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कोविद -19 : दक्षिण एशिया में बच्चों के टीकाकरण में बाधा

दक्षिण एशिया 4.5 मिलियन बच्चों का घर है जिन्हें या तो टीका नहीं लगाया गया है या केवल आंशिक रूप से टीका लगाया गया है। उनमें से कुछ 97% बच्चे भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

यूनिसेफ, बुधवार 29 अप्रैल 2020 (वाटिकन न्यूज) : संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, यूनिसेफ ने मंगलवार को चेतावनी दी कि यदि पूरे क्षेत्र में बच्चों को उनके जीवन रक्षक वैक्सीन नहीं मिले तो एक और स्वास्थ्य आपातकाल का सामना करना पड़ सकता है।

यूनिसेफ ने कहा कि दुनिया के लगभग एक चौथाई गैर-प्रतिरक्षित या आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चे - लगभग 4.5 मिलियन बच्चे - दक्षिण एशिया में रहते हैं। उनमें से लगभग 97 % भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहते हैं।

विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह

यह चेतावनी विश्व टीकाकरण सप्ताह 24 से 30 अप्रैल के दौरान आती है, जिसे अप्रैल के अंतिम सप्ताह में प्रतिवर्ष चिह्नित किया जाता है। सप्ताह का उद्देश्य सभी उम्र के लोगों को बीमारी से बचाने के लिए टीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है। टीकाकरण हर साल लाखों लोगों की जान बचाता है और व्यापक रूप से दुनिया के सबसे सफल और लागत प्रभावी स्वास्थ्य हस्तक्षेपों में से एक के रूप में पहचाना जाता है।

फिर भी दुनिया में लगभग 20 मिलियन बच्चों को आज वे टीके नहीं मिल रहे हैं जिनकी उन्हें जरूरत है।

कोविद -19 टीकाकरण में बाधा

यूनिसेफ ने कहा कि  कोरोना वायरस आपातकाल के तहत लॉकडाउन के साथ, नियमित टीकाकरण गंभीर रूप से बाधित हो गया है और माता-पिता अपने बच्चों को नियमित टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाने के लिए अनिच्छुक हैं।

खसरा और डिप्थीरिया सहित वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियों के छिटपुट प्रकोप बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल के कुछ हिस्सों में पहले ही दिखाई दे चुके हैं।

दक्षिण एशिया में, अफगानिस्तान और पाकिस्तान पोलियो का भी घर है।

दक्षिण एशिया के लिए यूनिसेफ के क्षेत्रीय कार्यालय के स्वास्थ्य सलाहकार पॉल रट्टर के अनुसार, "वैक्सीन का स्टॉक इस क्षेत्र के कुछ देशों में खतम हो गया है क्योंकि आपूर्ति श्रृंखलाएं यात्रा प्रतिबंध और रद्द उड़ानों के साथ बाधित हुई हैं।" उन्होंने कहा, "टीकों का निर्माण भी बाधित हो गया है जिसकी वजह से टीकों की आपिर्ति में कमी हुई है।"

महामारी - टीकाकरण

कोरोना वायरस महामारी के कारण, पूरे क्षेत्र में कई स्वास्थ्य सुविधाएँ, जहाँ लाखों बच्चे सामान्य रूप से टीका लगाए जाते हैं, उन्हें बंद कर दिया गया है और घर-घर जाकर टीके लगाये जाने वाले सभी कार्यक्रम को निलंबित कर दिया गया है।

यूनिसेफ ने दृढ़ता से सिफारिश की कि, जहां टीकाकरण अभियान निलंबित हैं, सरकारें कोविद -19 महामारी नियंत्रण में होने के बाद टीकाकरण गतिविधियों को तेज करने के लिए अब आपातकालीन योजना बनाना शुरू करे।

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29 April 2020, 18:08