बोस्निया, लीपा कैम्प के शरणार्थी बोस्निया, लीपा कैम्प के शरणार्थी 

ठंड के मौसम में बोस्निया में फंसे सैकड़ों प्रवासी

बोस्निया में सैकड़ों प्रवासी और शरणार्थी फंसे हुए हैं जो छत के बिना खुले आसमान के नीचे ठंड में रात गुजार रहे हैं, क्योंकि उनका तम्बू शिविर जल गया और अधिकारी आपातकालीन स्थिति में संगठित प्रतिक्रिया पर सहमत नहीं हो पाए।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

बोस्निया, शुक्रवार 1 जनवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : लगभग 1,000 पुरुष, महिलाएं और बच्चे, जिनका पिछले सप्ताह क्रोएशिया से लगे बोस्निया की सीमा के पास तम्बू शिविर जला था, वे छोटी अगीठी के सामने बैठे खुद को गर्म रखने की कोशिश कर रहे है।

अफ़गानिस्तान और सीरिया के युद्धों से अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व के प्रवासियों और शरणार्थियों को मंगलवार को बाल्कन राष्ट्र के उत्तर-पश्चिम में लीपा शिविर से 300 मील दूरएक शहर में पूर्व सेना बैरकों में स्थानांतरित करना था। उन्होंने लगभग 24 घंटे बसों में बिताए, बुधवार दोपहर को उन्हें बससे उतरकर उसी जले हुए खाली शिविर में लौटने के लिए कहा गया।

लिपा कैंप में पहले से ही मूलभूत सुविधाओं जैसे पानी और स्थान को गर्म रखने की व्यवस्था की कमी थी। लेकिन कम से कम यहाँ रहने वालों को जमीन को ढकने वाली बर्फ और बाल्कन पर्वत श्रृंखला से बहने वाली ठंडी हवा से बचने का किसी प्रकार का आश्रय तो था।

मानवीय आपदा

चूंकि उनके स्थानांतरण पर राजनीतिक अधिकारियों द्वारा चर्चा की जा रही थी और स्थानीय लोगों इसका विरोध कर रहे हैं। सहायता एजेंसियों ने इस स्थानांतरण में मानवीय आपदा की चेतावनी दी।

यूरोपीय अधिकारी प्रवासियों को स्थानांतरित करने के लिए सरकारी अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं। वे बताते हैं कि मौजूदा गतिरोध राजनीतिक स्तर पर संकट से निपटने में भ्रम को दर्शाता है।

बोस्निया हर्ज़ेगोविना, एक देश है जो अभी भी 1990 के दशक में भयावह युद्ध से उबर रहा है, कोविद -19 महामारी से भी मुश्किल है और बोस्निया से क्रोएशिया को पार करके पश्चिमी यूरोप में पहुंचने वाले हजारों लोगों के खाने पीने और आवश्यक जरुरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

बुधवार को बोस्निया के इस्लामी समुदाय के प्रमुख मुफ़्ती हसीन कवाज़ोविक ने प्रवासियों के बेहतर इलाज की मांग की है उन्होंने कहा प्रवासियों की स्थिति देश और यूरोप के लिए बहुत ही "शर्मनाक" है।

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01 January 2021, 15:34