वाईट हाऊस में नवीन राष्ट्रपति जो बाइडन वाईट हाऊस में नवीन राष्ट्रपति जो बाइडन  

आप्रवास पर बाइडन की कार्रवाई का धर्माध्यक्षों ने किया स्वागत

अमरीका के काथलिक धर्माध्यक्षों ने आप्रवास पर नवीन राष्ट्रपति जो बाईडन की कारर्वाई का स्वागत किया है। धर्माध्यक्षों ने कहा "हम राष्ट्रपति जो बाईडन के डाएसीए यानि बच्चों से सम्बन्धित आप्रवास कार्यक्रम की बहाली की सराहना करते हैं।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाशिंगटन, शुक्रवार, 22 जनवरी 2021 (सी.एन.आ.): अमरीका के काथलिक धर्माध्यक्षों ने आप्रवास पर नवीन राष्ट्रपति जो बाईडन की कारर्वाई का स्वागत किया है। धर्माध्यक्षों ने कहा "हम राष्ट्रपति जो बाईडन के डाएसीए यानि बच्चों से सम्बन्धित आप्रवास कार्यक्रम की बहाली की सराहना करते हैं, और कथित ड्रीमर्स आप्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने हेतु उपयुक्त कानून बनाने के लिये अमरीकी कांग्रेस को प्रोत्साहन देते हैं।"

बाइडन की कार्रवाई का स्वागत

अमरीकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की आप्रवास समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष होसे गोम्ज़ तथा उपाध्यक्ष वाशिंगटन के सहयोगी धर्माध्यक्ष मारियो डॉरसनविले ने गुरुवार को एक वकतव्य प्रकाशित कर यह बात कही।

सन् 2012 में पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने बाल्यकाल में अवैध रूप से अमरीका लाये गये आप्रवासियों की देशवापसी को रोकने तथा उनके निवास एवं रोज़गार के लिये वैधानिक परमिट प्रदान करने हेतु डीएसीए कार्यक्रम का निर्माण किया था। ट्रम्प की सरकार ने 2017 में अमरीकी काँग्रेस को आदेश दिया था कि छः माहों के भीतर वह इस कार्यक्रम को स्थगित कर दे। काँग्रेस विफल रही जिसके बाद अमरीकी सर्वोच्च अदालत ने सरकार के अन्तिमेत्त्म को हटा दिया था। अब तक लगभग आठ लाख आप्रवासी ओबामा सरकार के इस कार्यक्रम से लाभ उठा चुके हैं।   

आप्रवास सन्तुलित और मानवीय हो  

इसके अतिरिक्त, धर्माध्यक्षों ने इस पर भी सन्तोष व्यक्त किया कि डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के कार्यवाहक निदेशक ने बुधवार को कुछ अनिर्दिष्ट अप्रवासियों के निर्वासन के लिए 100 दिन का ठहराव घोषित किया था।

इस सन्दर्भ में धर्माध्यक्ष डॉरसनविले ने गुरुवार को कहा कि नवीन प्रशासन द्वारा की गई बुधवार की कार्रवाई यह सुनिश्चित्त करती है कि हमारे देश में आप्रवास सन्तुलित एवं मानवीय हो। उन्होंने कहा, "हमारी काथलिक आस्था अपनी सीमाओं को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रों के अधिकार को मान्यता देती है, तथापि, हम अभी भी आवश्यकता को पहचानते हुए कमजोरों को शरण देने से इनकार किये बिना भी कानून को बरकरार रखते हुए परिवार की एकता के महत्व को प्रकाशित कर सकते हैं।"

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22 January 2021, 11:55