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लाभ और औपनिवेशिक विरासत ने काँगो में हिंसा को ईंधन दी

काँगो में इताली राजदूत लूका अतनासियो की हत्या पर कई नेताओं के साथ, संत पापा फ्राँसिस ने अपनी हार्दिक संवेदना एवं दुःख व्यक्त की है। राजदूत लूका के साथ एक इताली पुलिसकर्मी एवं विश्व खाद्य कार्यक्रम के ड्राईवर (काँगोवासी) भी मारे गये।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

काँगो, बृहस्पतिवार, 25 फरवरी 2021 (रेई)- राजदूत लूका अतनासियो एवं उनके अंग रक्षक भित्तोरियो अंतोनाची के शव को उनकी हत्या के एक दिन बाद मंगलवार को एक सैन्य विमान द्वारा रोम लाया गया। 25 फरवरी को उनके शवों को राष्ट्रीय दफनक्रिया के लिए रोम के सेंट मेरी ऑफ एंजेल्स महागिरजाघर लिया गया।

राजदूत लूका, उनके अंग रक्षक भित्तोरियो एवं विश्व खाद्य कार्यक्रम के ड्राईवर मस्ताफा मिलाम्बो जब काँगो के उत्तरी किऊ में गोमा के निकट विश्व खाद्य कार्यक्रम के स्कूल फीडिंग प्रोजेक्ट का दौरा करने जा रहे थे, तभी वे कुछ घात लगाये सशस्त्र विद्रोही के हाथों पड़ गये।    

किसी विद्रोही दल ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है किन्तु इसकी जाँच करनेवालों का कहना है कि चार प्रांतों ˸ उत्तर एवं दक्षिण किऊ, इतुरी और तंगानइका में 122 सशत्र दल सक्रिय है तथा संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि पिछले साल इन प्रांतों में 2,000 से अधिक नागरिक मारे गये हैं।  

काँगो के राष्ट्रपति फेलिक्स शिसेकेदी ने स्थानीय अधिकारियों के लिए एक जांच का समर्थन करने हेतु गोमा के अपने शीर्ष राजनयिक सलाहकार को भेजा है तथा इतालवी पुलिस जांचकर्ता, वहां की पुलिस से संपर्क करने हेतु एक मिशन पर काँगो के लिए उड़ान भरे हैं।

काँगो में संयुक्त राष्ट्र की बहुत अधिक प्रतिबद्धता के बावजूद स्थिति जटिल है और पुरानी हिंसा बनी हुई है। करीब 15,000 कर्मचारियों एवं एक बिलियन डॉलर के बजट के साथ संयुक्त राष्ट्र का शांति मिशन मोनूस्को एक बहुत बड़ा मिशन है।

काँगो (डीआरसी) को पृथ्वी पर सबसे धनी देश होना चाहिए

काँगो की भूमि उपजाऊ है और यहाँ तांबा, सोना, हीरे, कोबाल्ट, यूरेनियम, कोलटन और तेल पाये जाते हैं। इसे दुनिया का एक सबसे धनी देश होना चाहिए था। फिर भी, करीब 60 सालों तक बेल्जियम के अधीन रहने, अस्थिरता, राजनीतिक उथल-पुथल एवं भ्रष्टाचार के कारण यह बहुत गरीबी है, युवा बेरोजगार हैं एवं यहाँ संघर्ष होते रहते हैं। अनुमान लगाया जाता है कि कच्चे माल के कारण संघर्ष में लाखों नागरिक मारे जा चुके हैं।   

जनवरी 2019 में राष्ट्रपति शिसेकेदी ने सुरक्षा देने की प्रतिज्ञा करते हुए गद्दी संभाली। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि सेना के मुख्यालय को स्थानांतरित करने, क्षेत्र में कार्यनीति और रणनीति की समझ में सुधार करने के लिए उनके वादे कोई फल नहीं लाये। जबकि युगांडा, रवांडा और बुरुंडी में लाए गए एक क्षेत्रीय समाधान को एक साथ लाने का उनका राजनयिक प्रयास, जिनके संबंध ऐतिहासिक रूप से तनावपूर्ण हैं, लगता है कि अब उसका अंत होनेवाला है।

इस बीच, जब जातीय कथाएँ भय और अविश्वास को ईंधन प्रदान कर रही हैं, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के लोग इसकी बड़ी कीमत चुका रहे हैं एवं उपनिवेशवाद की विरासत और सत्ता तथा संसाधनों पर उसके हिंसक संघर्ष जारी हैं।

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25 February 2021, 15:28