लॉकडाऊन के समय राशन की दूकान के बाहर दूरी रखते खड़े लोग लॉकडाऊन के समय राशन की दूकान के बाहर दूरी रखते खड़े लोग 

महाधर्माध्यक्ष ने की सड़े हुए चावल पर जाँच-पड़ताल की मांग

भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लियो कोरनेलियो ने सरकार की उस ग़लती पर कार्रवाई की मांग की है, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के निर्धन लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित दूकानों से सड़ा हुआ अनाज खरीदना पड़ा।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

भोपाल, गुरुवार, 10 सितम्बर 2020 (सी.एन.आ.): भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लियो कोरनेलियो ने सरकार की उस ग़लती पर कार्रवाई की मांग की है, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के निर्धन लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित दूकानों से सड़ा हुआ अनाज खरीदना पड़ा।

भारत सरकार ने उचित मूल्य की दुकानों में ख़राब हुए चावल के खिलाफ चेतावनी देते हुए एक रिपोर्ट जारी की है, जो ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करनेवालों तक सस्ता भोजन मुहैया कराती हैं। सड़ा हुआ चावल मध्यप्रदेश के मण्डला और बालाघाट ज़िलों में पाया गया था।

चिन्ता का विषय

महाधर्माध्यक्ष लियो कोरनेलियो ने ऊका समाचार से कहा, "मैं यह जानकर हैरान हूँ कि सरकारी दूकानों ने मानव उपभोग के लिए पूरी तरह से अयोग्य खाद्यान्नों की बिक्री की। यह गहन चिन्ता का विषय है कि ऐसा उन ग़रीबों के प्रति किया गया जो भोजन के लिए सरकार पर निर्भर रहते हैं, विशेषकर महामारी के समय में।"

ऊका समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि खाद्यान्न के 32 नमूने परीक्षणों के लिए एकत्र किए गए थे। संघीय रिपोर्ट में पाया गया कि भंडार पुरानी आपूर्ति से खरीदे गए थे, और जिन बोरों में चावल रखा गया था वे कम से कम दो साल पुराने थे।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से भारतीय सरकार ग़रीबी से पीड़ित लोगों की मदद हेतु  रियायती मूल्य पर चावल और गेहूं प्रदान करती है। मध्य प्रदेश की 07 करोड़ दस लाख का कुल आबादी में से लगभग 40 प्रतिशत लोग ग़रीबी रेखा के नीचे माने जाते हैं।

मानव जीवन के सम्मान की अपील

महाधर्माध्यक्ष कोरनेलियो ने इसे "एक गंभीर मामला" बताया जो मध्य प्रदेश के लाखों ग़रीब लोगों के जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। उन्होंने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि कुछ ग़रीब लोगों के पास एक दिन के पूर्ण भोजन के लिए भी पर्याप्त पैसा नहीं है।

ऊका समाचार से उन्होंने कहा, "यदि इस तरह के घटिया खाद्यान्न की आपूर्ति की गई, तो यह राज्य की आधी आबादी के स्वास्थ्य को ख़तरे में डाल देगी।" उन्होंने कहा, "इस तरह के अपराध ग़लत प्राथमिकताओं के कारण होते हैं। जब तक हममें मानव जीवन के प्रति प्रेम का भाव उत्पन्न नहीं होगा, जब तक हम मानव जीवन का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक इस तरह के अपकारों को समाज से उखाड़ा नहीं जा सकेगा।"

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10 September 2020, 11:21