संत मार्टिन समुदाय 20 वर्षीय जुबली समारोह संत मार्टिन समुदाय 20 वर्षीय जुबली समारोह  कहानी

निर्बलों एवं असहायों की सेवा में समर्पित एक समुदाय

केन्या में बीस वर्षों से, संत मार्टिन समाज सेवा समुदाय सड़क पर रहने वाले बच्चों, विकलांगों और नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों के साथ काम कर रहा है। इस समुदाय की स्थापना 1999 में हुई। इस संस्था का प्रबंधन गत वर्ष फादर मारियानो दाल पोंटे ने केन्याई स्वयंसेवक और वकील इरेन वामिटी के हाथों में दिया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन रेडियो

न्याहुरुरु, शुक्रवार 1 मई 2020 (वाटिकन न्यूज) : न्याहुरुरु भूमध्य रेखा से केवल 3 किमी और केन्या की राजधानी नैरोबी से 200 किमी दूर है। न्याहुरुरु में करीब एक लाख लोग बसते हैं। यह हेन्नलैंड और ग्रामीण क्षेत्र सहित, दुनिया की सबसे बड़ी विवर्तनिक खाई रिफ्ट घाटी के बीच स्थित है, जो सीरिया से मोज़ाम्बिक तक लगभग 6,000 किलोमीटर तक फैला है। यहां संत मार्टिन समाज सेवा केंद्र 1999 में खोला गया था। इसकी स्थापना इटली के फिदेई डोनम धर्मसंघ के मिशनरी फादर गाब्रिएल पिपिनातो ने की थी। फोन्ताना ओनलुस फाउंडेशन और इटली के पदुआ धर्मप्रांत के सहयोग से काम जारी है। केन्या में पादुआ धर्मप्रांत 1965 से सक्रिय है। संत मार्टिन समाज सेवा केंद्र कमजोर लोगों की विभिन्न श्रेणियों, जैसे सड़क के बच्चों, विकलांग लोगों और नशीली दवाओं का लत पड़े लोगों की सहायता करता है। स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ, इसमें 700 स्वयंसेवक और 65 कर्मचारी शामिल हैं। इसका आदर्श वाक्य है,"केवल समुदाय के माध्यम से।"  संत मार्टिन समुदाय ने 11 नवंबर 2019 को अपनी 20वीं वर्षगांठ मनाई।

केन्या में एक इटली के पुरोहित की कहानी

केन्या में पादुआ धर्मप्रांत के एक अन्य फिदेई डोनम पुरोहित,  फादर  मारियानो दाल पोंते  ने 2012 से 2019 तक संगठन का नेतृत्व किया। हाल ही में वे इटली लौटे और वाटिकन न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि वे "अभी भी उस समुदाय को प्यार करते हैं। यह समुदाय उसके जीवन में ईश्वर का दिया हुआ सबसे बड़ उपहार है। एक पुरोहित के रुप में उन्होंने केन्या में प्रेम, एकता और बंधुत्व का जीवन जीते हुए सुसमाचार को जीया। वे बताते हैं कि संत मार्टिन एक ऐसा स्थानीय समुदाय है जहाँ स्वयंसेवक न केवल "सबसे कमजोर, गरीब और जरुरतमंदों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं बल्कि उनके द्वारा खुद को परिवर्तित करने के लिए" भी खुले हुए हैं।

संत मार्टिन के 20वीं वर्षगांठ के समारोह में फादर मरियानो दाल पोन्ते
संत मार्टिन के 20वीं वर्षगांठ के समारोह में फादर मरियानो दाल पोन्ते

संत मार्टिन की स्थापना

संत मार्टिन की कहानी नब्बे के दशक में शुरू हुई, जब फादर गाब्रियल पिपिनातो ने, एक विकलांग लड़के थॉमस से मुलाकात की, जो सचमुच "एक कमरे में बंद" था। फादर मरियानो कहते हैं कि उनके जैसे विकलांग लोग शापित माने जाते थे और इस लिए उन्हें अपने घरों में छिपा कर या कमरे में बंद रखा जाता था।

फादर गाब्रिएल को घर, खेत और जानवरों को आशीष देने के लिए बुलाया गया था। घर की आशीष देते वक्त संयोग से फादर की नजर बेचारे थॉमस पर पड़ी जो एक कमरे के कोने में दुबका पड़ा हुआ था। थॉमस को देखते ही फादर गाब्रिएल को एहसास हुआ कि उसे कुछ करना है और उन्होंने संत मार्टिन संगठन की शरुआत की। आज यह संगठन केन्या के तीन क्षेत्रों में सक्रिय है: बिंगो, लाईकिपिया और न्यंडारुआ। सब कुछ, विकलांगों के लिए एक परियोजना के साथ शुरू हुआ, जिसे हाल ही में लारके समुदाय को सौंपा गया था, जिसे जोन वानियर द्वारा स्थापित किया गया था। संगठन सड़क पर रहने वाले बच्चों, नशा करने वालों, शांति और मेल-मिलाप और एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों के लिए परियोजनाएँ चला रही है। सबसे हालिया परियोजना बौद्धिक विकलांग लोगों के लिए समर्पित है।

