तुर्की: हागिया सोफिया महागिरजाघर बनेगी मस्जिद
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
इस्ताम्बुल, सोमवार 13 जुलाई 2020 (वाटिकन न्यूज) : तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगान ने शुक्रवार को एक फरमान जारी किया, जिसमें ऐतिहासिक हागिया सोफिया को मुस्लिम प्रार्थनाओं के लिए 24 जुलाई तक खोलने का आदेश दिया गया।
डिक्री ने तुर्की की शीर्ष प्रशासनिक अदालत से एक फैसले का पालन किया जिसने प्राचीन इमारत के रूपांतरण को अवैध बताया जिसके अनुसार हागिया सोफिया को संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया था।
1934 से, यह इमारत धार्मिक सद्भाव का एक जीवंत उदाहरण है। हाल के वर्षों में यह तुर्की में सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण बन गया है, जो 2019 के दौरान 3.5 मिलियन से अधिक आगंतुकों को आकर्षित किया था।
लंबा इतिहास
हागिया सोफिया महागिरजाघर को बीजान्टिन ईसाई सम्राट जस्टिनियन द्वारा 537 में बनाया गया था। हागिया सोफ़िया जिसका मतलब है 'पवित्र विवेक', यह इमारत करीब 900 साल तक पूर्वी ऑर्थोडॉक्स कलीसिया का मुख्यालय रही। 1453 में इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य के सुल्तान मेहमद द्वितीय ने कस्तुनतुनिया पर कब्ज़ा कर लिया, उसका नाम बदलकर इस्तांबूल कर दिया और इस तरह बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य का खात्मा हमेशा के लिए हो गया।
सुल्तान मेहमद ने आदेश दिया कि हागिया सोफ़िया की मरम्मत की जाए और उसे एक मस्जिद में तब्दली कर दिया जाए। इसमें पहले जुमे की नमाज़ में सुल्तान ख़ुद शामिल हुए। ऑटोमन साम्राज्य को सल्तनत-ए-उस्मानिया भी कहा जाता है।
आधुनिक तुर्की के निर्माता कहे जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया और इसी सिलसिले में हागिया सोफिया को मस्जिद से म्यूज़ियम में बदल दिया। 1935 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया तब से यह दुनिया के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक रहा है। बाद में यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल बन गया।
संत पापा फ्राँसिस की प्रतिक्रिया
रविवार 12 जुलाई को संत पेत्रुस महागिरजा घर के प्रांगण में देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के उपरांत विश्वासियों को संबोधित करते हुए कहा, इस्तांबुल में इस सप्ताह राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान ने हागिया सोफिया संग्रहालय को वापस मस्जिद में बदलने के अपने फैसले की घोषणा की। "मैं हागिया सोफिया के बारे सोचता हूँ। इसे मस्जिद में बदलने के फैसले से मैं बहुत दुखी हूँ।"
प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम की चेतावनी
महागिरजाघर के एक मस्जिद में वापस रूपांतरण के कारण, कांस्टांटिनोपल के पूर्वी ऑर्थोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम ने इस निर्णय पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि हागिया सोफिया केवल उन लोगों की नहीं है, जो इस समय के मालिक हैं, बल्कि पूरी मानवता की है।
उन्होंने कहा, "इस अद्भुत स्मारक की सार्वभौमिकता को बनाने के लिए तुर्की के लोगों की बड़ी ज़िम्मेदारी और सम्मान है। एक संग्रहालय के रूप में यह "ईसाई और इस्लाम के बीच आपसी समझ, संवाद और एकजुटता का प्रतीकात्मक स्थान है।" 300 मिलियन ऑर्थोडोक्स ईसाइयों के आध्यात्मिक धर्मगुरु बार्थोलोम ने आगे चेतावनी दी कि यह फरमान "दुनिया भर के लाखों ईसाइयों को "इस्लाम के खिलाफ बात-चीत करने के लिए प्रेरित करेगी।"
मास्को के प्राधिधर्माध्यक्ष
इससे पहले सप्ताह में, रूसी ऑर्थोडोक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल ने भी चिंता व्यक्त की थी कि हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलना ईसाई धर्म के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा, "लाखों ईसाइयों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को नहीं सुना गया।"
वैश्विक धरोहर
यूनेस्को ने कहा कि इमारत को एक संग्रहालय के रूप में अपनी विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया है, जो तुर्की राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करता है कि "संपत्ति के उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के लिए भवन में कोई परिवर्तन या संशोधन नहीं किया जा सकता है।"
यूरोपीय संघ की निराशा
ब्रसेल्स में पत्रकारों से बात करते हुए, यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री, जोसेफ बोरेल ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त की।
बोरेल ने कहा, "तुर्की की राज्य परिषद द्वारा आधुनिक तुर्की के ऐतिहासिक फैसलों में से एक को रद्द करने और राष्ट्रपति एर्दोगान के निर्णय को धार्मिक मामलों के प्रबंधन के तहत स्मारक को बदलने का निर्णय खेदजनक है।"
तुर्की द्वारा आलोचना का बचाव
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि सभी आलोचना "हमारी स्वतंत्रता के खिलाफ एक हमला है।" उन्होंने कहा कि हागिया सोफिया को वापस मस्जिद में बदलने के लिए तुर्की ने अपने संप्रभु अधिकार का प्रयोग किया है।
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