कोरोनावायरस वैक्सिन कोरोनावायरस वैक्सिन  

कोरोना वायरस वैक्सीन की दौड़ में अमीर और गरीब देश

संत पापा फ्राँसिस द्वारा एकात्मता के आह्वान के बाद, जर्मन चांसलर अंजेला मारकेल ने कहा है कि कोरोना वायरस वैक्सिन का उचित वितरण गरीब देशों के लिए भी हो। यह अपील उन्होंने ऐसे समय में किया है जब यूरोपीय एवं कई अन्य देश क्रिसमस के पहले ही वैक्सिन वितरण की उम्मीद कर रहे हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

जर्मनी, मंगलवार, 24 नवम्बर 2020 (वीएन)- मारकेल को कोविड-19 वैक्सिन प्राप्त करने में धनी और गरीब देशों के बीच वैश्विक होड़ का भय है। उन्होंने जी 20 (विश्व के 20 प्रमुख आर्थिक राष्ट्र) की ऑनलाईन सभा में अपील की कि गरीब देशों के बीच कोरोना वायरस वैक्सिन का उचित वितरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा, "महामारी को विराम देने के लिए हरेक देश को वैक्सिन तक पहुँच एवं उसकी प्राप्ति आवश्यक है। अतः मैं आप सभी से अपील करती हूँ कि आप इस पहल को सहयोग दें।"

चांसलर ने स्पष्ट किया कि वह वैश्विक वैक्सीन गठबंधन जीएवीआई के साथ इस मुद्दे को उठाएगी। “यह अल्पकालिक सहायता हम सभी के हित में है और दीर्घकालिक रूप से वैश्विक महामारी में सुधार करना भी हमारे हित में है। इसके लिए हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन को लगातार मजबूत करने की जरूरत है।"

मारकेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि "हमें विश्वसनीय वित्त पोषण, बेहतर सहयोग और अधिक स्वतंत्रता की आवश्यकता है और जी 20 इस क्षेत्र में, वास्तव में महत्वपूर्ण, समर्थन प्रदान कर सकता है। अगर हम दुनिया भर में एक साथ खड़े हों, तो हम वायरस और उसके प्रभाव को नियंत्रित और दूर कर सकते हैं।”

उनकी चेतावनी ऐसे समय में आयी है जब दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को कहा कि परीक्षणों से पता चला कि उसका कोरोनवायरस वैक्सीन 90 प्रतिशत तक प्रभावी है। परिणाम ब्रिटेन और ब्राज़ील में परीक्षणों के अंतरिम विश्लेषण पर आधारित हैं, जो ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और एस्ट्राज़ेनेका द्वारा निर्मित एक वैक्सीन है।

संभावित कोविड-19 वैक्सीन के लिए देर-चरण के परिणामों की रिपोर्ट करनेवाली यह तीसरी प्रमुख दवा कंपनी है।  फैजर और मोडेरना  ने पिछले सप्ताह देर-चरण परीक्षणों से प्रारंभिक परिणामों की सूचना दी थी कि उनके टीके लगभग 95 प्रतिशत प्रभावी हैं किन्तु उन्हें अत्याधिक ठंढ़े तापमान पर रखा जाना है जिसके विपरीत, एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को अधिक ठंढ़े तापमान पर संग्रहीत नहीं करना पड़ता है, जिससे खासकर, विकासशील देशों में इसे वितरित करना आसान हो जाता है।

रूसी वैक्सिन

रूस ने भी वैक्सिन विकसित किया है। हंगरी ने घोषणा की कि वह पिछले हफ्ते दवा के नमूने प्राप्त करनेवाला यूरोप का पहला देश बनने के बाद रूसी कोरोनावायरस वैक्सीन का परीक्षण करेगा। कुछ हंगेरियाई विपक्षी विधायकों ने हंगेरियाई सरकार को हंगेरियन सरकार पर "प्रयोग" करने से रोकने के लिए यूरोपीय संघ की कार्यकारिणी से आग्रह किया है।

हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन टीकों के बारे में आश्वस्त हैं। उन्होंने जी 20 को बतलाया कि “रूस हमारे वैज्ञानिकों द्वारा विकसित वैक्सीन को उन देशों को प्रदान करने के लिए स्वाभाविक रूप से तैयार है, जिन्हें उनकी आवश्यकता है। यह मानव के एडेनोवायरल वैक्टर प्लेटफॉर्म पर पहला पंजीकृत वैक्सीन स्पुतनिक वी है।"

पुतिन ने कहा कि "महामारी का पैमाना हमें सभी उपलब्ध संसाधनों और वैज्ञानिक जानकारी का उपयोग करने के लिए बाध्य कर रहा है। हमारा सामान्य लक्ष्य वैश्विक आबादी के लिए टीके और सुरक्षित सुरक्षा का एक संविभाग तैयार करना है। इसका अर्थ है ...हरेक पार्टी के लिए पर्याप्त काम है और मुझे लगता है कि जब प्रतिस्पर्धा अपरिहार्य हो तो ऐसा ही होता है। लेकिन पहली जगह में, हमें मानवीय मुद्दों पर विचार करना चाहिए और उन्हें अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।'

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जो खुद कोविड-19 से संक्रमित हुए थे, सहमत हैं कि सहयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया कोरोना वायरस महामारी को दूर करने के लिए संघर्ष कर रही है। उन्होंने कहा, "यह केवल ऊर्जा को एक साथ लाने और मिलकर काम करने से संभव है कि हम कोरोनोवायरस को हरा देंगे और इस संकट से बेहतर निर्माण करेंगे। हमारा भाग्य एक-दूसरे के हाथों में हैं।"

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24 November 2020, 16:16