संत मार्टिन का 20वीं वर्षगांठ समारोह
संत मार्टिन का 20वीं वर्षगांठ समारोह

परियोजनाएं

फादर मारियानो ने कहा, "हमारा प्रेरितिक कार्य एक प्रकार का सामाजिक कार्य है," जिसकी कोई सीमा नहीं है और जहाँ सभी अपनापन महसूस करते हैं। वे तीन केंद्रों में सड़क पर रहने वाले बच्चों का स्वागत करते हैं और उनके साथ एक पुनर्वास परियोजना चलाते हैं। वे बच्चों को अपने घरों से बाहर होने का कारण समझने की कोशिश करते हैं और उन्हें परिवार में वापस भेजने की कोशिश करते है। संभव न होने पर उनके लिए पालक माता-पिता की तलाश करते हैं। संगठन कई वर्षों से बच्चों का पालन कर रहा है। यह परियोजना अब कठिनाई में पड़े सभी बच्चों का देखभाल करती है। न्याहुरुरु  के किशोर न्यायालय के माध्यम से, हिंसा का शिकार होने वाली लड़कियों को भी संत मार्टिन समुदाय को दिये जाते हैं "और इसलिए हमारे पास एक महिला केंद्र है जहाँ इन सभी छोटी लड़कियों को रखा जाता है।" समाज में मानसिक रुप से कमजोर लोगों को बेकार और सबसे लाचार समझा जाता है। संत मार्टिन मानसिक रुप से कमजोर लोगों के परिवार वालों को उनकी देखभाल और उनका साथ देने के लिए प्रशिक्षण देता है जाकि वे अपने लोगों के बीच सम्मान और गरिमा का जीवन जी सकें।

संत मार्टिन की सहायता
संत मार्टिन की सहायता

लॉरेंस की वापसी

संत मार्टिन के बीस साल की कई कहानियां हैं। फादर मरियानो सड़क में रहने वाले विकलांग लड़के लॉरेंस (काल्पनिक नाम) को याद करते हैं जिसके परिवार का कोई पता नहीं चला। पुनर्वास केंद्र में लॉरेंस का स्वागत किया गया। उसने बैसाखी के सहारे चलना सीखा, स्कूली शिक्षा पूरी की। अपने दोस्तों के साथ, वह आगे पढ़ा और शिक्षक बन गया। पिछले साल, एक व्यक्ति जो हम में से किसी को भी नहीं पहचानता था, सप्ताह की शुरुआत में सुबह की प्रार्थना के लिए आया था। हमेशा की तरह, सभी मेहमानों ने नमस्ते कहा और उन्होंने कहा, 'शायद आप मुझे याद नहीं करते, मैं लॉरेंस हूँ, मैं आपको धन्यवाद देने आया हूँ क्योंकि आपने मुझ पर विश्वास किया और मैं एक हाई स्कूल शिक्षक बन गया। अब मैं शादी कर रहा हूँ। मैं आपको अपनी शादी का निमंत्रण देने आया हूँ। मुझे कोई उपहार नहीं चाहिए, लेकिन मैं संत मार्टिन को आर्थिक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हूँ, ताकि एक और सड़क में जीने वाला बच्चा जिसका आप स्वागत करते हैं, उसे मेरे समान अध्ययन करने का अवसर मिले।" फादर मरियानो ने कहा कि यह समुदाय द्वारा किये गये अच्छे कामों का एक उदाहरण है। संगठन ने अनेक लोगों के जीवन को बदल दिया है।

संगठन की बैठक
संगठन की बैठक

केवल समुदाय के माध्यम से

समुदाय की दैनिक प्रतिबद्धता परियोजना के लाभार्थियों पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य समाज में सबसे कमजोर लोगों को यदि संभव हो तो, कार्यस्थल में शामिल करने हेतु बढ़ावा देना है, लेकिन प्रतिबद्धता वहाँ समाप्त नहीं होती है। संगठन का आदर्श वाक्य है "केवल समुदाय के माध्यम से।" संगठन के सदस्य स्कूलों, संस्थानों और ईसाई समुदायों में जाकर कमजोर और लाचार लोगों को शामिल करने और डॉक्टरों, शिक्षकों,वकीलों को नि: शुल्क देखभाल करने के लिए प्रेरित करते हैं, ताकि वे हाशिये पर न रहें। संत मार्टिन समुदाय न केवल कमजोर और लाचार लोगों की मदद करता परंतु उनके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों को भी उन्हें समझने और स्वीकार करने हेतु प्रेरित करते हैं। उनके प्रति सकारात्मक भावना पूरे समाज में परिवर्तन लाता है। फादर मारियो कहते हैं कि संत मार्टिन समुदाय अखिल ख्रीस्तीय संगठन हैं। हम जरुरत मंद व्यक्ति से जुड़ने के साथ-साथ उस कलीसिया से भी जुड़ते हैं जिसका वह सदस्य है ताकि अपनी कलीसिया में भी उसका स्वागत और सम्मान मिले।

