उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
बेलारूस, मंगलवार, 26 अक्टूबर 2020 (वीएन)- सोमवार को विपक्ष दल की ओर से हड़ताल का आह्वान किया गया था। विवादित चुनाव के तीन महीने हो चुके हैं जिसमें लुकाशेंको जो 26 सालों से सत्ता पर थे, पूर्व सोवियत गणराज्य में विपक्ष के दावे और पश्चिमी देशों द्वारा वोट की धांधली के आरोप के बावजूद एक शानदार जीत की घोषणा की। उसी समय से भीड़ द्वारा प्रदर्शन जारी है और लॉकडाउन के दौरान प्रदर्शन करनेवाले करीब 15,000 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। करीब सभी विपक्षी नेताओं को या तो जेल में डाला गया है अथवा वे भाग गये हैं।
रविवार को 520 प्रदर्शनकारियों को कैद किये जाने पर, सोमवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई थी जिसमें फैक्टरी के मजदूरों ने नारे लगाये एवं विद्यार्थी सड़कों पर उतर आये। टीवी फूटेज में दिखाई पड़ रहा है कि दंगाई पुलिस बारूद के गोले फेंक रहे हैं तथा स्त्री और पुरूष, बूढ़े और जवान सभी को गिरफ्तार कर वैन में भर कर ले जा रहे हैं। यह राजधानी मिन्स्क और अन्य प्रमुख शहरों में विशाल प्रदर्शनों का 11वां सप्ताह था।
धरना का आह्वान विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना ने किया था जिन्होंने बेलारूस के लोगों से आह्वान किया था कि वे सड़क जाम करें, कार्यस्थलों को बंद करें, सरकारी दुकानों एवं सेवाओं में जाना बंद करें और अपने बैंक खाता से सभी रूपये निकाल लें।
पिछला हफ़्ता स्वेतलाना को "बेलारूसी विरोध का साहस, लचीलापन और दृढ़ संकल्प" के साथ सामना करने के लिए, मानवाधिकारों के यूरोपीय संसद का प्रतिष्ठित सखारोव पुरस्कार मिला।"
संत पापा फ्रांसिस ने बेलारूस की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, देश में वार्ता, हिंसा का बहिष्कार और न्याय एवं मानव अधिकार का आह्वान किया था।