लेस्बोस में शरणार्थी लेस्बोस में शरणार्थी 

लेस्बोस के शर्णार्थियों एवं स्थानीय लोगों के समर्थन में कारितास

कारितास हेल्लास के निदेशक ने यूरोप में शरणार्थियों के सबसे बड़े शिविर के जलने के बाद लेस्बोस की स्थिति पर चर्चा की तथा यूरोपीय देशों में साझा जिम्मेदारी हेतु आह्वान किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

लेस्बोस, मंगलवार, 15 सितम्बर 20 (वीएन)- लेस्बोस के ग्रीक द्वीप पर तनाव बहुत अधिक है, जहाँ पिछले हफ्ते शरणार्थी शिविर में आग लगी थी। लोग खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं जबकि स्थानीय लोग कोरोनोवायरस एवं सामाजिक संघर्ष से भयभीत एवं चिंतित हैं।

अधिकारी अस्थायी शिविर का निर्माण कर रहे हैं ताकि बिना छत के रहने वाले पुरूषों, महिलाओं और बच्चों को आश्रय दिया जा सके। हालांकि, स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि वे भीड़भाड़ और मोरिया शिविर में अस्थिर स्थिति से डरते हैं, जहां की संख्या चार गुना बढ़ गयी है। संत पापा फ्राँसिस अप्रैल 2016 में उन लोगों के प्रति अपना सामीप्य प्रकट करने लेस्बोस गये थे जो संघर्ष एवं गरीबी के कारण भाग रहे हैं। उन्होंने यूरोपीय देशों से अपील की थी कि वे आम स्थानांतरण नीति से सहमत हों जो उनकी रक्षा करे एवं उनकी प्रतिष्ठा का सम्मान कर सके।

रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा ने आप्रवासियों की याद की एवं उनके प्रति एकात्मता व्यक्त करने का आह्वान किया।

राहत, विकास और मानवीय एजेंसियों की काथलिक कलीसिया के वैश्विक संघ का यूनानी कार्यालय, कारितास हेल्लास के निदेशक मारिया अलवेरती ने वाटिकन रेडियो को बताया कि मोरिया शिविर पूरी तरह नष्ट हो चुका है और करीब 12,000 लोग बेघर हो चुके हैं तथा सड़कों के किनारे डेरा डाले हुए हैं।

अलवेर्ती ने कहा कि सैनिकों ने भोजन वितरण की जिम्मेदारी ली है तथा वे स्थानीय लोगों द्वारा उत्पन्न तनाव से निपटने की कोशिश में लगे हैं जो शहर में आप्रवासियों को नहीं चाहते।   

उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि वे अल्पसंख्यक हैं किन्तु तनाव स्पष्ट है और मानवीय कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे स्वायत्त कार्रवाई न करें एवं सरकार सभी राहत प्रयासों का समन्वय कर रही है।"

राहत

अलबेर्ती ने कहा कि उन्होंने द्वीप में दूसरे शिविर के निकट ही एक नया ढांचा बनाने का निश्चय किया है और इस समय शिविर का निर्माण कर रहे हैं तथा लगभग 1,000 लोगों की मेजबानी करने में सक्षम होने के लिए बुनियादी ढांचे पर काम कर रहे हैं।

अलबेर्ती ने कहा, "उन्होंने कुछ कमजोर परिवारों को पहले ही वहाँ रहने के लिए भेज दिया है और वे सभी नये स्थल में प्रवेश करने के पहले कोविड-19 टेस्ट का इंतजार कर रहे हैं।"

कारितास ने उन्हें पानी और करीब 1000 सोने वाले बैग दिये हैं जो नये शिविर में सभी शरणार्थियों को प्रदान किये जाएँगे।

सबसे जरुरी

जाहिर है, कारितास हेल्लास की इस समय सबसे बड़ी चिंता है उन स्थानों में सहायता देना जहाँ इसकी सबसे अधिक जरूरत है, किन्तु अलबेर्ती इस बात से सहमत हैं कि इस घटना ने वास्तव में शरणार्थियों और आप्रवासियों के पुनर्वास और एकीकरण के लिए एक आम यूरोपीय नीति की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।

उन्होंने कहा, "मुझे यह कहते हुए खेद है कि मोरिया कई वर्षों से एक टिक बम था। हम वर्षों से चेतावनी दे रहे थे कि दुर्घटना या आगजनी हो सकती है। इसलिए मोरिया को पहले स्थान पर नहीं होना चाहिए था।”

अलबेर्ती बतलाते हैं कि लोगों का स्थानांतरण और जिम्मेदारी का बंटवारा निश्चित रूप से शुरू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यूनानी अधिकारी निकट भविष्य में किसी को भी मुख्य भूमि में स्थानांतरित नहीं करेंगे।

निकट भविष्य के लिए आशा

अलबेरती ने आशा व्यक्त की कि कारितास ग्रीस लोगों की मौलिक आवश्यकताओं में उनकी मदद कर पायेगी।

उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि दूसरा नया मोरिया न हो।" इस अलार्म का यूरोपीय नेताओं की अंतरात्मा की आवाज पर और राजनेताओं की मानसिकता पर प्रभाव पड़ेगा, जिन्हें यह महसूस करना चाहिए कि वर्तमान प्रणाली काम नहीं कर रही है।

उन्होंने कुछ स्थानीय समुदायों के सामने आनेवाली चुनौतियों को ध्यान में रखने के लिए कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है जब हम समाज के कुछ चरमपंथी तत्वों को आगे आने और जगह तलाशने का अवसर देते हैं जहाँ वे नफरत भरे भाषण देते हैं।

मारिया ने कहा कि यह राजनीतिक नेताओं पर निर्भर करता है कि वे भय एवं मनमुटाव को जगह एवं इंधन देने पर रोक लगायें। उस अद्भुत एकजुटता को याद करते हुए जिसको लेसबोस के लोगों ने आप्रवासियों के आगमन पर 2015 में प्रदर्शन किया था अलबेर्ती ने कहा कि मानसिकता अब समान नहीं है और कहा कि "हम यह देखें कि इस एकजुटता में स्थानीय समुदायों का समर्थन कैसे किया जा सकता है।"

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15 September 2020, 16:54