बांग्लादेश, रोहिंग्या शरणार्थियों का दूरदराज द्वीप में जाना शुरु
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
ढाका, शनिवार 5 दिसम्बर 2020 (उका न्यूज) : बांग्लादेश प्रशासन ने शुक्रवार को 1,500 से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों के पहले समूह को एक दूरदराज के द्वीप पर भेजना शुरू कर दिया। हालांकि मानवाधिकार समूह बार-बार इस प्रक्रिया को रोकने की मांग कर चुके हैं। एक अधिकारी ने बताया कि 1,642 शरणार्थी भासान चार द्वीप पर जाने के लिए चटगांव बंदरगाह से सात पोतों में सवार हुए। द्वीप के अधिकारी नोआखली जिले के डिप्टी कमिश्नर खोरशेद आलम खान ने कहा कि ‘भासान चार’ पर उनकी भलाई के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं।
निर्जन द्वीप
यह द्वीप मानसून के महीने में नियमित तौर पर डूब जाता था लेकिन यहां अब बाढ़ सुरक्षा तटबंध, घर, अस्पताल और मस्जिदों का निर्माण 11.2 करोड़ डॉलर की लागत से बांग्लादेश की नौसेना ने किया है। यह इलाका मुख्य क्षेत्र से 34 किलोमीटर दूर है और केवल 20 साल पहले ही सामने आया था। इससे पहले यहां कभी आबादी नहीं रही है। इस द्वीप पर फिलहाल जो आवास बनाए गए हैं वहां 1,00,000 लोग रह सकते हैं जो कि लाखों रोहिंग्या मुस्लिमों के हिसाब से बेहद कम संख्या है।
यूएन ने जताई आपत्ति
संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि शरणार्थियों को स्वतंत्र तरीके से यह फैसला लेने की अनुमति दी जाए कि वे बंगाल की खाड़ी के द्वीप पर जाना चाहते हैं या नहीं। विदेशी मीडिया को भी इस द्वीप भासान चार पर जाने नहीं दिया गया। अगस्त, 2017 में रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार में हिंसक उत्पीड़न के बाद करीब 700,000 रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश आए और कॉक्स बाजार के शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।
बांग्लादेश कथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय एवं शांति विभाग के सदस्य फादर अंतोनी सेन ने सरकार के फैसले का समर्थन किया। फादर सेन ने उका न्यूज को बताया, “कॉक्स बाजार क्षेत्र में शिविर भीड़भाड़ वाले थे और भीड़ कम होना चाहिए। सरकार बेहतर सुविधाओं के साथ उन्हें अच्छी जगह पर स्थानांतरित कर रही है, तो समस्या क्या है?"
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