अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रेस सम्मेलन, वाशिंगटन, 10.06.2020 अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रेस सम्मेलन, वाशिंगटन, 10.06.2020 

अमरीकी धार्मिक स्वतंत्रता जांचकर्ताओं को वीज़ा नहीं

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "हम अपने नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर उच्चारण करने के लिए किसी 'विदेशी इकाई/ सरकार' के लिए कोई लोको स्टैंडी नहीं देखते हैं।"

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, शुक्रवार, 12 जून 2020 (सी.एन.आ.): भारत ने अमेरिकी प्रतिनिधियों को देश में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की जाँच करने से रोक दिया है।

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी संयुक्त राज्य अमरीकी आयोग की रिपोर्ट के बाद जाँच का फैसला लिया गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में ख्रीस्तीय, इस्लाम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध भेदभाव एवं दुर्व्यवहार होता रहा है। 2020 की मानवाधिकार रिपोर्ट में भारत को "विशेष चिंता का देश" बताया गया है।

कोई लोको स्टैंडी नहीं

इंडियाटुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "हम अपने नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर उच्चारण करने के लिए किसी 'विदेशी इकाई/ सरकार' के लिए कोई लोको स्टैंडी नहीं देखते हैं।"

अमरीकी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि भारत का संविधान धर्म की स्वतंत्रता की रक्षा करता है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संवैधानिक शर्त में हेरफेर कर यह कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता "सार्वजनिक कानून और व्यवस्था के अधीन है"। आयोग के अनुसार, हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए इस क्लॉज का उपयोग किया गया है।

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12 June 2020, 11:48