बाइडन एवं पुतिन की मुलाकात पर डब्ल्यूसीसी द्वारा शांति की उम्मीद
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
रूस, बृहस्पतिवार, 17 जून 2021 (वीएनएस)- राष्ट्रपति पुतिन और बाइडन द्वारा चर्चा किए गए कई मुद्दे कलीसियाओं की विश्व परिषद के 350 सदस्यीय कलीसिसयाओं के लिए चिंता के विषय हैं।
इन विषयों में महामारी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव, जलवायु परिवर्तन एवं विनाशकारी परमाणु संघर्ष के बढ़ते खतरे, खासकर, हथियारों के नियंत्रण में घटते सहयोग और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के संदर्भ शामिल हैं।
तनाव कम करने और सहयोग को बढ़ावा देने का आह्वान
दोनों नेताओं को सम्बोधित एक खुले पत्र में डब्ल्यू सीसी के कार्यवाहक महासचिव माननीय डॉ. लोआन सौका ने अपील की है कि वे अपने देशों के बीच तनाव कम करने एवं संकट दूर करने हेतु एक साथ कार्य करें।
उन्होंने लिखा है कि "दो देशों के नेताओं के रूप में, विश्व में अपने खास ऐतिहासिक एवं वर्तमान भूमिका के रूप में आपको एक विशेष जिम्मेदारी है ताकि आज दुनिया के सामने मौजूद कई जटिल संकटों को दूर करने में प्रभावी वैश्विक सहयोग की संभावनाओं को कम करने के बजाय, सुधार किया जा सके।" "हम प्रार्थना करते हैं कि जीवन एवं शांति के ईश्वर आपको प्रेरित करे एवं आपके अपने लोगों की भलाई, हमारे स्वतंत्र मानव समुदाय एवं ईश्वर के बहुमूल्य एवं अनोखी सृष्टि के लिए इस महत्वपूर्ण कार्य हेतु आपका मार्गदर्शन करे।"
न्याय एवं शांति का रास्ता खोजना
कलीसियाओं की विश्व परिषद ने राष्ट्रपति जो बाइडन, पुतिन एवं विश्व के सभी नेताओं के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है ताकि वे शांति और न्याय के रास्ते को पा सकें। उन्होंने सभी मनुष्यों की भलाई और दुनिया के पर्यावरण की बेहतरी के लिए आग्रह किया।
उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की है कि "जब दो विश्व नेता एक साथ मिल रहे हैं तब उनके आसपास ऐसे सलाहकारों एवं परामर्शदाताओं को भेजें जिनकी रूचि रूस और अमरीका के लाभ से ऊपर है।"
जेनेवा सम्मेलन
जेनेवा में सम्मेलन करीब 4 घंटे तक चली और दो बार बातचीत का दौर चला। पुतिन ने पत्रकारों को एक संक्षिप्त रिपोर्ट देते हुए कहा कि सभा निर्माणात्मक थी, उसमें कोई विरोध की भावना नहीं थी और नेताओं ने एक-दूसरे के प्रति समझदारी व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका परमाणु स्थिरता के लिए एक जिम्मेदारी साझा करते हैं, और हाल ही में विस्तारित नई शुरूआत हथियार सीमा संधि में संभावित परिवर्तनों पर बातचीत करेंगे।
मॉस्को और वाशिंगटन के बीच संबंध वर्षों से खराब रहे हैं, विशेषकर, 2014 में रूस द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा, सीरिया और अमेरिकी आरोपों में 2015 के हस्तक्षेप के साथ - मास्को द्वारा इनकार किया जाना, जिसके कारण - 2016 के चुनाव ने डोनाल्ड ट्रम्प को व्हाइट हाउस में लाया था।
मार्च में वे अधिक दूर हो गए थे जब बाइडन ने पुतिन को एक "हत्यारा" माना था, जिसके कारण रूस ने एंटोनोव को परामर्श के लिए वाशिंगटन वापस बुला लिया था। अमरीका याद करता है कि उन्होंने अपने राजदूत को अप्रैल में वापस बुला लिया था। किन्तु शिखर सम्मेलन के दौरान वे एक-दूसरे की राजधानियों में राजदूतों को वापस करने पर सहमत हुए।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here