मोनसिन्योर कार्राकोसा के साथ इक्वाडोर के लोग मोनसिन्योर कार्राकोसा के साथ इक्वाडोर के लोग  

इक्वाडोर में तेल बिखराव, सरकार के नाम पत्र

117 कैथोलिक नेताओं ने बड़े पैमाने पर तेल बिखराव के संबंध में इक्वाडोर के अदिवासियों का पक्ष लेते हुए सरकार को एक पत्र प्रेषित किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 20 अगस्त 2020 (रेई) अप्रैल महीने के शुरुआत से ही एक तेल बिखराव के कारण हो रहे नुकसान के विरुद्ध इक्वाडोर के अदिवासी समुदाय ने, सरकार और तेल कंपनियों को जवाबदेह ठहराने के लिए न्यायिक प्रणाली से मदद की गुहार की है।  

लैटिन अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों के काथलिक नेताओं ने इक्वाडोर की दुर्दशा के प्रति चिंता जाहिर करते एक पत्र के माध्यम उन्हें न्याय की मांग हेतु अपना समर्थन दिया है।

पर्यावरण विघटन

विदित हो कि 7 अप्रैल 2020 को, एक भूस्खलन ने कोका नदी के किनारे कच्चे तेल को ले जाने वाली तीन पाइपलाइनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके परिणाम स्वरुप 16,000 बैरल से अधिक तेल का बिखराव नदी में हो गया, जो नदी को पूरी तरह प्रभावित करने के साथ-साथ एक बड़े भू-भाग को प्रदूषित किया है।

पाइपलाइनों का प्रबंधन राज्य द्वारा संचालित तेल कंपनी पेट्रोक्यूडोर और एक निजी कंपनी हैवी क्रूड पाइपलाइन (OCP) द्वारा किया जाता है।

इस तेल बिखराव के कारण हुए पर्यावरणीय क्षति ने इक्वाडोर के अदिवासी समुदायों को सबसे अधिक प्रभावित किया है, क्योंकि इक्वाडोरियन अदिवासियों का जनजीवन मछली पकड़ने और शिकार पर निर्भर करता है।

काथलिक नेताओं का सहयोग

महीनों बाद, अब न्यायिक सुनवाई के शुरू होने पर इस आपदा के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की खोज की जा रही है। 117 कैथोलिक नेताओं के एक समूह ने मामले की देखरेख करने वाले न्यायाधीश को एक संक्षिप्त विवरण भेजा। अपने पत्र में उन्होंने प्रासंगिक मुद्दे की जानकारी देते हुए अपने तर्कों को प्रस्तुत किया है।

पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं में बुर्किना फासो के कार्डिनल फिलिप औएद्रोगो, दो महाधर्माध्यगण, 42 धर्माध्यक्षों, धर्मसंघ को वरिष्ठों अधिकरियों और लोकधर्मियों के संगठनों के भिन्न निदेशकगण शामिल हैं।

शोषणविहीन शोषण

पत्र में लिखा गया है, “विश्वासी भक्तों के रुप में,  हम सबसे जरूरी नैतिक प्रश्नों में से एक की ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं जिसे लातिनी अमेरिका का अमाजोन प्रांत सामना कर रहा है।”

काथलिक नेताओं का कहना है कि इक्वाडोर आपदा “पारिस्थितिक और मानव स्वास्थ्य संकट के लंबे इतिहास में दुखद रूप से कई हालिया उदाहरणों में से एकमात्र है जो प्राकृतिक संसाधनों के अनपेक्षित निष्कर्षण और शोषण का परिणाम है।” पत्र में विश्वास के कारण उत्पन्न होने वाले अपने सामाजिक कर्तव्यों का हवाला देते हुए मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने की अपनी मांग रखी गई है।

सुधार और रोकथाम

काथलिक अगुवों ने आदिवासी समुदायों के अधिकारों का बचाव करते हुए “विनाशकारी खुदाई की निंदा की  और राज्यों को इस संबंध में अपने दायित्वों को पूरा करने हेतु निवेदन किया। उन्होंने आग्रह किया, “आदिवासियों के प्रति किये गये अन्याय को न्याय मिले, तेल फैलाव से क्षतिग्रस्त समुदायों और पारिस्थितिक तंत्रों को हुए नुकसान की मरम्मत के लिए व्यापक और तत्काल उपाय किये जायें।”

अपने न्यायिक मांग प्रेषित पत्र के अंत में काथलिक नेताओं ने लिखा कि निवारक रणनीति लागू किया जाये ताकि इक्वाडोर जैसी गंभीर घटनाएं अमाजोन के किसी और देश में न दुहराई जायें।”

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20 August 2020, 16:11