म्यांमार की धर्मबहनें प्रदर्शन में भाग लेती हुईं म्यांमार की धर्मबहनें प्रदर्शन में भाग लेती हुईं 

म्यांमार के काथलिक तख्तापलट विरोधी प्रदर्शन में शामिल

म्यांमार की फौज ने जब प्रदर्शनकारियों पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है जो प्रजातंत्र की रक्षा करने एवं अपने नेती की रिहाई की मांग कर रहे हैं, काथलिकों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर प्रदर्शनकारियों का साथ दिया है, वहीं धर्मबहनों ने प्रदर्शनकारियों के लिए जलपान की व्यवस्था कर उनका साथ दिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

म्यांमार, मंगलवार, 16 फरवरी 2021 (वीएनएस)- पूरे म्यांमार में काथलिक, पुरूष और स्त्री, सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं तथा अपने चुने हुए नेता औंग सन सू की एवं अन्य सरकारी अधिकारियों की रिहाई तथा प्रजातंत्र की रक्षा की मांग कर रहे हैं।

उकान्यूज के अनुसार देश के मुख्य शहर यंगोन में रविवार को सैंकड़ों काथलिकों ने प्रदर्शन में भाग लिया तथा प्रार्थना एवं रोजरी की। युवा अपने साथ बैनर लिए हुए थे जिसमें लिखा था, "औंग सन सू की को रिहा करो" और "हम सी डी एम का समर्थन करते हैं" जिसका अर्थ है नागरिक अवज्ञ आंदोलन। विभिन्न धर्मसमाजों की धर्मबहनों ने सड़कों में लोगों के साथ चलकर, कॉन्वेन्टों में प्रार्थना कर तथा लोगों को जलपान देकर म्यांमार के लोगों का साथ दिया।

एक ख्रीस्तीय केंद्र कचिन में धर्मबहनें गिरजाघर के परिसर के द्वार पर खड़ी थीं जो अपने साथ बैनर ली हुई थीं जिसमें लिखा था, "अधिनायकत्व को न" और "लोगों की आवाज सुनें" जबकि राज्य की राजधानी मायित्किना की सड़कें प्रदर्शनकारियों से 14 फरवरी को भरी हुई थी।

लोकतंत्र के खिलाफ तख्तापलट

म्यांमार की फौज ने 1 फरवरी को सत्ता पर कब्जा कर लिया और प्रजातंत्रिक रूप से नैशनल लीग फोर डेमोक्रेसी पार्टी से चुने गये देश के नेताओं को कैद कर लिया है जिसकी प्रमुख सू की हैं। नागरिक सरकार और शक्तिशाली सेना के बीच तनाव बढ़ने के बाद तख्तापलट हुआ है, जिसमें दावा किया गया है कि नवंबर के आम चुनाव में एनएलडी द्वारा भारी बहुमत से जीतना,  धोखाधड़ी था।

सू की के खिलाफ लगाए गए आरोपों में उनके सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल की जानेवाली अपंजीकृत आयातित वॉकी-टॉकी शामिल हैं।

महामारी से प्रभावित और बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने से, जीवन के सभी क्षेत्रों के हजारों लोग बड़े पैमाने पर देश की सड़कों पर आ गये हैं, जब बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन 6 फरवरी से शुरू हुआ है।

सामना करना

सुरक्षा बलों ने सोमवार को तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है जब हजारों इंजीनियरों ने मंडाले की सड़कों पर प्रदर्शन किया, नारे लगाये। वे भी बैनर लिये हुए थे जिनमें लिखे थे, "हमारे नेता को मुक्त करो," "कौन न्याय के साथ खड़े हैं"? "आधी रात को अवैध रूप से लोगों को गिरफ्तार करना बंद करो।"

रविवार रात को फौज ने पूरे देश में 8 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया था क्योंकि इसने प्रमुख शहरों में सुरक्षा को बढ़ा दिया था।

फौज ने देशभर के प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि उन्हें 20 वर्षों तक जेल की सजा हो सकती है यदि वे सशस्त्र सेना की अवहेलना करेंगे। उन्होंने कहा है कि तख्तापलट के नेताओं के प्रति "घृणा या अवमानना" के लिए उकसानेवालों को लंबे समय का दण्ड और जुर्माना भरना होगा। कई शहरों की सड़कों पर बख़्तरबंद वाहन दिखाई दिए जाने पर कानूनी बदलावों की घोषणा की गई।

संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुट्टेरेस के प्रवक्ता स्तेफन दुजारिक ने रविवार को फौज और पुलिस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि शांतिपूर्ण सभा का अधिकार "पूरी तरह से सम्मानित" है और प्रदर्शनकारी "प्रतिशोध के शिकार नहीं हो सकते। "सुरक्षाकर्मियों द्वारा निरंतर हिंसा, धमकी और उत्पीड़न की रिपोर्ट अस्वीकार्य है।"

म्यांमार में मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत, थॉमस एंड्रयूज ने ट्वीट कर कहा, "यह ऐसा है मानो कि जनरलों ने म्यांमार के लोगों पर युद्ध की घोषणा की है: देर रात छापे; बढ़ते गिरफ्तारी; और अधिकार छीना जाना, इंटरनेट बंद और सैन्य काफिलों का समुदायों में प्रवेश, ये निराशा के चिन्ह हैं।” उन्होंने कहा, "जनरलो आप ध्यान दें: आपको जवाबदेह ठहराया जाएगा।”

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16 February 2021, 15:22