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इराक में संत पापा की प्रेरितिक यात्रा इराक में संत पापा की प्रेरितिक यात्रा 

इराक में पोप की यात्रा हेतु अंतरधार्मिक पृष्टभूमि पर सीआरएस की तैयारी

जब इराकी संत पापा फ्राँसिस की आगामी प्रेरितिक यात्रा में उनका स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं, काथलिक राहत सेवा (सीआरएस) के अधिकारी हस्सन अमर अब्दूल्लाह ने ख्रीस्तीय एवं मुस्लिम दोनों के बीच आशा एवं अंतरधार्मिक वार्ता के प्रयास की उम्मीद जतायी है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

इराक, मंगलवार, 2 मार्च 2021 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस शुक्रवार को इराक की प्रेरितिक यात्रा के लिए रवाना होंगे।

मध्यपूर्वी देश में होनेवाली उनकी प्रेरितिक यात्रा से लोगों में बड़ी उत्सुकता है, जो पिता  अब्राहम के जन्मस्थान की प्रतिष्ठा से सम्मानित है।

ख्रीस्तीय, यहूदी और मुस्लिम सभी अब्राहम को अपना मूल मानते हैं और संत पापा की यात्रा, इराक में लम्बे समय से पीड़ित अंतरधार्मिक संबंध को नवीकृत करने का अवसर होगा।

जब संत पापा की यात्रा निकट है काथलिक राहत सेवा के योजना अधिकारी हस्सन अमर अब्दूल्लाह ने वाटिकन रेडियो से बातें कीं।

मानवीय भाईचारा : लोगों के लिए लोग

अमरीका की चैरिटी शाखा के अधिकारी मिस्टर अमर ने कहा कि पोप फ्राँसिस की यात्रा इराक के लोगों को, तथाकथित इस्लामिक स्टेट के विद्रोह के साथ दशकों के संघर्ष के बाद, उनके आम धरोहर की याद दिलायेगी।

उन्होंने कहा, "संत पापा की यात्रा मानव बंधुत्व पर जोर देगी: कि हम सभी भाई-भाई हैं तथा एक-दूसरे को सहयोग देने के लिए एकजुट हो सकते हैं।"

मिस्टर अमर के लिए प्रेरितिक यात्रा एक इस्लामी कहावत के समान महसूस हो रहा है, जो कहता है, "लोगों के लिए लोग, चाहे उनका धर्म कोई भी हो।"

उन्होंने कहा कि यात्रा इराकी लोगों के लिए एक अवसर है कि वे असंख्या अंतरराष्ट्रीय संगठनों एवं सहायता एजेंसियों की एकात्मता को देख पायेंगे।

मिस्टर अमर ने कहा कि "एक अच्छा संदेश मिलेगा कि सभी इराकी अपनी धार्मिक पृष्टभूमि से ऊपर उठकर, अपने समुदाय का निर्माण करने एवं शांति को पुनःस्थापित करने के लिए एक साथ आयेंगे।"

उन्होंने कहा कि यात्रा इराकी समुदाय के लिए आशा, एकात्मता और शांति का संदेश देगी, खासकर, युवा पीढ़ी के लिए।   

अब्राहम की जन्म भूमि

सीआरएस अधिकारी ने गौर किया कि यह एक ऐतिहासिक यात्रा है, यह इराक में किसी  पोप की पहली यात्रा होगी। अतः उनकी यात्रा विश्व को इराक की स्थिति एवं इतिहास पर नजर डालने का अवसर होगा।  

संत पापा की यात्रा का कार्यक्रम उन्हें खलदेईयों के उर ले जायेगा, उस स्थान पर जहाँ अब्राहम का जन्म हुआ था और जहाँ से वे प्रतिज्ञात देश की ओर रवाना हुए थे।

इराक अब्राहम की जन्म भूमि है जो कई धर्मों के आध्यात्मिक पिता हैं।"

टूटे संबंधों की चंगाई

इराकियों ने पिछले दो दशकों तक दुःख सहा है, इसकी शुरूआत 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में आक्रमण से हुई थी तथा 2014 में तथाकथित इस्लामिक स्टेट के साथ अपनी चरम पर पहुँच गई थी।

ये घटनाएँ देश के कुछ हिस्सों में ख्रीस्तियों और मुसलमानों के बीच कील चुभाने के समान हैं। फिर भी मिस्टर अमर को अंतरधार्मिक संबंध के भविष्य की उम्मीद है। संघर्ष एवं विस्थापन के मामले के कारण ख्रीस्तीय और मुसलमान आपस में भरोसा स्थापित करने में प्रयासरत हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रयास जारी है और कई संगठन मेल-मिलाप एवं शांति को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "एक एजेंसी के रूप में हमें इराक में संबंधों को सुदृढ़ करने हेतु प्रयास जारी रखना चाहिए।"

मिस्टर अमर ने अंतर-धार्मिक वार्ता हेतु अपने धार्मिक पृष्टभूमि पर भी प्रकाश डाला।

"एक मुसलमान के रूप में, मैं काथलिक राहत सेवा में विभिन्न धर्मों के सहकर्मियों के साथ, शांति बनाये रखने एवं विभिन्न दलों के बीच विश्वास को पुनःस्थापना करने हेतु कार्य करता हूँ।"

सीआएस ने विभिन्न धर्मों के युवाओं को सशक्त करने के लिए एक योजना बनायी है, ताकि वे अपने समुदाय एवं अपने बच्चों के लिए एक उम्मीद रख सकें।

भाईचारा में शांति का पुनःनिर्माण

काथलिक राहत सेवा (सीआरएस) कथित इस्लामिक स्टेट के विनाश के जवाब में इराक पहुँचा था। जिसके सदस्य देश के उत्तरी भाग में मदद दे रहे हैं जहाँ आतंकवादी संगठन सबसे अधिक सक्रिय था।

मिस्टर अमर ने कहा कि सीआरएस ने पहले आपातकालीन सहायता परियोजनाओं के साथ मानवीय स्थिति को जवाब देना शुरू किया, जो शिक्षा योजना के साथ भोजन वितरण, वित्तीय सहायता, शरण और मौलिक स्वास्थ्य जैसी आवश्यकताओं पर आधारित हैं।

धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हुई, सीआरएस ने इराक के युद्धग्रस्त समुदायों में शांति और सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए अन्य कार्यक्रमों की भी स्थापना की है।

"सीआरएस अपनी योजना के कई चरणों के माध्यम से काम कर रहा है, जिनमें फ्रंटलाइन प्रतिक्रिया से लेकर दीर्घकालिक, टिकाऊ योजनाएँ शामिल हैं, जो लोगों को उनकी सामान्य समस्याओं के समाधान की खोज करने में मदद देता है। ”

उनकी उम्मीद है कि पोप फ्रांसिस की यात्रा निश्चिय ही इराकियों को भ्रातृत्व की ओर उनके लंबे रास्ते पर अग्रसर होने में आवश्यक उर्जा प्रदान करेगी।

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02 March 2021, 15:34