जरूरतमंद परिस्थितियों में

फादर मारियानो कहते हैं कि न्याहुरूरु संत मार्टिन मुख्यालय से हर सुबह संगठन के सामाजिक कार्यकर्ता लगभग 80 किमी के दायरे में चले जाते हैं। वे क्षेत्र के आधार पर स्वयंसेवकों या ज़रूरतमंदों से मिलते हैं और वे जमीनी स्तर पर गावों में समुदाय को शामिल करते हैं। संत मार्टिन, गांवों में और गाँव के लोगों के बीच का समुदाय है। यह एक संगठन नहीं है जो प्रदान की जाने वाली देखभाल को संस्थागत रूप देता है। इसके बजाय, यह परिवारों तक पहुंचता है, छोटे ग्रामीण केंद्रों में भी, जरूरतमंद व्यक्ति के आसपास के लोगों को शामिल करने की कोशिश करता है। जरुरत पड़ने पर स्वयंसेवकों को नियुक्त करता है। यहां तक कि संगठन इन स्वयंसेवकों को विकलांगता, विशिष्ट आवश्यकताओं और आध्यात्मिक तैयारी हेतु पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान करता है। फिर परियोजना की निगरानी की जाती है। जब अस्पताल की देखभाल की आवश्यकता होती है, तो रोगी को उपयुक्त केंद्रों में उपचार दिया जाता है।

समुदाय के स्वंसेवक
समुदाय के स्वंसेवक

अल-शबाब और टिड्डियाँ

केन्या के मध्य भाग में, जहाँ संगठन संचालित होता है, विशेष रूप से न्याहुरुरु के केंद्र से दूर के क्षेत्रों में ग्रामीण लोग बहुत गरीब हैं और तंग हालत में जीवन व्यतीत करते हैं। शराबी पिता या माता अपने बच्चों को घर में भोजन के बिना छोड़ देते हैं। उस देश की बड़ी समस्या यह है कि अभी भी देश भ्रष्टाचार, सामाजिक असमानता, बेरोजगारी और अल-शबाब समूह द्वारा जिहादी हमलों से जुड़ी हिंसा से ग्रस्त है। हाल के सप्ताहों में लाखों टिड्डियों के आक्रमण के कारण वन भंडार और जानवरों का भारी नुकसान हुआ है।

एक महिला के हाथों में भविष्य

फादर मारियानो कहते हैं कि  केन्या अभी भी वहां रहने वाले लोगों, प्रकृति और क्षमता के दृष्टिकोण से "एक सुंदर देश" है। उन्हें उम्मीद है कि ये लोग अपनी संस्कृति के "उन सभी सौंदर्य और अच्छाई को संजोए रखेंगे जो इसकी जड़ों के भीतर होती हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे पश्चिमी देशों की "उभरती हुई अर्थव्यवस्था के चकाचौंध" को अपने देश में नहीं आने देंगे। वे अपने लोगों की विशिष्टता और मौलिकता को बचा पायेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में संत मार्टिन और इसी तरह की  अन्य परियोजनाओं को चलाना आसान है। जब फादर मारियानो इटली लौट आये, तो संत मार्टिन संस्था का प्रबंधन एक वकील इरेन वामिटी के हाथों में चली गई जो केन्या के सुप्रीम कोर्ट के लिए काम करती है। 55 वर्षीय इरेन बीस साल पहले संत मार्टिन में स्वयंसेवक बनने वाले पहले लोगों में से एक है। अब वह दर्जनों लड़कों, लड़कियों, महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्ग लोगों की प्रभारी हैं जो आत्मनिर्भर नहीं हैं। बिना किसी मदद के उनका परिवार उन्हें अपने भाग्य पर जीने या मरने छोड़ देंगे।

एक समारोह के दौरान इरेन वामिटी (दाहिने)
एक समारोह के दौरान इरेन वामिटी (दाहिने)

फादर मारियानो कहते हैं कि इरेन ने संत मार्टिन की बागडोर निदेशक के रूप में और एक स्वयंसेवक के रूप में संभाला। इरेन को उनके द्वारा किए गए काम के लिए वेतन नहीं मिलता है और वे संत मार्टिन का इतिहास न केवल जानती हैं परंतु उसकी परवाह भी करती हैं। वे एक महिला और एक प्रशिक्षित पेशेवर भी है। यह लैंगिक समानता का एक सुंदर संकेत है, केन्या की कलीसिया और केन्या में समाज के भीतर ये बहुत ही मायने रखता है। फादर मारियानो के अनुसार, संत मार्टिन स्थानीय अफ्रीकी समुदाय को सौंपा गया है, अब यह अपने पैरों पर चल सकता है। वे न्याहुरुरु में बिताये वर्षों के अनुभवों को नहीं भूल सकते। उनहोंने केन्या लौटने का वादा करते हुए अपनों से विदा ली, भले ही वह कुछ दिनों की यात्रा ही सही। केन्या में उनके बहुत सारे मित्र हैं जिनके साथ उन्होंने बीस सालों तक दुःख और सुख को साझा किया था। वे कहते हैं, "दोस्ती हमेशा के लिए रहती है।"

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01 May 2020, 11:32