डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में विस्थापितों के शिविर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में विस्थापितों के शिविर 

विश्व में 8 करोड़ लोग बलात विस्थापित

20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के मद्देनजर, संयुक्त राष्ट्र संघीय शरणार्थी आयोग यू.एन.एच.सी.आर. ने अपनी वार्षिक ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट जारी की, जिसमें दर्शाया गया कि अकेले 2019 में 8 करोड़ लोग बलात विस्थापित किये गये।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफरय वाटिकन सिटी

जिनिवा, शुक्रवार, 19 जून 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो): 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के मद्देनजर, संयुक्त राष्ट्र संघीय शरणार्थी आयोग यू.एन.एच.सी.आर. ने अपनी वार्षिक ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट जारी की, जिसमें दर्शाया गया कि अकेले 2019 में 8 करोड़ लोग बलात विस्थापित किये गये।

गुरुवार को प्रकाशित यू.एन.एच.सी.आर. की रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध, हिंसा, उत्पीड़न तथा अन्य आपात कारणों की वजह से लोग अपने घरों से पलायन के लिये बाध्य हुए।    

उच्चतम रिकार्ड

20 जून को मनाये जानेवाले विश्व शरणार्थी जिवस के उपलक्ष्य में जारी उक्त रिपोर्ट के अनुसार, विगत दशक में विस्थापितों का यह उच्चतम रिकार्ड है, जिससे निर्धन एवं विकासशील राष्ट्र सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। यू.एन.एच.सी.आर. के उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रान्दी ने कहा, जब से नियमित रूप से शरणार्थियों एवं विस्थापितों के आँकड़े रखे जा रहे हैं तब यह उच्चतम रिकार्ड है जो हमारी चिन्ता कारण है। उन्होंने कहा, "यह दुनिया की आबादी का लगभग एक प्रतिशत है: हम कभी भी इस महत्वपूर्ण प्रतिशत तक नहीं पहुंचे हैं।"

निर्धन राष्ट्र  

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि हालाँकि विस्थापन का मुद्दा सभी राष्ट्रों को प्रभावित करता है, आंकड़ों से पता चला है कि वे ग़रीब देश ही हैं जो लगभग 85 प्रतिशत अपने घरों से विस्थापित हुए लोगों की मेज़बानी कर रहे हैं।

विस्थापितों में सर्वाधिक लोग वेनेज़ुएला, दक्षिण सूडान, अफ़गानिस्तान, केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र, म्यानमार, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, बुरकीना फासो तथा सिरिया के हैं, जो युद्ध, उत्पीड़न, हिंसा एवं अन्य आपदाओं के कारण अपने घरों से पलायन के लिये बाध्य हुए हैं।  

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19 June 2020, 11:08