इटली के लोमबारदी प्रान्त में स्कूली छात्रों का एक दृश्य,  तस्वीरः 06.11.2020 इटली के लोमबारदी प्रान्त में स्कूली छात्रों का एक दृश्य, तस्वीरः 06.11.2020 

हिंसा, धमकी और साइबर हमले के खिलाफ पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस

शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय एजेन्सी यूनेस्को द्वारा घोषित हिंसा, धमकी और साइबर हमले के खिलाफ पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस गुरुवार को मनाया गया। "बुलिंग के खिलाफ स्कूल में एक साथ" पहले अन्तरराष्ट्रीय दिवस का विषय रखा गया था।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 नवम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज़): शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय एजेन्सी यूनेस्को द्वारा घोषित हिंसा, धमकी और साइबर हमले के खिलाफ पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस गुरुवार को मनाया गया। "बुलिंग के खिलाफ स्कूल में एक साथ" पहले अन्तरराष्ट्रीय दिवस का विषय रखा गया था।

स्थापना

इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि बुलिंग और साईबर बुलिंग बच्चों एवं किशोरों को उनके शिक्षा एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी अधिकारों से वंचित करती है, यूनेस्को ने 2019 के नवम्बर माह में सम्पन्न अपनी 40 वीं आम सभा में, हिंसा, धमकी और साइबर हमले के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना की थी। यह तय किया गया था कि प्रतिवर्ष नवम्बर माह के प्रथम गुरुवार को "हिंसा, धमकी और साइबर हमले के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस" मनाया जायेगा।  

बुलिंग एक व्यापक तथ्य

"संख्या के पीछे: स्कूल हिंसा और धमकाने को खत्म करना" (2019) शीर्षक से प्रकाशित यूनेस्को की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के 30% से अधिक स्कूली छात्र बुलिंग अथवा सतावट के शिकार हुए हैं तथा अन्य 30 प्रतिशत छात्र शारीरिक हिंसा के शिकार बने हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि छात्रों पर बुलिंग और सतावट प्रायः उनके साथी छात्र करते हैं, तथापि, बहुत से मामलों में स्कूल के अध्यापकों एवं अन्य अधिकारियों को छात्रों के विरुद्ध बुलिंग एवं हिंसा का दोषी पाया गया है। इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया गया कि विश्व के कम से कम 67 राष्ट्रों में अभी भी शारीरिक दण्ड की कुप्रथा जारी है।   

दुष्परिणाम

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जिन छात्रों को तंग किया जाता है उनकी शैक्षणिक उपलब्धि, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर गम्भीर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इन छात्रों में, स्कूल के भीतर ही बाहरी व्यक्ति की तरह महसूस करने की संभावना लगभग तीन गुना अधिक होती है और स्कूल से चूकने की संभावना दो बार से अधिक होती है। 77 देशों में किए गए एक अध्ययन में, गणित और विज्ञान की परीक्षाओं में, लड़कियों के प्रदर्शन पर बुलिंग अथवा तंग किये जाने के नकारात्मक प्रभाव देखे गये। यूनेस्को के अनुसार प्रायः छात्रों को उनके शारीरिक रंग-रूप के कारण अथवा उनकी जाति या वर्ण को लेकर तंग किया जाता है।

साईबर बुलिंग

हिंसा, धमकी और साइबर हमले के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में जारी अपने सन्देश में यूनेस्को की महानिर्देशिका ऑडरी आज़ुलै ने इस तथ्य के प्रति ध्यान आकर्षित कराया है कि दस में सेएक छात्र को साईबर-बुलिंग का शिकार बनाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कोविद -19 महामारी के चलते, इस प्रकार की बुलिंग अथवा साईबर तरीके से छात्रों एवं साथियों को तंग करने की कुप्रथा में और अधिक वृद्धि हुई है।  

बुलिंग पर सन्त पापा फ्राँसिस

सन्त पापा फ्राँसिस ने बुलिंग की कटु निन्दा करते हुए कहा है कि अन्यों को तंग करनेवाले अथवा अन्यों पर हिंसा ढाने वाले, वास्तव में, कमज़ोर और कायर होते हैं। उनका कहना था, "फिर भी विरोधाभासी रूप से" बुलिंग करनेवाले, वास्तव में, कमजोर लोग हैं "क्योंकि" अपने अन्तर की गहराई में वे ख़ुद भयभीत हैं और अपने भय को ताक़त से दिखाने का प्रयास करते हैं।" उनका कहना था कि बुलिंग में लगे लोग सदैव भयभीत रहा करते हैं और भय, शुभ और सुन्दर, प्रेम एवं शान्ति का शत्रु है।

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06 November 2020, 11:36