इस समय यह और भी आवश्यक हो गया है जब कोविड-19 महामारी ने भोजन की पहुंच में पहले से मौजूद असमानताओं को और बढ़ा दिया है। आने वाले महीनों और वर्षों में कई लाख लोगों को खाद्य असुरक्षा और कुपोषण का अनुभव होने की संभावना है।

भूख और कुपोषण

यूएन के आंकड़े अनुसार 2020 में करीब 811 मिलियन लोगों ने भूख का सामना किया और 2019 में 161 मिलियन लोग। कोविड-19 महामारी के कारण हुए विघटन के कारण, 3 बिलियन लोग पौष्टिक भोजन नहीं ले पा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेर्रेस ने खेद प्रकट किया कि विश्व “2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए गंभीर रूप से” पटरी से बाहर हो गई है। “गरीबी, असमान आमदनी और भोजन की ऊँची कीमत” ही इन मुसीबतों के लिए जिम्मेदार हैं तथा जलवायु परिवर्तन एवं संघर्ष इस आपदा के परिणाम और चालक हैं।”

12 जुलाई को जारी यूएन की स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड (एसओएफआई) की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर कोविड-19 के स्थायी प्रभावों के कारण 2030 में भी लगभग 660 मिलियन लोग भूख का सामना कर सकते हैं।

भोजन – एक मौलिक मानव अधिकार

इस बात पर जोर देते हुए कि भोजन तक पहुंच एक बुनियादी मानव अधिकार है, कारितास ने कहा कि केवल औद्योगिक कृषि को बढ़ावा देकर जो लंबे समय में केवल आपूर्ति श्रृंखला से अधिक लोगों को बाहर करने में योगदान देगा और भोजन तक पहुंचने में और अधिक अन्याय उत्पन्न करेगा, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती है, और खाद्य प्रणालियों को नहीं बदला जा सकता है। कारितास, जो सबसे गरीब समुदायों के साथ काम करता है, समुदाय आधारित पारंपरिक कृषि, कृषि पारिस्थितिकी, स्थानीय बाजारों के पक्ष में आपूर्ति श्रृंखला की समीक्षा और जिम्मेदार खाद्य खपत को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र: 2020 महामारी वर्ष में भूख, कुपोषण बदतर

काथलिक कलीसिया की सामाजिक शाखा ने कृषि और खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया जो पारिस्थितिक और टिकाऊ खेती को बढ़ाता है और किसानों को बढ़ावा देने के माध्यम से ग्रामीण कृषि गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। कारितास इंटरनैशनल के महासचिव जॉन अलोईस ने कहा, “यही 2019 में अमेज़न पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के दौरान सबसे गरीब लातिनी-अमेरिकी किसानों का रोना था।” उन्होंने कहा कि यह “खाद्य न्याय” सुनिश्चित करेगा और गरीब किसानों को सम्मान से जीने में सक्षम बनाएगा।

महिलाओं की भूमिका

इस प्रक्रिया में, जॉन ने जोर देकर कहा कि पारंपरिक कृषि में महिलाओं की अपनी भूमि में प्रमुख भूमिका को मान्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “महिलाएं, कृषि क्षेत्र का हिस्सा हैं, और वे विकासशील देशों में 60 से 80% खाद्य उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं।” फिर भी वे भूमि अधिकारों, ऋण, उत्पादन संसाधनों और बीज पूंजी तक पहुंच की कमी के कारण अनेक चुनौतियों का सामना करती हैं।”  उन्होंने कहा कि उन्हें सहकारी समितियों और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को स्थापित करने में मदद की जानी चाहिए जो उन्हें अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनायेगा।

संत पापा फ्राँसिस ने रोम में खाद्य प्रणालियों पर संयुक्त राष्ट्र पूर्व शिखर सम्मेलन को भी एक संदेश भेजा है, जिसमें उन्होंने एक ऐसी दुनिया में भूख के “घोटाले” की निंदा की है जो सभी लोगों के लिए पर्याप्त भोजन का उत्पादन करती है। उन्होंने कहा कि यह एक “अपराध है जो बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

29 July 2021, 15:09