चेर्नोबिल ओर बढ़ती जंगल की आग चेर्नोबिल ओर बढ़ती जंगल की आग 

चेर्नोबिल पावर प्लांट की ओर बढ़ती जंगल की आग

पर्यावरण कार्यकर्ता चिंतित हैं कि प्रमुख जंगल की आग जो एक सप्ताह से जल रही है, अब परित्यक्त चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

यूक्रेन, बुधवार,15 अप्रैल 2020 (वाटिकन न्यूज): 3 अप्रैल को असामान्य रूप से सूखे मौसम के बाद शुरू हुई प्रमुख जंगलों की आग से यूक्रेन की आपातकालीन सेवा मंगलवार को भी जारी रही।

 भीषण आग

विमान द्वारा सैकड़ों अग्निशामकों ने जंगलों में लगी प्रारंभिक आग को बुझाने में सफल हो गये थे, लेकिन नई आग अब परित्यक्त चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के करीब पहुंच रही है।

देश के अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और शांत रहने की अपील की है। पुलिस ने पहले ही एक 27 वर्षीय स्थानीय निवासी को गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर जानबूझकर आग लगाने का आरोप है।

सोमवार की देर रात राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने आग के संबंध में पारदर्शिता का वादा किया। उन्होंने कहा। "समाज को सच्चाई का पता होना चाहिए और सुरक्षित रहना चाहिए।"

लेकिन जैसे-जैसे आग उस ख़राब पॉवर स्टेशन के पास आती जा रही है, चिंता बढ़ती जा रही है। यह 1986 में दुनिया की सबसे ख़राब परमाणु आपदा का स्थल था।

चेर्नोबिल

ग्रीनपीस जैसे पर्यावरणीय संगठनों का कहना है कि  जंगल में औग विस्फोट स्थल से केवल एक किलोमीटर की दूरी पर है। एरियल फुटेज में संयंत्र के पास बहिष्करण क्षेत्र के आसपास झुलसे हुए, काले हुए पृथ्वी और जले हुए पेड़ों की छवियां दिखाई गईं।

एक चेर्नोबिल टूर ऑपरेटर ने भी स्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि आग दो किलोमीटर दूर पिपरियात के छोड़े गए शहर में पहुंच गई, जहां से "पूरे चेर्नोबिल क्षेत्र का सबसे सक्रिय विकिरण अपशिष्ट" स्थित है।

हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों ने डर को दूर करने की कोशिश की है। वे कहते हैं कि बहिष्करण क्षेत्र में विकिरण स्तर, नहीं बदला था और पास के कीव, देश की राजधानी में, सामान्य स्तर से अधिक नहीं था।

एक परित्यक्त क्षेत्र

चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र को छोड़ दिया गया है और करीब तीस साल पहले नंबर 4 रिएक्टर पर परमाणु दुर्घटना के बाद से ही पिपरियात शहर निर्जन था। इन दिनों लोगों को साइट के 30 किमी के दायरे में रहने की अनुमति नहीं है। चेर्नोबिल में तीन अन्य रिएक्टरों ने 2000 में संयंत्र बंद होने तक बिजली उत्पन्न करना जारी रखा।

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15 April 2020, 16:37